पिता की अर्जित और पारिवारिक संपत्ति में बेटियों का भी पूरा हकः सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने लड़कियों के हक में एक अहम फैसला दिया है। इसमें कहा कि बिना वसीयत के मृत हिंदू पुरुष की बेटियां पिता की स्व-अर्जित और अन्य संपत्ति पाने की हकदार होंगी।
न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि वसीयत के बिना मृत किसी हिंदू पुरुष की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति चाहे वह स्व-अर्जित संपत्ति हो या पारिवारिक संपत्ति के विभाजन में मिली हो। उसका उत्तराधिकारियों के बीच वितरण होगा। पीठ ने इसके साथ ही कहा कि ऐसे पुरुष हिंदू की बेटी अपने अन्य संबंधियों जैसे मृत पिता के भाइयों के बेटे/बेटियों के साथ वरीयता में संपत्ति की उत्तराधिकारी होने की हकदार होगी।
पीठ किसी अन्य कानूनी उत्तराधिकारी की अनुपस्थिति में बेटी को अपने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति को लेने के अधिकार से संबंधित कानूनी मुद्दे पर गौर कर रही थी। न्यायमूर्ति मुरारी ने पीठ के लिए 51 पृष्ठों का फैसला लिखते हुए इस सवाल पर भी गौर किया कि क्या ऐसी संपत्ति पिता की मृत्यु के बाद बेटी को मिलेगी, जिनकी वसीयत तैयार किए बिना मृत्यु हो गयी और उनका कोई अन्य कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।