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November 13, 2025

कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने फिर सीएम को लिखा पत्र, ध्वस्त पड़ी हैं स्वास्थ्य सेवाएं, सुधारने का आग्रह

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के हालातों के बारे में और उनको दुरुस्त करने की मांग करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आज प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पत्र लिखा।

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के हालातों के बारे में और उनको दुरुस्त करने की मांग करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आज प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पत्र लिखा। मुख्यमंत्री को भेजे इस पत्र में उन्होंने लिखा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं आईसीयू में हैं। कितनी जर्जर हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल दून मेडिकल कालेज के अस्पताल के सभी विभागों को मिला कर केवल 380 मरीजों के लिए बेड हैं। इनमें 100 आईसीयू, 8 पीडिया आईसीयू व जनरल वार्ड प्राइवेट वार्ड व महिला हस्पताल भी शामिल हैं। इस पर भी मानकों के हिसाब से इनके सापेक्ष जो स्टाफ है वो एक तिहाई से भी कम है।
उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ कम से कम 1000 होना चाहिए जो 350 हैं। वार्ड ब्वाय 900 के सापेक्ष मात्र पौने दो सौ है। धस्माना ने कहा कि अब कॉन्ट्रेक्ट पर जो स्टाफ नियुक्त करने का प्रस्ताव है, वो इसलिए सिरे नहीं चढ़ रहा क्योंकि उनका वेतन इतना कम है। कोई कर्मचारी दस हजार से पंद्रह हजार रुपये में अपनी जान खतरे में नहीं डालना चाहता।
उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा कि कोरोनेशन हस्पताल में जो 34 बेड का कोविड वार्ड बनाया है। उसमें मात्र ऑक्सीजन युक्त बेड है और आईसीयू की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि वर्तमान में जो भी कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में काम कर रहे हैं, उनका बीमा सरकार को करवाना चाहिए। स्वास्थ्यकर्मियों को जो पिछले तेरह महीनों में अपनी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं, चाहे वे डॉक्टर हों नर्सिंग स्टाफ हो, वार्ड ब्वाय हों या सफाई कर्मी हों उन्हें विशेष प्रोत्साहन राशि देनी चाहिए।
धस्माना ने कहा कि रायपुर में जो भी बेड अभी लगाए गए हैं वो बहुत कम हैं। वहां भी गंभीर मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। धस्माना ने कहा कि जिस प्रकार से संक्रमण की गति है उसके हिसाब से कम से कम एक हजार ऑक्सीजन युक्त बेड व पांच सौ आईसीयू बैड तैयार रखने चाहिए और इसके लिए युद्ध स्तर पर सरकार को और अधिकारियों को खुद मैदान में उतरना पड़ेगा।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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