यूपी की कर रहे नकल, मोहर्मम के अवकाश पर अलग, 20 को राज्य सरकार के दफ्तर बंद, बैंककर्मी बोले हमारा क्या कसूर
उत्तराखंड राज्य में यूं तो हर मामले में यूपी की नगल की जा रही है, लेकिन मोहर्रम के अवकाश को लेकर उत्तराखंड शासन का कुछ अलग फैसला है। इससे बैंक कर्मचारी भी खफा नजर आ रहे हैं। अब चाहे कोरोना के नियमों की एसओपी हो या फिर अन्य कोई निर्णय हर मामलों में यूपी के निर्णय के एक दिन बाद ही उत्तराखंड में उसी तर्ज पर निर्णय होता है। वहीं, मोहर्रम के अवकाश में उत्तराखंड ने कुछ अलग ही किया है।
यूपी में पहले मोहर्रम का अवकाश 19 अगस्त के दिन घोषित किया गया था। फिर इसमें संशोधन करके इसे 20 अगस्त को कर दिया गया। इस दिन सारे सरकारी कार्यालयों के साथ ही बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों में भी अवकाश है। वहीं, उत्तराखंड में भी पहले मोहर्रम का अवकाश 19 अगस्त को घोषित किया गया था। अब इसे संशोधित कर 20 अगस्त कर दिया गया। सचिव प्रभारी विनोद कुमार ने इस आशय को लेकर शासनादेश जारी कर दिए थे। इसमें कहा गया है कि मोहर्रम के अवकाश के तहत प्रदेश के शासकीय, अशासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक शासकीय व अशासकीय कार्यालयों व प्रतिष्ठानों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। वहीं, बैंक, कोषागार, उप कोषागारों में सार्वजनिक अवकाश नहीं है।
यूपी में बैंक बंद हैं और इस दिन उत्तराखंड में खुले रहेंगे। बैंक कर्मियों का कहना है कि उन्हें वैसे भी कम ही अवकाश मिलते हैं। ऐसे में मोहर्रम का अवकाश उत्तराखंड में न होना आश्चर्य की बात है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन उत्तराखंड के संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल ने इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर बैंकों में भी मोहर्रम के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं। उत्तराखंड में बैंक के काफी कर्मचारी भी इस समुदाय से हैं। ऐसे में एआइ एक्ट के तहत इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।