स्वर्ण की बारात में अपने हाथ से भोजन निकालने पर दलित की पिटाई, अस्पताल में हुई मौत
एक तरफ जहां नेता लोग दलितों के घर जाकर भोजन करके सामाजिक समानता का संदेश दे रहे हैं, वहीं, उत्तराखंड के चंपावत जिले में इसके उलट ऐसी खबर आई, जो किसी को भी झकझोर कर रख देगी।
चम्पावत जिले के देवीधुरा निवासी 45 वर्षीय रमेश राम की टेलर की दुकान थी। वह देवीधुरा के पास केदारनाथ गांव में किराए पर दुकान का कमरा लेकर व्यवसाय करते थे। बेटे संजय ने बताया कि दुकान स्वामी की बरात में 28 नवंबर की सुबह पिता निमंत्रण में गए थे। शाम को जब उसने पिता के नंबर पर फोन किया तो किसी अन्य व्यक्ति ने काल रिसीव किया और शादी में व्यस्त होने की बात कहते हुए अगले दिन आने को कहा। दूसरे दिन उसे किसी ने फोन के जरिये पिता के बेहोशी की हालत में होने की बात बताई। कुछ लोग रमेश को लोहाघाट के अस्पताल में छोड़कर चले गए।
बेटे के मुताबिक गंभीर हालत में पिता को इलाज के लिए चम्पावत जिला अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें डा. सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। मंगलवार को अस्पताल में इलाज के दौरान रमेश की मौत हो गई। संजय ने आरोप लगाया है कि पिता के सिर, कमर, घुटना व कोहनी आदि में चोट के निशान हैं। वह एंबुलेंस हल्द्वानी लाने के दौरान बरात में भोजन निकालने पर मारपीट के बारे में बता रहे थे। उनकी एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। मेडिकल चौकी प्रभारी मनोज आर्य ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।