Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 6, 2025

कोरोना नियमः नेताओं और रैलियों की अनदेखी, आमजन के कट रहे चालान

कोरोना के नियमों की आड़ में अब फिर से मास्क न लगाने वालों के चालान कटने शुरू हो गए हैं। चालान काटे जाने चाहिए, लेकिन नेताओं को क्यों छोड़ा जा रहा है, ये सवाल भी खड़ा हो रहा है।

कोरोना का टीका भले ही आ गया है, लेकिन कोरोना के नियमों का पालन तब भी जरूरी है। कोरोना का टीका तो आपके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा, लेकिन इस बीमारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क ही जरूरी है। जब तक कोरोना पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता, तब तक तीन नियम शारीरिक दूरी, नाक व मुंह को मास्क से ढके रहना और हाथों को बार बार साफ करने पर ध्यान देना होगा। अचानक देहरादून पुलिस भी फिर से इन नियमों के प्रति संजीदा नजर आने लगी है। अब फिर से लोगों के चालान कटने शुरू हो गए हैं।


नेता नहीं लगा रहे मास्क
सरकार का तरीका भी बढ़िया है, राजस्व को बढ़ाने के लिए आमजन पर ही किसी न किसी तरीके से आर्थिक चोट की जाए। यहां कोरोना के नियमों की आड़ में अब फिर से मास्क न लगाने वालों के चालान कटने शुरू हो गए हैं। चालान काटे जाने चाहिए, लेकिन नेताओं को क्यों छोड़ा जा रहा है, ये सवाल भी खड़ा हो रहा है। किसी भी उद्घाटन, शिलान्यास का कार्यक्रम हो। या फिर विपक्षी दलों का प्रदर्शन। इनमें न तो शारीरिक दूरी रहती है और न ही सभी लोग सही तरीके से मास्क लगाए नजर आते हैं। कुछ नेताओं ने तो मास्क लगाने ही छोड़ दिए। कुछ नाक व मुंह के नीचे मास्क लटका रहे हैं।


इनके चालान करने की पुलिस की भी हिम्मत नहीं है और न ही पुलिस में वो जमीर है। पुलिस को निहत्थों पर चमोली जिले में लाठी चला सकती है, लेकिन नियमों के अनुपालन में समानता का व्यवहार नहीं कर सकती। जो कुछ हो रहा है, इससे नहीं लगता कि लोकतंत्र बचा है। नियम बनाने वाले, सरकार चलाने वाले ही यदि मास्क नहीं लगाएंगे तो आम जनता को क्यों परेशान किया जा रहे हैं, ये भी सवाल है। सवाल ये भी है कि क्या कभी किसी नेता का मास्क को लेकर चालान काटा गया है। या फिर राजस्व बढ़ाने के लिए चालान की औपचारिकता की जा रही है।
राह चलते लोग पुलिस का टारगेट
ऐसे में पुलिस को सबसे सरल टारगेट सड़क पर आमजन के चालान काटना लगता है। वहीं, व्यापारी, धार्मिक सहित अन्य संस्थाओं, राजनीतिक दलों के लोगों के चालान नहीं काटे जा रहे हैं। आफ द रिकार्ड इन लोगों को नियमों की छूट है। बाकी जनता से लूट है। क्योंकि आमजन ही इसके लिए बने हैं। राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में तो उत्तराखंड की मित्र पुलिस मित्रता निभाने लगती है।


पुलिस की कार्रवाई
उदाहरण के तौर पर यहां देहरादून के कुछ थानों के आंकड़े दिए जा रहे हैं। कल दो मार्च को इन थानों की ओर से कोरोना के नियमों को लेकर लोगों के चालान किए गए। थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने बगैर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन के आरोप में कुल 124 व्यक्तियों के चालान काटे। इन लोगों से जुर्माने के तौर पर 24800 रुपये वसूले गए। विकासनगर कोतवाली पुलिस ने कोविड-19 के अंतर्गत 15 लोगों के चालान काटकर 3000 रुपये वसूले। यानी हर व्यक्ति से दो सौ रुपये वसूले गए हैं। वहीं, प्रेमनगर थाना पुलिस ने बगैर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने पर 102 चालान किए। रायपुर थाना पुलिस ने बगैर मास्क को लेकर 257 लोगों के चालान किए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *