विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी से मिला कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल, विधानसभा सचिवालय के बर्खास्त कार्मिकों की पैरवी
उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के बर्खास्त कार्मिकों की पैरवी को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान इन कार्मिकों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए समाधान निकालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा गया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि उत्तराखंड विधानसभा के बाहर विगत दो माह से भी अधिक समय से अपनी बहाली को लेकर धरना दे रहे विधानसभा सचिवालय के बर्खास्त कार्मिकों की वर्तमान परिस्थितियों की ओर आपका ध्यान आकृषित कराना चाहते हैं। इनकी लगभग 06 से 07 वर्ष की तदर्थ सेवाओं को सितम्बर 2022 में समाप्त कर दिया गया है। रावत ने कहा कि आज इन कार्मिकों के सामने गम्भीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। उनके समक्ष परिवार के भरण पोषण एवं रोजी-रोटी को लेकर भी विकट परिस्थितियां खड़ी हो गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि सात वर्ष तक प्रदेश के इस सर्वोच्च संस्थान में पूर्ण ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ सेवाएं देने के बाद आज कई कार्मिक ओवरऐज हो गये हैं। बर्खास्तगी के बाद कई विकलांग एवं विधवा कर्मचारियों के सम्मुख जीवन यापन को लेकर गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई है। बच्चों की स्कूल तथा कॉलेज की फीस व बुजुर्ग माता-पिता की दवाई आदि खर्च वहन करने में दिन-प्रतिदिन ये कार्मिक असमर्थ होते जा रहे हैं। सात साल की सेवा के बाद किसी कार्मिक ने बैंक से लोन लेकर घर बना लिया है तो किसी ने जमीन खरीद ली है। किसी ने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए बैंक से ऋण लिया है, लेकिन नौकरी से हटाए जाने के बाद यह लोग बैंक लोन की किश्तो का भुगतान करने में भी असमर्थ हो गये हैं। इन्हें किश्तों को जमा कराये जाने हेतु बैंक से कानूनी नोटिस भी आने लगे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि ये सभी कार्मिक उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं। अधिकांश कार्मिक गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों से हैं। देहरादून में किराए के मकानों में रहकर अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा तथा बजुर्ग माता-पिता की देखरेख कर रहे हैं। इन कार्मिकों की उपरोक्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विधान सभा में पुनः इनकी बहाली को लेकर एक गम्भीर पहल की जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी से रायशुमारी कर कोई न्याय संगत उचित फैसला करने हेतु निवेदन किया। बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष से सभी ने अपेक्षा करते हुए कहा कि एक बार और वह पुनः पूरे प्रकरण पर पुर्नविचार करेंगी और निश्चित ही राज्यहित में फैसला लेंगी। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, विधायक हरीश धामी,प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, नवनीत सती, गिरीश पपनै शामिल रहे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
फर्जी तरीके से नियुक्ति पाए कार्मिकों के साथ कांग्रेस की हमदर्दी शर्मनाक है । इसीलिए कहते है कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । इनसे पहले की नियुक्तियां भी रद्द होनी चाहिए । कहा जा रहा है कि पुलिस महकमे में भी ऐसे न जाने कितने परीक्षा भर्ती घोटाले के फर्जी कार्मिक हैं । ये उत्तराखंड क्या इन बेईमानों के लिए बना है ।