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February 9, 2025

संवैधानिक विचार मंथन में फैसलाः मुजफ्फरनगर गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलाने को एकजुट होकर की जाएगी पैरवी

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान दिल्ली रैली के लिए जा रहे आंदोलनकारियों पर दो अक्टूबर 1994 में मुजफ्फरनगर में हुए गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए अब राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता एकजुट होकर पैरवी करेंगे।

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान दिल्ली रैली के लिए जा रहे आंदोलनकारियों पर दो अक्टूबर 1994 में मुजफ्फरनगर में हुए गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए अब राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता एकजुट होकर पैरवी करेंगे। आंदोलनकारियों का कहना है कि राज्य निर्माण के 21 वर्ष बाद भी जन आंदोलन में अपने प्राण की आहुति देने वाले शहीदों को न्याय नहीं मिला है। अब राज्य आंदोलनकारी एकजुट होकर शहीदों को न्याय दिलाएंगे।
नैनीताल में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ की ओर से संवैधानिक विचार मंथन बैठक में अब न्यायालय में मजबूत पैरवी के लिए एकजुटता पर जोर दिया गया। साथ ही आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। साथ ही उपस्थित सभी संगठनों के पदाधिकारियों को मिलाकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड में सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई और न्यायालय में चल रहे वाद की प्रगति रिपोर्ट की जांच करेगी। ताकी हर पहलू पर अध्ययन करने के बाद सशक्त पैरवी की जा सके और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाई जा सके। बैठक में संवैधानिक पैरवी के लिए कोऑर्डिनेटर भी बनाया गया।
रविवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ की ओर से नैनीताल क्लब में आयोजित इस बैठक में राज्य आंदोलन में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारी संगठनों के अध्यक्षों समेत तमाम आंदोलनकारी मौजूद रहे। राज्य आंदोलन में शहादत देने वाले शहीदों की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान वक्ताओं ने खटीमा आंदोलन, मसूरी देहरादून आंदोलन, मुजफ्फरनगर कांड समेत तमाम घटनाओं पर संक्षिप्त विचार रखे।
वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश निर्माण को शहादत देने वाले शहीदों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। मुजफ्फरनगर कांड के दोषी आज भी खुले घूम रहे हैं। यूपी में आज भी करीब एक दर्जन मामले लंबित पड़े है। जिनमें सशक्त पैरवी की जरूरत है। मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सभी संगठनों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रमन कुमार साह ने बताया कि राज्य निर्माण के बाद विभिन्न संगठनों ने मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए आंदोलन तो किए, मगर संवैधानिक तौर पर सशक्त रूप से वह पैरवी नहीं कर पाए। अब बीते चार-पांच वर्षो से इस मामले को लेकर वह गहन अध्ययन कर रहे हैं।
बैठक में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रमन कुमार साह, राज्य आंदोलनकारी सेनानी मोर्चा कोटद्वार अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत, काशीपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष उमेश जोशी, राज्य आंदोलन मंच देहरादून अध्यक्ष जगमोहन नेगी, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संघ अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अवतार सिंह रावत, पूर्व सांसद महेंद्र पाल, पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम खुर्शीद, राज्य आंदोलनकारी राजीव लोचन साह, मोहन पाठक, पुष्कर सिंह मेहता, मुन्नी तिवारी, हेम आर्या समेत तमाम राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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