कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा निकालेगी कांग्रेस, एक व्यक्ति, एक पद को मंजूरी, असंतुष्ट नेताओं की मांग खारिज
राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि दो अक्टूबर से कांग्रेस कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा निकालेगी। एक व्यक्ति एक पद को कार्यसमिति में मंजूरी दी गई। उम्र की पाबंदी के साथ ही असंतुष्ट नेताओं की संसदीय बोर्ड के गठन की मांग खारिज कर दी गई।
कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता एवं अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि पार्टी की तरफ से कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की जाएगी। सोनिया गांधी ने कहा कि हम 2 अक्टूबर से गांधी जयंती के दिन राष्ट्रीय कन्याकुमारी टू कश्मीर भारत जोड़ों यात्रा शुरू करेंगे। सभी युवा और सभी नेता इस यात्रा में हिस्सा लेंगे।
ये लिए गए फैसले
तीन दिवसीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन छह समितियों से मिले सुझावों पर कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने आज चर्चा की और फैसला किया कि पार्टी ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का नियम लागू करेगी। इसके साथ ही पार्टी की सर्वोच्च इकाई (CWC) ने असंतुष्ट नेताओं की संसदीय बोर्ड को पुनर्जीवित करने की मांग खारिज कर दी। संसदीय बोर्ड के बजाय कांग्रेस ने अब हर राज्य और केंद्र में राजनीतिक मामलों एक की समिति बनाने का फैसला किया है।
CWC ने “एक परिवार एक टिकट” का भी नियम लागू करने पर मुहर लगाई है, लेकिन जो लोग पांच साल से सक्रिय हैं, उन्हें इससे छूट दी गई है। माना जा रहा है कि इस नियम के जरिए गांधी परिवार में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए राह आसान किया गया है। इसके अलावा पार्टी ने 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित करने का भी फैसला किया है, हालांकि पार्टी ने ऊपरी उम्र सीमा पर पाबंदी लगाने का फैसला नहीं किया।
इनके अलावा कांग्रेस कार्यसमिति ने न्यूनतन समर्थन मूल्य (MSP) को लीगल गारंटी के रूप में देने पर भी मुहर लगाई है। जिला स्तर तक पार्टी संगठन को मजबूती देने के लिए CWC ने 9 अगस्त से सभी जिलों में 75KM की पदयात्रा आयोजित करने का फैसला किया है।
कांग्रेस कार्य समिति ने यूथ कांग्रेस के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के लिए एक रिजॉल्यूशन पास कराने का अनुरोध किया गया था। समिति में जब 45 साल की उम्र सीमा पर बात हो रही थी, तब प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूछा कि मेरे जैसे लोगों का क्या होगा? इसके बाद पार्टी में अधिकतम उम्र सीमा पर पाबंदी लगाने का फैसला टाल दिया गया।
संसदीय बोर्ड, जिसका तंत्र कांग्रेस के संविधान में निहित है, पी वी नरसिम्हा राव के प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद भंग कर दिया गया था। तब से इसे पुनर्जीवित नहीं किया गया है। अगर कांग्रेस संसदीय बोर्ड का गठन करती है तो वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन में अहम भूमिका निभाएगी। फिलहाल यह काम पार्टी की चुनाव समिति कर रही है।
टूट चुके लोगों से जुड़ें
राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी विचारधारा को बचाने की है। हमें जनता के पास जाना पड़ेगा। राहुल गांधी ने कहा कि हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए जो उनकी समस्या है उसे समझना चाहिए। हमारा जनता के साथ जो कनेक्शन था उस कनेक्शन को फिर से बनाना पड़ेगा। जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है। एक तरफ बेरोजगारी दूसरी तरफ महंगाई। यूक्रेन में युद्ध हुआ है। आने वाले समय में मुद्रा स्फ़ीति पर इसका असर पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी। जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था, उसे फिर से पूरा करेगी। ये शॉर्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में पंजाब को लेकर भी चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक बातचीत की अनुमति है। भाजपा और आरएसएस में ऐसी बात नहीं है, लेकिन यही कारण है कि कांग्रेस की आलोचना अधिक होती है। पार्टी की रणनीति में कमियों को स्वीकार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा संचार में बेहतर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बहुत पैसा है और वह लोगों से संवाद करने में हमसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि हमें अपने संचार में सुधार करना होगा और लोगों से जुड़ना होगा।
उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है और आवाज दबाई गई है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को गुमराह किया गया है, चुनाव आयोग का हाथ मुड़ा हुआ है। मीडिया को धमकियों और डराने-धमकाने के माध्यम से चुप करा दिया गया है। इज़राइली स्पाइवेयर पेगासस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक वर्ग को चुप कराने और गला घोंटने का यह भी एक तरीका है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।