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November 11, 2024

सरकारी विज्ञापनों को राजनीतिक तौर पर प्रकाशित करने पर दिल्ली एलजी और सरकार में ठनी, आप पार्टी को 97 करोड़ का नोटिस

दिल्ली में सरकार और उप राज्यपाल के बीच विवाद चोली दामन का साथ है। जहां सीएम के लेकर तमाम विधायक और मंत्री उपराज्यपाल पर सरकार के काम में बार बार अड़ंगा लगाने का आरोप लगाते हैं, वहीं उपराज्यपाल की ओर से भी विभिन्न मामलों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। अब नया विवाद फिर से पैदा हो गया है। दिल्ली के एलजी ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव को ये आदेश दिए हैं कि आम आदमी पार्टी ने जो राजनीतिक विज्ञापन सरकारी विज्ञापन के तौर पर दिए उसके लिए 97 करोड़ रुपये चुकाएं। बता दें कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों के रूप में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए ये निर्देश दिया है। एलजी के निर्देश 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश, 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश और 2016 के सीसीआरजीए के आदेश के मद्देनजर आया है, जिसका आप सरकार पर उल्लंघन का आरोप है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है पूरा प्रकरण
साल 2015 में अरविंद केजरीवाल पूर्ण बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने। अपनी सरकार के कामों का और फैसलों का उन्होंने प्रचार शुरू किया। मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से दिए जाने वाले विज्ञापन को लेकर एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के आधार पर अप्रैल 2016 में एक 3 सदस्य कंटेंट रेगुलेशन कमेटी बनी। अगस्त 2016 में दिल्ली सरकार बनाम LG (अधिकार मामला) में दिल्ली सरकार हाईकोर्ट में केस हार गई तो केजरीवाल सरकार के सभी फैसलों की जांच शुरू हुई। केजरीवाल सरकार में जितने भी विज्ञापन दिए गए, उन सभी को उस कमेटी को रेफर कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सदस्य समिति ने आरोप लगाया कि ₹97 करोड़ के जो विज्ञापन दिए गए थे, वे नियम के मुताबिक नहीं थे। इनको राजनीतिक विज्ञापन कहा गया। इसलिए तभी से आम आदमी पार्टी से ₹97 करोड़ वसूल करने के आदेश दिए गए। नजीब जंग जब उपराज्यपाल हुआ करते थे, यह मामला तब का है। मौजूदा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना आजकल सभी पुराने मामले उठा रहे हैं, उसी में ये भी एक है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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