अपने पुराने नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ ही जनता के बीच जाएगी कांग्रेस, पार्टी प्रस्ताव हिंदी में पारित
देश की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक कांग्रेस इन दिनों खुद को नए रंग में रंगने की कोशिश में लगी है।

इसके पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि अक्सर बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के राष्ट्रवाद और कांग्रेस नेतृत्व की भारतीयता पर सवाल उठाते रहते हैं। सूत्रों ने कहा कि इसलिए, इस बात को दोहराना अब जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी भारतीय है, भारतीयता में विश्वास राष्ट्रवादी है और कांग्रेस का नेतृत्व भी भारतीय है। इतना ही नहीं, भारत और भारतीयता में शामिल होने के लिए कांग्रेस पार्टी ने पिछले दिनों उदयपुर में पार्टी के प्रस्ताव को हिंदी में पढ़ा और हिंदी में ही इसे जारी किया गया। फिर बाद में इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया।
कांग्रेस पार्टी में यह पहली बार है कि प्रस्ताव हिंदी में पारित किए गए और बाद में उनका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। अब तक, प्रस्तावों को हमेशा अंग्रेजी में पारित किया जाता था और फिर उनका हिंदी अनुवाद मीडिया को उपलब्ध कराया जाता था। संचार रणनीति में बदलाव करते हुए कांग्रेस पार्टी ने समिति के गठन के तुरंत बाद 2024 के लिए गठित की गई टास्क फोर्स की बैठक की।
इसमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को विशेष रूप से बुलाया गया और तस्वीरें तुरंत मीडिया को जारी की गईं। ताकि आम कार्यकर्ता कांग्रेस की गंभीरता का संदेश मिले। उदयपुर में पार्टी ने नव संकल्प शिविर में संचार को मौलिक रूप से बदलने का प्रस्ताव पारित किया था। राहुल गांधी ने भी हमेशा माना है कि भारतीय जनता पार्टी की प्रचार प्रणाली कांग्रेस से काफी बेहतर है और उन्हें भाजपा के प्रचार के तरीके से सीखने की जरूरत है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।