कोटद्वार में गरजे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना, बोले-राज्य में आपदा प्रबंधन तंत्र शून्य, रैणी व सिलक्यारा ने किया साबित
उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने एक बार फिर से आपदा प्रबंधन को लेकर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर सियासी हमला किया। पौड़ी जिले के कोटद्वार में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि रैणी और सिलक्यारा की आपदा ने साबित कर दिया कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन तंत्र शून्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि रैणी में धौली गंगा में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना में 2021 में आई आपदा व 11 नवंबर 23 को उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में आई आपदा ने यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड राज्य में बड़ी आपदाओं से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 900 किलोमीटर की चार धाम आल वेदर रोड महापरियोजना , ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना व अनेक जल विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। यानी पूरा उत्तराखंड और विशेष रूप से गढ़वाल संभाग बारूदी ढेर पर खड़ा है और किसी भी विस्फोट से निबटने के लिए हमारे तंत्र का क्या हाल है, इसकी तस्वीर रैणी आपदा में देख चुके हैं। जिसमें हम किसी को नहीं बचा पाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वहीं, सिलक्यारा टनल हादसे से निपटने के लिये देश विदेश से विशेषज्ञ व मशीनें लानी पड़ीं, जो काम नहीं आईं। तब रैट होल माइनर्स के भरोसे बचाव अभियान सफल हो पाया। अब इस पर हम अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। धस्माना ने कहा कि यह प्रदेश की राजनैतिक लीडरशिप, विज्ञान विशेषज्ञों और बड़े बड़े पदम पुरस्कारों को प्राप्त करने वालों के सामने भी बड़ा प्रश्न है कि राज्य की इस दुर्दशा के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि 22 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सिलक्यारा टनल के निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की सिलक्यारा टनल के निर्माण की संस्तुति की अवहेलना करने वाली निर्माण कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। संस्तुति में स्पष्ट रूप से एस्केप पैसेज के निर्माण का प्रावधान था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना यह साबित कर रहा है कि इस पूरे हादसे के लिए न केवल निर्माण करने वाली कम्पनी, बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और राज सरकार भी जिम्मेदार है। धस्माना ने कहा कि राज्य में चल रही सभी परियोजनाओं जिनमे टनल बन रही हों, उन टनलों का जब तक सेफ्टी ऑडिट न हो, तब तक टनल निर्माण कार्य रोकना चाहिए। साथ ही राज्य में इस प्रकार के हादसे होने पर उनसे निबटने का तंत्र विकसित करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्रकार वार्ता में किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव गुड्डू चौहान, कोटद्वार कांग्रेस जिला अध्यक्ष विनोद डबराल, पूरन सिंह रावत, धीरेंद्र सिंह नेगी, प्रवेश रावत, बलवीर सिंह, जावेद,अमीत राज सिंह रावत, मनीष सुंदरियाल, संकेश्वर प्रसाद, महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रश्मि पटवाल उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। 24 नवंबर से मशीन से खुदाई ठप हो गई थी। इसके बाद हाथ से खुदाई की गई और मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया। हाथ से खुदाई को ही रैट माइनिंग कहा जाता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।