अडानी प्रकरण और मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेसियों का राजभवन कूच, पुलिस से झड़प, बेहोश हुए प्रदेश अध्यक्ष माहरा, कार्यकर्ता गिरफ्तार
उद्योगपति गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से लगाये गये आरोपों के बाद भाजपा-अडानी गठजोड के भ्रष्टाचार, धोखाधडी और छल की कथित जालसाजी तथा मणिपुर हिंसा के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने आज देशभर में राजभवन मार्च कार्यक्रम आयोजित किये। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राजभवन मार्च के दौरान कांग्रेसजनों ने सामूहिक गिरफ्तारी दी। हाथी बड़कला बैरियर के पास आगे बढ़ने को लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई। इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा बेहोश हो गए। करीब पांच मिनट बाद उन्हें होश आया। बैरिकेडिंग पर सभी कांग्रेसजनों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया। बाद में रिहा कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज बुधवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कांग्रेसियों ने उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित प्रमुख नेताओं के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय देहरादून से राजभवन तक मार्च कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना एवं महानगर अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी ने संयुक्त रूप से किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस ने हाथी बड़कला बैरियर के पास राज भवन के लिए निकले कांग्रेसियों को बैरिकेडिंग कर रोक लिया। इस दौरान कांग्रेसी पहले बैरियर पारकर अंतिम बैरियर तक पहुंच गए। यहां पुलिस के साथ कांग्रेसियों की तीखी झड़प हुई। बल प्रयोग कर कांग्रेसियों को पुलिस अंतिम बैरियर से हटाया। पुलिस जब मुख्य बैरियर से कांग्रेसियों हटा रही थी, तभी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा बेहोश हो गए। कांग्रेसियों ने उन पर पानी के छींटे डाले। करीब पांच मिनट बाद उन्हें होश आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह घटना भारत के कॉर्पोरेट गवर्नेंस और नियामक निगरानी के सम्बन्ध मे चिंता का विषय है। घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों के बीच विश्वास की हानि गम्भीर चिंता का विषय है। इससे भारत में पूंजी के संभावित पलायन से आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और समग्र विकास बाधित हो सकता है। गौतम अडानी पर लगे भ्रष्टाचार के मामले को संसद में उठाने पर केन्द्र की मोदी सरकार की ओर से संसदीय चर्चा को जानबूझकर रोकना और इस मुद्दे पर मौन रहना अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बचने का संकेत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि एक ओर देश की जनता विगत कई वर्षों से लगातार महंगाई की मार झेल रही है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट होने के बावजूद केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में रसोई गैस के सिलेंडर की कीमत 450 रूपेय से बढ़ाकर 1100 रूपये करके गरीब और अल्प आय वर्ग के परिवारों के बच्चों के पेट पर चोट करने का काम किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक बात तो यह है कि रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल एवं आम जरूरत के सामानों के दामों में विगत वर्षों में केन्द्र सरकार की ओर से दोगुने से अधिक की वृद्धि करने पर लोग मौन हैं। मोदी सरकार द्वारा अपने मित्र औद्योगिक घरानों को निजी लाभ पहुंचाने के लिए विगत 10 वर्षों में रसोई गैस के सिलेण्डर की कीमत में लगभग 600 रूपये से अधिक की भारी वृद्धि की है। इससे कुछ निजी औद्योगिक घरानों को होने वाले लाभांश का फायदा करोड़ों नहीं बल्कि, अरबों रूपये प्रतिमाह मे हो रहा है। देश का आम आदमी महंगाई की मार झेलने का मजबूर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि ये वही तेल कम्पनियां व औद्योगिक घराने हैं, जिनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी को चुनावी बॉड के माध्यम से कई हजार करोड़ रूपये का चंदा प्राप्त हुआ है। चुनिंदा औद्योगिक घरानों को अनधिकृत रूप से पहुंचाया गया लाभ ही चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के धन के प्रवाह का स्रोत प्रतीत होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने यह भी कहा कि लगभग दो वर्ष से मणिपुर राज्य निरंतर हिंसा, गोलीबारी, कर्फ्यू और व्यापक अराजकता के एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। मणिपुर हिंसा में अब तक कई लोगों की जाने चली गई हैं और वहां के लोग एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। संकट की गम्भीरता के बावजूद भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार इस स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर का दौरा तक नहीं किया है। पूरी तरह अयोग्य मुख्यमंत्री अभी तक सत्ता में काबिज हैं। इससे इस गंभीर स्थिति के प्रति भाजपा की उदासीनता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में देशभर में महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, हत्या और जघन्य अपराधों की बाढ़ सी आई है। उत्तराखंड जैसे राज्य में औसतन प्रति माह एक बलात्कार और हत्या की घटना घटित हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व उत्तराखंड राज्य में हुए अंकिता भंडारी जघन्य हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम अभी तक उजागर नहीं हो पाया है तथा राज्य में लगातार सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटनाओं में सत्ताधारी दल के लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड राज्य में राज्य सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहे अवैध खनन व अवैध शराब के कारोबार पर भी सवाल उठाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध खनन का कारोबार राज्य सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहा है। राज्य की नदियों में भारी मात्रा में हो रहे अवैध खनन से न केवल पौराणिक नदियों का स्वरूप बिगाडा जा रहा है, अपितु यह पर्यावरण के लिए भी चिन्तनीय है। अवैध खनन में लिप्त अपराधियों के हौसले जिस प्रकार बुलंद है, इससे यह संदेश जा रहा है कि अवैध खनन में लिप्त कारोबारियों को उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है जो कि पूरे प्रदेश के लिए अत्यंत ही गम्भीर चिन्ता का विषय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड राज्य में नशीले पदार्थों व शराब के अवैध कारोबार में लगातार वृद्धि हो रही है तथा प्रदेश के नवयुवकों को नशे की आग में झोंका जा रहा है। राज्य सरकार की आबकारी नीति पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण देने, शराब की तस्करी को बढ़ावा देने तथा उत्तराखंड के गांवों में हर घर तक शराब पहुंचाने वाली है। भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार ने जनभावनाओं के विपरीत आबकारी नीति बनाने का काम किया है। भाजपा की राज्य सरकार द्वारा जिस शराब नीति को प्रदेश में लागू किया गया है उससे निश्चित रूप से प्रदेश में शराब माफिया और शराब की तस्करी को बल मिल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में सशक्त भू कानून न होने के चलते सरकार पर भू-माफिया पूरी तरह हाबी हैं। राज्य सरकार द्वारा भू-कानून के लिए गठित की गई समिति द्वारा राज्य में सख्त भू-कानून लागू करने के सुझाव के साथ दो वर्ष पूर्व अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई है, परन्तु राज्य सरकार द्वारा भू-माफियाओं के दबाव में भू-कानून समिति द्वारा दिये गये सुझावों पर अमल नहीं किया जा रहा है। इसके कारण बाहरी राज्यों से आये भू-माफिया द्वारा बेखौफ जमीनों की खरीद-फरोख्त कर स्थानीय लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस पार्टी ने मांग की कि गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया जाय। मणिपुर हिंसा के लिए जिम्मदार राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाय। अंकिता भंडारी हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम उजागर किया जाय तथा राज्य में अवैध खनन व शाराब माफिया पर रोक लगाने के लिए कडे कदम उठाने के साथ ही कठोर भू कानून बनाया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजभवन कूच कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, मीडिया चेयरमैन राजीव महर्षि, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, गोविंद सिंह कुंजवाल, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी, विधायक विक्रम सिंह नेगी, हरीश धामी, आदेश चौहान, तिलकराज बेहड़, ममता राकेश, रवि बहादुर, रणजीत सिंह रावत, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, राजेन्द्र शाह, याकूब सिद्धिकी, गोदावरी थापली, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व विधायक राजकुमार, राजपाल बिष्ट, जयेन्द्र रमोला, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, डॉ. प्रतिमा सिह, राजेश चमोली, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, महेन्द्र सिंह नेगी, अमरजीत सिंह, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, विनोद नेगी, मोहित उनियाल, राकेश राणा, मुकेश नेगी, राजीव चौधरी, दिनेश चौहान, विनोद डबराल, अमन गर्ग, राजेन्द्र चौधरी, विरेन्द्र पोखरियाल, नवनीत सती, गिरीश पपनै अनिल नेगी, सरिता नेगी, देहरादून महानगर काग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, अरूणा कुमार, गौरव चौधरी, नजमा खान, आशा शर्मा, उर्मिला थापा, नीनू सहगल, ललित फर्स्वाण, विकास नेगी, दर्शन लाल, विशाल मौर्य, नवीन रामोला, भगवती सेमवाल, अमरजीत सिंह, याकुब सिद्धिकी, महेन्द्र नेगी गुरूजी, पिया थापा, प्रदीप थपलियाल, मोहन काला, सुलेमान अली, अभिनव थापर, रीता पुष्पवाण, संदीप चमोली, विजय रतूडी मोन्टी, अजय रावत, आयुश सेमवाल, नवनीत कुकरेती, राजवीर सिंह, मनीष राणा, उत्तम असवाल, सुनीता प्रकाश, सोनिया आनन्द, सुनित राठौर, संदीप चमोली, अवधेश पंत, हेमा पुरोहित, टीटू त्यागी, आशीष नौटियाल, पुष्पा पंवार, चन्द्रकला नेगी, अनुराधा तिवारी, संजय कद्दू, दीप बोहरा, डॉ0 प्रदीप जोशी, आनन्द बहुगुणा, पायल बहल, राजवीर खत्री, राकेश सिंह मियां, राकेश नेगी, विरेन्द्र पंवार, अर्जुन पासी, मो. फारूख, रॉबिन त्यागी, अनूप कपूर, आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।