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December 21, 2025

केजरीवाल बोले-प्रधानमंत्रीजी मैं बेहद व्यथित, आपसे बात करना चाहता हूं, ऐसे देश कैसे चलेगा, गरीब के साथ कौन खड़ा होगा

दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर रोक के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी व्यथित दिखे।

दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर रोक के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी व्यथित दिखे। साथ ही वे केंद्र सरकार पर हमलावर भी नजर आए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस मसले को लेकर सीधे पीएम से बात करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि-प्रधानमंत्री जी आज मैं बेहद व्यथित हूं और सीधे आपसे बात करना चाहता हूं। अगर मुझसे कोई भूल हो जाए तो मुझे माफ कर दीजिएगा। दिल्ली में अगले हफ्ते से घर का राशन पहुंचाने का काम शुरू होने वाला था। यानी अब किसी व्यक्ति को राशन के लिए धक्के नहीं खाने पड़ते, बल्कि राशन उसके घर आ जाता। इसके लिए सारी तैयारी हो चुकी थी और अगले हफ्ते से शुरू होने वाला था। यह क्रांतिकारी कदम होने वाला था और अचानक आपने 2 दिन पहले इसको रोक दिया।
राशन माफिया से परेशान होती आई जनता
केजरीवाल यहीं नहीं रुके और बोले-बीते 75 साल से देश की जनता राशन माफिया से परेशान होती आई है। यह राशन माफिया बहुत ताकतवर है। आज से 17 साल पहले मैंने इस माफिया को ललकार ने की हिम्मत की थी। उस समय मैं दिल्ली की झुग्गियों में एक एनजीओ में काम करता था।
केजरीवाल ने कहा कि उस समय हम पर 7 बार हमले हुए और हमारी एक बहन का गला भी काटा गया। तब हमने कसम खाई कि हम 1 दिन इस सिस्टम को ठीक करेंगे। राशन माफिया के तार बहुत ऊपर तक है। 75 साल में आज तक कोई सरकार इस माफिया को खत्म करने की हिम्मत नहीं कर पाई। दिल्ली में पहली बार एक सरकार आई है, जिसने यह हिम्मत दिखाई है। अगर यह घर का राशन योजना लागू हो जाती तो यह राशन माफिया खत्म हो जाता। अगले हफ्ते से यह योजना लागू होने वाली थी और इस राशन माफिया ने इसको खारिज करवा दिया। यह कहा जा रहा है कि हमने केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी नहीं ली। हमने एक बार नहीं बल्कि 5 बार आपकी मंजूरी ली है।
पांच बार ली मंजूरी
केजरीवाल ने कहा कि कानूनन हमें इस स्कीम को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है। इसे राज्य सरकार लागू करने के लिए सक्षम है। हम केंद्र सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते थे। इसलिए 5 बार आपकी मंजूरी ली। मार्च महीने में आप की सरकार ने कुछ आपत्ति लगाई। हमने वह सारी आपत्ति दूर कर दी।
नाम भी हटाया
आपने कहा कि इस योजना का नाम मुख्यमंत्री के नाम से नहीं रख सकते, तो हमने मुख्यमंत्री का नाम हटा दिया। जो भी आपत्ति आपने की, उसे हमने सारी मान ली और उसके बाद भी आप कहते हैं कि हमने आपकी मंजूरी नहीं ली। बताइए कैसे मंजूरी ली जाती है? इस सबके बाद भी आपने यह योजना खारिज क्यों कर दी है।
पिज्जा बर्गर की हो सकती है तो राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं
केजरीवाल ने सवाल किया कि अगर इस देश में पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफोन कपड़ों की होम डिलीवरी हो सकती है तो गरीबों के घरों में राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? सारा देश जानना चाहता है आपने यह स्कीम खारिज क्यों की? आपने यह भी लिखा है की कोर्ट में केस चल रहा है। इसलिए यह योजना खारिज की जा रही है। इस बात पर योजना कैसे खारिज हो सकती है? अगर आप राशन माफिया के साथ खड़े होंगे तो देश के गरीबों का क्या होगा? 20 लाख गरीब परिवारों की कौन सुनेगा?
पूरे देश में लागू करनी चाहिए ये योजना
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में जो केस है इस योजना के बारे में उस में केंद्र सरकार ने हमारी इस योजना पर कोई आपत्ति नहीं की है। ये कोरोना का कठिन समय है। मैं बहुत से ऐसे लोगों को जानता हूं जो संक्रमण होने के डर से राशन लेने नहीं जाते। इनमें से कई लोग कोरोना काल मे नौकरी भी खो चुके हैं। मुझे तो लगता है कि कोरोना काल में दिल्ली नहीं, पूरे देश में घर-घर राशन योजना लागू कर देनी चाहिए।
आपको ही दिया जाएगा क्रेडिट
अरविंद केजरीवाल के मुताबिक केंद्र सरकार के अफसर कह रहे हैं कि यह केंद्र सरकार की योजना है और इस योजना के लिए दिल्ली सरकार को क्रेडिट क्यों मिलना चाहिए। मैं यह काम क्रेडिट के लिए नहीं कर रहा। मेरा एक ही मकसद है किसी भी तरह गरीबों को पूरा राशन मिले। आप यह योजना लागू करवा दीजिए.. सारा क्रेडिट आपका, सारा श्रेय आपका। मैं खुद खड़ा होकर पूरी दुनिया से कहूंगा कि यह योजना मोदी जी ने लागू की है। यह राशन देश का राशन है। लोगों को लगने लगा है कि इतनी मुसीबत के समय में भी केंद्र सरकार सबसे झगड़ रही है। ममता दीदी, किसान, झारखंड, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र सरकार और दिल्ली के लोगों से झगड़ रहे हैं। लोग इस बात से बहुत दुखी हैं.. ऐसे देश कैसे चलेगा?

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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