सत्ता की हनक, विधायक के 25 साल के बेटे को तय समय से पहले लगा दी गई कोरोना की वैक्सीन
सत्ता की हनक देखनी हो तो उत्तराखंड में देखिए। यहां तो लग रहा है कि सरकार सिर्फ नेताओं के लिए है। नियम कानून आमजन के लिए हैं। पहले भी नेता कोरोना के नियम तोड़ते रहे और अब भी तोड़ रहे हैं। कोरोना फैलाने में नेताओं का भी बड़ा योगदान कहें, तो गलत नहीं होगा। कारण ये है कि जो भी नेता कोरोना संक्रमित हुआ तो ठीक होने के बाद वो और ज्यादा कार्यक्रमों में भाग लेने लगा। ऐसे नेताओं ने मास्क से भी परहेज किया। नतीजा सबके सामने है। देश में मौत का सबसे ज्यादा प्रतिशत उत्तराखंड का है। वहीं, अब तो हद तब हो गई, जब हमेश विवादों में रहने वाले विधायक ने बेटे को कोरोना का वैक्सीन लगवा दी।
उत्तराखंड में 18 साल से लेकर 44 साल तक के लोगों का टीकाकरण 10 मई से शुरू होना है। इसके लिए सरकार बढ़चढ़कर प्रचार कर रही है। वहीं, तय तिथि से पहले अक्सर विवादों में रहने वाले खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की दबंगई शनिवार को कोरोना की वैक्सीन लगाने के मामले में भी देखी गई। विधायक के 25 वर्षीय पुत्र के लिए वैक्सीन टीकाकरण की तय तिथि स दो दिन पहले ही हाजिर कर दी गई। विधायक की दबंगई के आगे नियम भी बदल गए और किसी ने चूं तक नहीं की।
विधायक कुंवर प्रणव सिंह के पुत्र कुंवर दिव्य प्रताप सिंह चैंपियन को शनिवार को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। इस समय कई दफा कम उम्र के फ्रंटलाइन वर्कर्स तक को पोर्टल न खुलने की बात कहकर बैरंग लौटा दिया जा रहा है। वहीं, विधायक पुत्र के लिए ऐसे कोई प्रतिबंध नजर नहीं आए। फिर विधायक के पुत्र तो फ्रंटलाइन वर्कर की भी श्रेणी में नहीं हैं। प्रदेश में इस समय सभी को कोवीशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन विधायक पुत्र को कोवैक्सीन लगाई गई। कोवैक्सीन प्रदेश के गिने-चुने केंद्रों में ही उपलब्ध है और इस पर पहला हक चिकित्साकार्मिकों को दिया गया है। इस मामले में चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी मौन हैं।
गौरतलब है कि विधायक चैंपियन अक्सर विवादों में रहते आए हैं। कभी उनके हथियार लहराते हुए डांस करने के वीडियो वायरल हुए तो कभी उनका अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल से विवाद का प्रकरण काफी चर्चा में रहा। कभी एक समारोह में की गई हर्ष फायरिंग में एक भाजपा नेता एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के घायल होने का मामला हो या फिर और मामले। उनके विवादों में रहते हुए पार्टी ने उन्हें निलंबित भी किया था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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