कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कोटद्वार में दिया सांकेतिक धरना

उन्होंने कहा कि कोटद्वार से चंद्रमोहन सिंह नेगी मंत्री विधायक और सांसद रहे। सुरेंद्र सिंह नेगी वर्षों तक विधायक रहे। मंत्री रहे डॉक्टर हरक सिंह रावत यहां से विधायक रहे। भारत सिंह रावत यहां से विधायक रहे, लेकिन उन्होंने कभी भी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस या किसी अन्य राजकीय संपत्ति को व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में लेने की कोशिश नहीं की। उन्होंने इसे सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने विधानसभा स्पीकर से अपील की अपने कार्यों को संपादित करने के लिए एक कक्ष अपने लिए रख लें, लेकिन अन्य कक्षों को सार्वजनिक कार्यों के लिए खाली करें। इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में धीरेंद्र प्रताप ने भारत छोड़ो यात्रा को भाजपा के लिए खतरे की घंटी बताया। कहा कि राहुल गांधी के विषय में देश नयी करवट ले रहा है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव भाजपा के लिए अप्रत्याशित नतीजे लाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कि नेतृत्व में भारत छोड़ो यात्रा का पूरे राज्य में दूसरा चरण शुरू हो गया है। जनता में भाजपा के भ्रष्टाचार की पोल खोली जा रही है। उन्होंने लैंसडौन का नाम बदले जाने की बजाय भाजपा से काम पर जोर देने की अपील की। उन्होंने लैंसडौन का नाम बदलने के लिए वहां की जनता का समर्थन हासिल करना जरूरी बताया। कहा कि जन आकांशा के विरुद्ध इसका नाम बदला जाना कदापि उचित नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा इस तरह तो कल भाजपा इंडिया गेट और गेटवे ऑफ इंडिया का नाम बदलने लगेगी और उसका नाम दीनदयाल उपाध्याय गेट और शाम आ प्रसाद मुखर्जी गेट कर देगी। उन्होंने लेंसडौन का नाम बदलने के लिए वहां जनमत संग्रह कराने की मांग की। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह की ओर से उत्तराखंड राज्य में भाजपा राज में 20 फीसद कमीशन की बात करना राज्य में भ्रष्टाचार पर मुहर लगाता है। असलियत में तो भाजपा के सांसद और विधायक मिस्टर 40 फीसद बन गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआइपी का नाम नहीं बताया जाना शर्मनाक है। सरकार इस मामले में लीपापोती कर रही है। उन्होंने दिल्ली के छावला हत्याकांड केस के मामले में भी दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की लापरवाही उजागर होती है। तभी सुप्रीम कोर्ट से तीन आरोपियों के रिहा करने के आदेश हुए।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।