देहरादून प्रशासन का दावा, साक्षरता अभियान का लक्ष्य पूरा करने वाला पहला जिला बना

देहरादून प्रशासन ने दावा किया है कि जिलाधिकारी डॉ.आशीष कुमार श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन और मार्गदर्शन में तथा मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल के अथक प्रयासों से जनपद देहरादून ने ‘पढो दून, बढो दून’ के साक्षरता अभियान के लक्ष्य को पूर्ण कर लिया है। देशभर में साक्षरता का अनूठा प्रयास ‘पढो दून, बढो दून’ को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग के शिक्षकों, बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों और उत्साह भरे विद्यार्थियों के सहयोग से यह असंभव सा लगने वाला टास्क संभव हो गया।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में ‘पढो दून, बढो दून’ के अनोखे साक्षरता अभियान को साकार करने वाले शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों, वॉलन्टियर्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह साक्षरता अभियान अब पूरे देश और प्रदेश को प्रेरणा देने का कार्य करेगा। यदि किसी कार्य को पूरा करने का प्रण ले लिया जाए तो वह जरूर पूरा होता है।
उन्होंने इस अभियान को पूरा करने का श्रेय इसमें अपने दैनिक दायित्यों से भी इधर कार्य करने वाले टीमवर्क को देते हुए कहा कि यह सफलता सभी के सक्रिय सहयोग से मिली है। इसकी सफलता का आकलन इस बात से समझा जा सकता है कि बहुत से वयोवृद्ध लोगों द्वारा जब अपने हस्ताक्षर और अक्षर ज्ञान सीखने के बाद जो उनके चेहरे से हम खुशी की प्रतिक्रिया मिली वह बहुत सुकुन देने वाली बात है। जिलाधिकारी ने कहा कि उनको ‘पढो दून, बढो दून’ अभियान की प्रेरणा मुख्यमंत्री से मिली।
उन्होंने कहा कि इस साक्षरता अभियान की सबसे अनोखी बात यह रही कि इसमे साक्षरता पूरी करने का प्रमाण-पत्र सम्बन्धित ग्राम प्रधान, पार्षद, ब्लॉक प्रमुख आदि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि हम शीघ्र ही इस साक्षरता अभियान का थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराएंगे। जिसके पश्चात हमारा जनपद देश में ऐसा पहला जनपद हो जाएगा। जिसने इस तरह का अभियान चलाकर उसको कम-से-कम समय में लक्ष्य हासिल किया और शत् प्रतिशत् साक्षर जनपद भी होगा। कहा कि थर्ड पार्टी ऑडिट रिपोर्ट के पश्चात जिला पंचायत अध्यक्ष और मेयर नगर निगम की ओर से शत प्रतिशत् साक्षरता का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे दिव्यांग लोग जो निरक्षर हैं, उनको साक्षर करने के लिए रफायल जैसी विशेषज्ञ संस्था के सहयोग से साक्षरता कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे विद्यालय में अध्ययनरत् उन विद्यार्थियों को भी प्ररेणा लेनी चाहिए, जो पढाई में ठीक से ध्यान रहीं देते, जबकि 80-90 वर्ष के बुजुर्ग भी पढ़ने की इच्छा रखते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के तो यह पढने और कैरियर संवारने का ही समय है। उनको तो और अधिक मेहनत करनी चाहिए।
इस साक्षरता अभियान की सफलता से प्रेरित होकर जिलाधिकारी ने कहा कि हम आगे जनपद को कुपोषणमुक्त करने के अभियान को भी प्रारम्भ करने का प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों और इस दिशा में काम करनेवाले लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि अब आप सभी की जिम्मेदारी और भी बढ गयी है कि शिक्षण कार्य को अधिक उच्चस्तर पर ले जाएंगे।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल ने इस अभियान को पूरा करने वाले लोगों को शुभकामनाएं देते हुए अभियान की शुरूआत में आने वाली बाधाओं, शिक्षण-प्रशिक्षण टीम तैयार करने, लोगों को इसके लिए प्रेरित करने जैसे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शुरूआत में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनपद में निरक्षर लोगों का डाटा जुटाया गया। इनकी कुल संख्या लगभग 35 हजार थी। तत्पश्चात शिक्षा विभाग के समन्वय से साक्षरता अभियान की टीम तैयार की गई और आज परिणाम सबके सामने है।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ‘पढो दून, बढो दून’ अभियान की शुरूआत 5 सितम्बर 2020 से शिक्षक दिवस के दिन से की गई और 26 जनवरी 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य था। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख कालसी, ग्राम प्रधान, पार्षद, गैरसरकारी संगठनों, शिक्षकों ने भी आने अनुभव साझा किए।
समारोह में ब्लॉक प्रमुख कालसी मठौर सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास डॉ. अखिलेश मिश्रा, सहित शिक्षा विभाग के उच्चस्थ अधीनस्थ अधिकारी, ग्राम प्रधान, पार्षद, गैर सरकारी संगठन के सदस्य आदि उपस्थित थे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।