भारतीय सेना में निजीकरण के फैसले के खिलाफ माकपा ने दून में किया प्रदर्शन, केंद्र सरकार का पुतला जलाया
भारतीय सेना में युवाओं को चार सार की नौकरी देने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को माकपा ने सेना में निजीकरण की शुरुआत बताया। इसके विरोध में आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर केंद्र सरकार का पुतला जलाया गया।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती का निर्णय किया है। इसके तहत अग्निवीर तैयार किए जाएंगे। इनमें करीब 75 फीसद युवाओं को नौकरी के चार साल बाद ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। बाकी को आगे सेना में रखा जाएगा। इस फैसले का पूरे देशभर में विरोध किया जा रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र की मोदी सरकार की ओर से सेना के तीनों अंगों के नीजिकरण के फैसले के विरोध में आज राजधानी देहरादून में विरोध प्रदर्शन किया।
इसके तहत राजपुर रोड स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला भी जलाया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से अग्निपथ के नाम पर लिए गया फैसला जनविरोधी है। इसका सीधा असर हमारी सेना की कार्य प्रणाली पर पड़ेगा। सरकारी फैसले का सर्वाधिक प्रभाव हमारे राज्य पर पड़ेगा, जहाँ से हरेक परिवार से भारतीय सेना मे हैं। वक्ताओं ने कहा कि इससे पहले भी मोदी सरकार आयुध निर्माणियों का नीजिकरण कर काफी कुछ रोजगार हमसे छीन चुकी है।
वक्ताओं ने कहा है कि अब फौज के निजीकरण से बचाखुचा रोजगार भी चला जाऐगा। पहले सरकार ने साजिश के तहत पिछले दो साल से आर्मी की भर्तियां रोक दी गई थी। अब आर्मी मे सिविल की तरह आऊटसोर्सिंग के आधार पर कार्य शुरू हो जाएगा। जो कि हमारी देश की सुरक्षा के साथ मोदी सरकार का सबसे बड़ा हमला है। वक्ताओं ने कहा है कि सरकार के इस जनविरोधी फैसले पर पार्टी व्यापक आन्दोलन करेगी। साथ ही भाजपा राज की असलियत को जनता के बीच ले जाऐगी। वक्ताओं ने कहा है कि जब तक यह फैसला वापस नही होता, पार्टी अपनी विरोध कार्यवाही करती रहेगी।
प्रदर्शन करने वालों में माकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य गंगाधर नौटियाल, इन्दु नौडियाल, जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित, महानगर सचिव अनन्त आकाश, लेखराज, हिमांशु चौहान, विजय भट्ट, एस एस रजवार, ताजबरसिंह रावत, अनिल गोस्वामी, रामसिंह भण्डारी, विनोद खण्डूरी, यूएन बलूनी, नुरैशा अंसारी, सुरेंद्र बिष्ट, शाहबुद्दीन, मोनिका, अर्जुन रावत, नरेन्द्र, दयाकृष्ण पाठक, विनोद कुमार आदि बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। इस अवसर पर बर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी में मारे गये लोगों के याद कर दो मिनट का मौन भी रखा गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।