मुख्य सचिव से मिला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल, सौंपा मांग पत्र

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के द्विवार्षिक अधिवेशन के बाद अब परिषद नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन से सचिवालय में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने इन अधिकारियों को परिषद की ओर से 18 सूत्रीय मांग भी सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे, प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट एवं आईटीआई घटक संघ के महामंत्री रविंद्र चौहान शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव को परिषद के द्विवार्षिक अधिवेशन का स्मृति चिह्न भेंट किया। चूंकि तत्समय विधानसभा सत्र में व्यस्त होने के कारण शासन के उक्त शीर्ष अधिकारी अधिवेशन में आतिथ्य ग्रहण नहीं कर पाए थे। ऐसे में परिषद की ओर से द्विवार्षिक अधिवेशन में नव चयनित पदाधिकारियों की सूची भी शासन के शीर्ष अधिकारियों को सौंपी गई। साथ ही परिषद के शीर्ष पदाधिकारियों ने समय सदन के समक्ष रखे गए 18 सूत्रीय मांगपत्र को भी मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव को सौंपते हुए इसके यथाशीघ्र निस्तारण की भी मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मुख्य मांगे
1.एसीपी के अन्तर्गत 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान दिये जाने के लिए विभिन्न विभागों में तीन पदोन्नति न प्राप्त कर सकने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकडा वित विभाग के पास एकत्र हो चुका है। तद्नुसार उक्त सुविधा को पूर्व की भॉति बहाल किए जाने की मांग पर वित्त विभाग के स्तर पर पृथक से बैठक कर निर्णय किया जाना है।
2. वेतन समिति के सम्मुख विभिन्न संवर्गों की वेतन विंसगति दूर किये जाने के लिए मजबूत पैरवी की गयी। साथ ही दिनांक 12.08.2022 की वार्ता में वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग पर परीक्षणोपरान्त ससमय रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के लिए निर्णय लिया जाना है।
3. पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को पूर्ववत लागू किया जाए।
4.परिषद के संज्ञान में यह आया है कि वर्तमान में कार्मिकों द्वारा गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु प्रस्तुत किये गए बिल की धनराशि योजनान्तर्गत कटौती के माध्यम से जमा की जा रही धनराशि के आसपास अथवा अधिक होने से भुगतान में कठिनाई आ रही है। इस सम्बन्ध में सरकार को भी पूर्व की व्यवस्थानुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति की धनराशि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को उपलब्ध कराए जाने की मांग पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को परीक्षण कर इस पर कठिनाई का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
5.विभिन्न विभागीय सघों द्वारा की गयी मांग पर विभिन्न घटक संघों की शासनस्तर पर वार्ता अयोजित की जाय। साथ ही जनपद, मण्डल एवं शासन के स्तर पर कार्मिक संगठनों के साथ बैठक हेतु कार्मिक सचिव द्वारा जारी किये गये निर्देश के अनुसार बैठकें आयोजित की जाने की मांग पर कार्मिक विभाग द्वारा पुनः सभी विभागों को पत्र निर्गत किए जाने का निर्णय लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

7.समस्त निगम, निकाय, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, अशासकीय विद्यालय सहित अन्य समान प्रकृति के कार्मिको को राज्य कर्मियों की भांति समस्त सुविधाएं अनुमन्य करने का निर्णय शासन स्तर पर किए जाने की मांग पर वित्त विभाग के स्तर से अग्रेत्तर कार्यवाही की जाना है।
8.एनपीएस के स्थान पर अन्य राज्यो यथा झारखण्ड, छतीसगढ व राजस्थान की भांति पुरानी पेशन व्यवस्था लागू किए जाने की मांग पर वित्त विभाग के स्तर से अग्रेत्तर कार्यवाही की जानी है।
9.विभिन्न विभागों में एकलपदों की पदोन्नति हेतु ढॉचा पुनर्गठन किए जाने हेतु महोदय की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जाना है।
10.वर्कचार्ज कर्मियों को मा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशानुसार अनुमन्य की गई पेंशन व ग्रेच्युटी के भुगतान को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के लिए शासन व सरकार के स्तर से कार्यवाही कर समस्या का समाधान किए जाने के लिए वित्त विभाग के स्तर से अग्रेत्तर कार्य़वाही की जानी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।