सिलक्यारा आपदा पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना के सवाल, टनल घोटाले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के बाद फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए 13वें दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है। अब विपक्ष ने भी इस हादसे को लेकर सरकार पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इसे टनल घोटाला करार दिया। इसके साथ ही कई सवाल खड़े किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राज मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग को 20 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने हरी झंडी दी। इसमें स्पष्ट रूप से एस्केप पैसेज का जिक्र है। फिर ऐसे में बिना एस्केप पैसेज व आपातकालीन निकासी के निर्माण के बिना प्रधानमंत्री की कमेटी के निर्णय का उल्लंघन कर कैसे साढ़े चार किलोमीटर की सुरंग बनाई जा रही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एआईसीसी सदस्य व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल किया कि टनल घोटाले के लिए जिम्मेदार ऐजेंसी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 20 फरवरी 2018 में हुई बैठक के बारे में जारी प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो भारत सरकार के प्रेस नोट को को भी पत्रकारों से साझा किया। इसमें एस्केप पैसेज का जिक्र किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने पूछा कि इस निर्णय के बाद क्या कारण है कि साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग में न तो एस्केप पैसेज की व्यवस्था की गई और ना ही कोई आपातकालीन निकासी का प्रबंध किया गया। ऊपर से पांच दिन पूर्व केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल पर प्रेस के द्वारा पूछे गए आपातकालीन निकासी के सवाल पर इस चूक को स्वीकार करने की जगह जनता को गुमराह करने लगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में जो टनल बनेंगी उन में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि पूरे चार धाम प्रोजेक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की सिफारिशों की भी अवहेलना की जा रही है। एमसीटी (मेन सेंट्रल थ्रस्ट) वाले संवेदनशील क्षेत्रों में भी 5.5 मीटर की जगह 12 मीटर चौड़ाई का काम किया जा रहा है, जो भू धंसाव और भूस्खलन का बड़ा कारण बन रहा है। उन्होंने सवाल किया कि सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी के दिशा निर्देशों की अवहेलना किसकी शह पर हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी व जिम्मेदार विपक्षी पार्टी होने के नाते जनता की ओर से सरकार से यह वाजिब सवाल कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हर नेता व एक एक कार्यकर्ता ईश्वर से सिलक्यारा सुरंग आपदा में फंसे सभी 41 श्रमिकों के सुरक्षित निकल आने की प्रार्थना कर रहे हैं। साथ ही रेस्क्यू आपरेशन में लगे सभी देश विदेश के एक्सपर्ट्स, एसडीआरएफ एनडीआरएफ, राज्य पुलिस व सिविल अधिकारी व कर्मचारियों को साधुवाद देते हैं। उनकी मेहनत की सफलता की कामना करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।