Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 23, 2024

राज्य कर्मचारियों की दो मुख्य मांगों को लेकर एसीएस वित्त से मिला परिषद का प्रतिनिधिमंडल, ये मिला आश्वासन

1 min read

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रांतीय पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव वित्त आनंदवर्द्धन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यकर्मियों की दो प्रमुख मांगों से अवगत कराया और उसके समाधान की मांग की। इस मौके पर दोनों मांगों को लेकर यथोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता आरपी जोशी ने बताया कि परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष अरुण पांडे और प्रांतीय महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने राजकीय सेवकों की अवकाश यात्रा सुविधा को पुनःस्थापित किए जाने के लिए 19 वर्ष पूर्व जारी शासनादेश 1115/वि0अनु0-3/2003 दिनांक 31 दिसम्बर 2003 में राजकीय सेवकों को देय यात्रा अवकाश सुविधा के नियमों दरों में संशोधन किए जाने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने मुख्य सचिव वित्त को उक्त शासनादेश में शामिल उक्त बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की, जिनमें संशोधन की अपेक्षा की गई। उन्होंने बताया कि शासनादेश के बिन्दु सं 9 के अनुसार सुविधा का उपभोग करने के लिए कार्मिक को न्यूनतम 15 दिन का उपार्जित अवकाश लेना अनिवार्य किया गया है। वहीं, वर्तमान समय में रेल यात्रा व हवाई यात्रा की सुविधाओं में वृद्धि होने के कारम देश के किसी भी कोने में अधिकतम 24 से 36 घण्डे में ही पहुंचा जा सकता है। अतः उक्त के क्रम में 15 दिन के अनिवार्य अवकाश की बाध्यता औचित्यपूर्ण नहीं लगती है। इसके स्थान पर वास्तविक अवकाश की सुविधा निर्धारित की जानीं चाहिए। एवं तद्नुसार ही नगदीकरण का भुगतान किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसी प्रकार शासनादेश के बिन्दु सं 10 व 11 में सरकारी सेवक तथा उसके परिवार के सदस्यों के लिए अधिकृत श्रेणियों में भी संशोधन की आवश्यकता है। वर्तमान समय में देश के अधिकांश हिस्सों में वायुसेवा की उपलब्धता है एवं अक्सर यह भी देखने में आया है कि वायुसेवा का किराया रेल के वातानुकूलित प्रथम, द्वितीय श्रेणीं से कम अथवा लगभग बराबर रहता है। अतः उक्त के दृष्टिगत परिषद का प्रस्ताव है कि अवकाश यात्रा सुविधा का उपभोग करने वाले श्रेणीं 2 तक का वेतनमान प्राप्त करने वाले कार्मिकों को वायुसेवा के उपभोग की अनुमन्यता के साथ ही अन्य कार्मिकों को भी वायु यात्रा करने पर अधिकृत श्रेणीं के किराए की देयता अनुमन्य की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

साथ ही यात्रा अवकाश की सुविधा भारत सरकार की भांति प्रत्येक 4 वर्ष कैलेन्डर वर्ष में अनुमन्य कराया जाए। इसके अतिरिक्त जलयान द्वारा की जाने वाली यात्रा में जलयान की श्रेणीं भी अनुमन्यतानुसार अंकित की जाए। प्रान्तीय प्रवक्ता जोशी ने बताया कि इसके अतिरिक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव वित्त से उत्तराखण्ड राज्य कर विभाग के मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के रिक्त पदों को शिथिलीकरण के माध्यम से भरे जाने, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए पूर्व में निर्धारित की गई 25 वर्षों की सेवा अवधि के स्थान पर 22 वर्ष की सेवा अवधि किए जाने की भी मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने मुख्य सचिव वित्त से इन मांगों के अलावा कामन सेवा नियमावली को भी शीघ्र लागू कराए जाने की मांग की। इन मांगों पर अपर मुख्य सचिव वित्त नेयथोचित कार्यवाही का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *