स्मार्ट मीटर के जरिये जनता से लूट के खिलाफ सीपीआईएम ने जताया आक्रोश
उत्तराखंड में बिजली के स्मार्ट मीटर के जरिये की जा रही लूट का मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने कड़ा विरोध किया है। साथ ही स्मार्ट मीटर का काम निजी क्षेत्र में देने और बिजली बोर्ड के निजीकरण के प्रयासों की कड़ी निंदा की। आरोप लगाया है कि बिजली की व्यवस्था को अडाणी और अंबानी को सौपा जा रहा है। कहा गया कि जहां जहां स्मार्ट मीटर लगें, वहां मनमानी बिजली बिल की बसूली की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी की देहरादून जिला कमेटी की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि डबल इंजन सरकार एक के बाद एक सरकारी सम्पतियों को बेचने का फैसला ले रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सरकार से मांग की गई तत्काल स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाये तथा बिजली बिलों में बढ़ोत्तरी तथा मनमानी बसूली पर अविलम्ब अकुंश लगे। बैठक के बाद मुख्य सचिव को ज्ञापन भी भेजा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि एक अनुमान के अनुसार इन कम्पनियों की ओर से स्मार्ट मीटर की कीमत 7500 से 10500 रूपये तय की गई है। जिसकी कीमत भी अन्तत: जनता को ही चुकानी होगी। इस प्रकार मंहगी बिजली तथा जोर जबरदस्ती थोपा गया स्मार्ट मीटर बिना सहमति के कानून के खिलाफ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि कारपोरेटजगत को लाभ पहुंचाने के लिऐ बिजली के निजीकरण के लिए पांच बार लोकसभा में बिजली बिल पारित नहीं हो पाया। इससे पहले भी बाजपेई सरकार 2003 में ऐसा प्रयास कर चुकी है। गैर भाजपा शासित कई राज्यों में इसका विरोध हो रहा है। बिजली क्षेत्र प्राइवेट हाथों में जाने से बिजली बोर्ड खत्म हो जाएगा और लाखों कर्मचारियों की नौकरी चली जायेगी। बिजली विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पर प्रश्नचिह्न लग जायेगा। स्मार्ट मीटर लगाने व बिजली विभाग के निजीकरण से बिजली कर्मचारियों और पेंशन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। संविदा कर्मचारियों से कम मानदेय में ज्यादा काम लिया जायेगा तथा स्थाई रोजगार समाप्त होगा। तथा ब बिपिएल परिवारों, भूतपूर्व सैनिकों, किसानी, लघु उद्योगों के क्षेत्र में लगे कर्मचारियों को बिजली में छूटों में कटौती होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित, जिलासचिव शिवप्रसाद देवली, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू जिला महामंत्री लेखराज, कमरूद्दीन, माला गुरूंग, भगवन्त पयाल, शम्भू प्रसाद ममगाईं, सुधा देवली, रविन्द्र नौडियाल, अर्जुन रावत आदि ने विचार व्यक्त किए।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




