उत्तराखंड में चौथे दिन भी नहीं हुई कोरोना से मौत, जहां सबसे पहले लगा था लॉकडाउन वहां दोबारा लगा, निदेशक को नोटिस
उत्तराखंड में कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या में उतार चढ़ाव जारी है। नए संक्रमितों में एक बार फिर मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। राहत की बात ये है कि लगातार चौथे दिन किसी की कोरोना से मौत नहीं हुई। बागेश्वर, चंपावत और रुद्रप्रयाग जिले कोरोनामुक्त हैं। वहीं, देहरादून में दो इलाकों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इनमें एक स्थान ऐसा है, जहां पिछले साल सबसे पहली बार लॉकडाउन लगा था। यानी कि देहरादून में एफआरआइ का क्षेत्र। शुक्रवार 26 नवंबर की शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 13 नए संक्रमित मिले। एक दिन पहले गुरुवार 25 नवंबर को आठ नए संक्रमित मिले थे। उत्तराखंड में यदि टीकाकरण की बात की जाए तो शुक्रवार को 1096 केंद्रों में 52334 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए।उत्तराखंड में कोरोना की पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-
2021.11.26 Health Bulletin
अब तक कुल 7407 मौत
उत्तराखंड में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 344169 हो गई है। इनमें से 330458 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 26 लोग स्वस्थ हुए। एक्टिव मरीजों की संख्या 144 हो गई है। अब तक प्रदेश में कुल 7407 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। मौत की दर 2.15 फीसद पर स्थिर है। रिकवरी रेट 96.02 फीसद है। सात मई को सर्वाधिक 9642 नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 15 मई को सर्वाधिक 197 मौत दर्ज की गई थी।
दो क्षेत्र किए गए कंटेनमेंट जोन घोषित
देहरादून के जिलाधिकारी देहरादून डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि जनपद क्षेत्र अंतर्गत इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई एवं जी-2 बी-19 तिब्बतन कालोनी डिक्लिन सहस्त्रधारा रोड कुल्हाल में कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति चिह्नित होने के फलस्वरुप क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां एक तरह से लॉकडाउन रहेगा। गौरतलब है कि पिछले साल जब कोरोना का संक्रमण उत्तराखंड में फैला था तो सबसे पहली बार एफआइआइ क्षेत्र में ही लॉकडाउन लगा था। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को उक्त क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सधिकारी को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कार्य कराते हुए इसकी नियमित मॉनिटरिंग कराने तथा जिला पूर्ति अधिकारी को उक्त क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपदवासियों से मास्क का उपयोग तथा बाजारों एवं सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी का पालन करने का अनुरोध किया।
एफआरआइ निदेशक को नोटिस
वहीं, जिला प्रशासन ने इंदिरा गांधी वन अकादमी के निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त करके लौटे सभी अधिकारियों को बगैर किसी सूचना के अकादमी में प्रवेश करने दिया गया। उन्हें होम आइसोलेशन या संस्थागत आइशोलेशन में रखने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी। आठ संक्रमित अधिकारियों में से एक बगैर किसी सूचना के हिमाचल प्रदेश अपने घर चले गए। वहां, बाद में संस्थान में तीन अन्य भी संक्रमित मिले। इसकी सूचना भी प्रशासन को नहीं दी गई। इसे लापरवाही मानते हुए जिलाधिकारी की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि क्यों ना कोविड अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाए।





