बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ कांग्रेसियों ने दिया धरना, किया प्रदर्शन

उत्तराखंड मे बढ़ी हुई विद्युत दरों को लेकर देहरादून महानगर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आईएसबीटी स्थित ऊर्जा निगम कार्यालय के समक्ष विरोध-प्रदर्शन करते हुए बढी हुई विद्युत दरों को वापस लेने की मांग की है। इस मौके पर धरना भी दिया गया। काग्रेसियों का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर डाका पड़ेगा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत महानगर कांग्रेस कार्यकर्ता महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में सुबह करीब 10:30 बजे आइएसबीटी स्थित ऊर्जा निगम के कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। इस मौके पर पूर्व विधायक दिनेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक वर्ष से पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना से पीड़ित है। लोगों के रोजी, रोजगार के साधन, व्यवसाय ठप्प पड़े हुए हैं। वहीं, भाजपा सरकारें लोगों की पीड़ा को कम करने की बजाय घावों को कुरेद रही है। प्रत्येक क्षेत्र में मंहगाई बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों के पानी, बिजली के दाम कम करने की बजाय भाजपा सरकार उनके दाम बढ़ा कर लोगों के घावों पर नमक छिडकने का काम कर रही है। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य विद्युत उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है। यहां पर टिहरी बांध, कोटेश्वर, मनेरी-भाली सहित वर्तमान में 25 जल-विद्युत परियोजना (6 मध्यम एवं 19 लघु) 2378 मेगावाट क्षमता के साथ निर्माणरत चरण में हैं। 21,213 मेगावाट क्षमता वाली 197 जल-विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के विभिन्न नदी घाटियों में प्रस्तावित हैं। ऐसे में जल विद्युत परियोजनाओं से राज्यवासियों को लाभ के रूप में घरेलू उपभोग के लिए मात्र 1 रूपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली दी दी जानी चाहिए। जो कि यहां के निवासियों का अधिकार भी है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए। क्योंकि विद्युत परियोजनाओं की लाइनों के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहित गई है। इसका कोई भी मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया जाता है।
पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि सरकार विद्युत उपभोक्ताओं से पहले ही मीटर चार्ज के रूप में कई वर्षों तक किराया वसूल करती है। वहीं, विद्युत मीटर की कीमत मात्र कुछ ही समय में पूरी हो जाती है। साथ ही जमानत के रूप में कनेक्शन लेते समय मोटी रकम वसूली जाती है। कांग्रेसजनों ने मांग की कि राज्य सरकार बढी हुई विद्युत दरों को शीघ्र वापस लेने, राज्य के किसानों को मुफ्त बिजली देने के साथ ही उपभोक्ताओं को एक श्रेणी में लाया जाय। दो वर्ष बीतने के उपरान्त उपभोक्ताओं के ऊपर से फिक्स चार्ज व मीटर किराया समाप्त किया जाए।
विरोध-प्रदर्शन में पार्षद रमेश कुमार मंगू, हरिकृष्ण भट्ट, मोहन गुरूंग, अनूप कपूर, रीता रानी, डा. प्रतिमा सिह, हरेन्द्र चैधरी, जाहिद अंसारी, आशीष भारद्वाज, सुभाष धस्माना, सोनू हसन, सिद्धार्थ वर्मा, बलराज भ्रामरी, नौशाद अंसारी, विरेन्द्र सिह, गौतम वर्मा, भगवान सिंह बिष्ट, दिलशाद, अय्यूब, मंसूर कुरैशी, पीयूष गौड, सलीम अहमद, राजेश मल, धीरेन्द्र सामंत, गुलशन कुमार, संतोष सैनी, हरेन्द्र गुसांई,अजय बेनवाल आदि शामिल थे।






बिद्युत के उत्पादन के बाद भी उसी से कमाई करना रेट बढाना ठीक नही है