उत्तराखंड विधानसभा सत्र के पहले दिन माकपा का हल्ला बोल, किया विधानसभा कूच, ये हैं मुख्य मांगे
उत्तराखंड विधानसभा का सत्र आज पांच फरवरी से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने विभिन्न 18 सूत्रीय समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। इसके तहत विधानसभा कूच किया गया। रिस्पना पुल से पहले पुलिस ने जुलूस को रोक दिया। इस पर सड़क पर जनसभा आयोजित की गई। साथ ही मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सीपीआई एम कार्यकर्ता धर्मपुर स्थित एलआईसी मुख्यालय के समीप एकत्र हुए। यहां से विधानसभा के लिए जुलूस निकाला गया। रिस्पना पुल के पास लगाई गई बैरिकेडिंग पर जब जुलूस को रोका तो मौके पर जनसभा का आयोजन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर वक्ताओं ने भाजपा सरकार की साम्प्रदायिक जनविरोधी नीतियों की कड़े शब्दों में निन्दा की। वक्ताओं ने कहा है कि सरकार जनता की समस्याओं को हल करने के बजाय जनता को मुख्य मुद्दों से भटका रही है। कभी मन्दिर के नाम पर तथा कभी यूसीसी के नाम जनता को दिगभ्रमित कर रही है। वक्ताओं ने कहा है कि सरकार की जनविरोधी, कारपोरेटपरस्त नीतियों के कारण उत्तराखंड बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। इसे बचाना आज सभी लोगों की प्राथमिकता होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मांगे
बिजली व पानी का निजीकरण बन्द हो, बिजली पानी की मूल्यवृद्धि वापस हो, ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों तथा आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा हो, श्रम कानूनों का उल्लघंन बन्द हो, छूटे हुऐ उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों का चिह्नीकरण हो, मलिन बस्तियों का नियमतीकरण हो, एलिबैटेड रोड़ के नाम बस्तियों को उजाड़ना बन्द हो, पीएसीएल के बकायादारों का भुगतान दिया जाए, जनविरोधी नया परिवहन एक्ट वापस लो, यूसीसी विधेयक वापस लो, एन एच 72 भूमि मुआवजा वितरण की जांच हो, स्मार्ट सिटी के नाम पर धन का दुरूप्रयोग बन्द हो, सहसपुर में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी का सर्वे निरस्त किया जाए, शिवालिक क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा की जाए, रेहड़ी, पटरी, फुटपाथ व्यवसायियों का उत्पीड़न बन्द हो, गन्ने का मूल्य 500 रूपये प्रति क्विंटल घोषित हो, आउटसोर्स, ठेका कर्मचारियो को समुचित वेतन एवं सुविधाएं दो, परिवहन क्षेत्र का निजीकरण बन्द हो, आंगनबाड़ी, आशाओं, भोजन माताओं को काम के अनुसार वेतन दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे मुख्य वक्ता
इस मौके पर किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण, सीपीएम के जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, पछवादून सचिव कमरूद्दीन, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, पार्टी सचिवमण्डल के सदस्य एवं पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद देवली, डीएवी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं पार्टी नेता लेखराज, कृष्ण गुनियाल, माला गुरूंग, सुधा देवली, आरयूपी के अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, जिला उपाध्यक्ष एजाज खान आदि ने सम्बोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन करने वालों में ये भी रहे शामिल
इस अवसर पर अमर बहादुर शाही, यू एन बलूनी, भगवन्त सिंह, मामचंद, कुसुम नौडियाल, शशि जैन, प्रदीप, बिन्दा मिश्रा, शैलेन्द्र, मनोज, अंजलि, इस्लाम, सुरेशी, जानकी, शबनम, सुमित्रा, कान्ता, शान्ति, कान्ति, सुरेशी, राजेश्वरी, आलम, शराफत, कुन्दन, गुमान, सलीम, नरेश पाल, नजमा, निशा, मोना, वहीद, जहीर, मासूम, सुवैदीद, हाशिम, मंजूर, लोकेश, कुन्ता, राजेन्द्र शर्मा, विनोद कुमार, सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।