बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के विरोध में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, प्रदेश अध्यक्ष बोले- लगातार 7 दिनों तक होगा प्रदर्शन
गुरुवार नौ फरवरी को देहरादून के गांधी पार्क में भती घोटाले की जांच की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे बेरोजगार नौजवानों पर पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में कांग्रेस ने आज हल्ला बोल दिया। देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार और जिला प्रशासन का पुतला जलाया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पुलिस बर्बरता के खिलाफ सात दिन तक प्रदेशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस भवन से कार्यकर्ताओं ने पुलिस मुख्यालय के लिए कूच किया। उन्हें रास्ते में पुलिस ने रोक दिया। इस बीच प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का पुतला जलाया गया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बेरोजगार नौजवानों पर बिना उकसावे के लाठीचार्ज की निंदा की। साथ ही कहा कि हम नौजवानों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा जो बेरोजगारों पर लाठीचार्ज कर उनकों घायल किया गया, ये लाठीचार्ज बेरोजगारों पर नही उत्तराखंड की आत्मा पर किया गया हमला है। इस घटना ने उत्तराखंड को शर्मशार कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जिन बेरोजगार युवाओं की सपनों की नीव पर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ है, उन्ही के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार इस सरकार के ताबूत में आखिरी कील होगी। इस मौके पर उपनेता भुवन कापडी ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त तो न हो सका, परन्तु कानून मुक्त जरूर हो चुका है। आरोपियों और भ्रष्टाचारियों का प्रदेश में बोलबाला है और धामी सरकार ना भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई लगाम लगा पा रही है ना ही नकल माफिया पर। कापडी के अनुसार प्रदेश राम भरोसे चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, प्रदेश महामंत्री मनीष नागपाल, महेन्द्र नेगी गुरूजी, रोबिन त्यागी, विकास नेगी, जगदीश धीमान, विनित भटट बन्टु, मोहन भंडारी, आयुष गुप्ता, संदीप चमोली, संगीता गुप्ता, संचिन थापा, अभिषेक तिवारी, फारूख राव, लक्की राणा, आलोक महता अरविन्द गुरूग आशा मनोरमा शर्मा, विरेन्द्र पंवार, शमीम मंसूरी आदि उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस बर्बरता के विरोध में कांग्रेस लगातार 7 दिनों तक करेगी प्रदर्शनः करन महारा
सूबे में लगातार हो रहे भर्ती घोटालों एवं बेरोजगारों के साथ हुई बर्बरता के मद्धेनजर आज प्रदेश काग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश में भ्रष्टचार का पर्याय बन चुकी है। अपने कुछ चहेते सफेदपौशों को बचाने के लिए राज्य सरकार किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। इसीलिए इतने व्यापक स्तर पर परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बावजूद सीबीआई जांच नही कराई जा रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि पहले दिन से जबसे युकेएसएससी घोटाला सामने आया है तब से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी सिर्फ और सिर्फ सीबाआई जांच हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग कर रही हैं। माहरा ने युवाओं पर पुलिस प्रशासन के द्वारा की गयी बर्बरता की कठौर शब्दों में निंदा की। माहरा ने कहा कि प्रदेश में विगत दिवस जो घटना घटी वह कोई एक दिन का उबाल नही था, राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं को अनसुना कर उन्हें सडकों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि लगातार हो रहे भर्ती घोटालों और घोटालों में भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों की संल्पितता के कारण यह आक्रोश युवाओं में देखने को मिला। प्रदेश के बेरोजगार युवा केाई बहुत बडी मांग सरकार से नही कर रहे हैं। बल्कि भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच और पहले जांच फिर परीक्षा करवाए जाने को लेकर अडिग हैं। सरकार अपनी ऐजेन्सी से जांच करवा रही है, जानबूझ कर केस को कमजोर किया जा रहा है और वही हुआ है जिसकी विपक्ष को आंशका थी, अपराधियों को लगातार जमानत मिल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष एस राजू की गिरफ्तारी तो दूर जांच व पूछताछ तक नही की जा रही है। लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गयी परीक्षाएं जब लीक हुयी तो बेरोजगारों को घोर निराशा हाथ लगी, अतिगोपन विभाग के तीन में दो अधिकारी षंडयन्त्र में शामिल पाये गये जिससे युवाओं का शक और पुख्ता हो गया कि बाकी की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार हुआ होगा और उनके भी लीक होने के पूरी संभावना है। इसीलिए युवा अपनी जायज मांग के लिए सड़कों पर उतरे की पहले जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी किया जाए। एक साफ-सुथरी व्यवस्था एक सुरक्षित परीक्षा तंत्र प्रदेश के युवाओं को विश्वास दिलाने के लिए बनाया जाए। उसके बाद ही परीक्षाएं कराई जाए। परंतु इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे प्रदेश के कोने-कोने से बीते रोज बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरे, जिसे राज्य सरकार ने सही तरीके से हैंडल नहीं किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महारा ने कहा कि जब जब भाजपा आती है आखिर क्यों प्रदेश की जनता पर लाठियां भाजी जाती हैं ?क्यों मुख्यमंत्री युवाओं से सीधे वार्ता नहीं कर रहे ? महारा ने आरोप लगाया कि भाजपा संगठन से जुड़े युवा आंदोलन में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत शामिल हुए, जिन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ अभद्रता की। सरकार को साफ करना चाहिए कि किसके इशारे पर लाठीचार्ज हुआ? महारा ने कहा के आज कांग्रेस के प्रदर्शन में भी पुलिस ने सिर्फ मुझपर बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश के वरिष्ठतम नेता हरीश रावत के साथ भी अभद्रता की। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी के साथ भी बल प्रयोग किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रसाशन ने सारी हदें पार कर दीं। जिससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तबीयत भी बिगड़ गई। महारा ने कहा कि शासन प्रशासन की इस बर्बरता के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह अगले 1 सप्ताह तक लगातार आंदोलन जारी रखेंगे। महारा ने कहा कि कल पुनः प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता एक बार फिर पुलिस मुख्यालय कूच करेंगे। महारा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि जिन युवाओं को गिरफ्तार किया गया है, उन पर से अपराधिक मुकदमे हटाए जाएं व उनकी जायज मांगों को माना जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि उनके द्वारा विधानसभा में साक्ष्यों के साथ पेपर लीक मामले को उठाया गया। मगर सरकार ने मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। सरकार पूरे मामले में लीपापोती करती आ रही है। लोक सेवा आयोग में भी जो परीक्षाएं कराई जा रही हैं उनमें घपले होने की आशंका के चलते पहले ही राज्य सरकार को आगाह कर दिया था। मगर सरकार फिर भी नहीं चेती इसका परिणाम सब ने देखा कि किस तरह से पटवारी लेखपाल और एई/जेई की परीक्षाएं भी थोड़े ही समय में लीक हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के आक्रोश को भाप नहीं पा रही है, युवा हजारों की तादाद में सड़कों पर उतरे मगर सरकार ने बातचीत से हल निकालने के बजाय उन पर लाठियां भाजी राज्य सरकार का सूचना तंत्र भी फेल हो गया ।लाठियों से पीट-पीटकर युवाओं को गंभीर धाराओं में मुकदमे तक लगा दिए गए जोकि अत्यंत निंदनीय है। सरकार युवाओं का उत्पीड़न बंद करें नहीं तो हम न्याय मिलने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से कराये सरकार
देहरादून में राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार ने भर्ती घोटालों की जांच की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे नौजवानों पर राज्य सरकार के आदेश पर पुलिस द्वारा बदसलूकी, धक्का-मुक्की एवं लाठीचार्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार इन भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई अथवा उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराये। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों में हुई जांचों के खुलासों में भाजपा नेताओं का हाथ होने से स्पष्ट हो जाता है कि राज्य में भर्ती घोटाला तंत्र सरकार के संरक्षण में फल फूल रहा है तथा राज्य के बेरोजगार नौजवानों का हक मारा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही इन भर्तियों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में करवाये जाने की मांग करती रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार ने जिस प्रकार का रवैया अपनाया हुआ है, उससे उसकी नीयत में खोट नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई अथवा उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराये जाने से क्यों कतरा रही है। राज्य सरकार को तत्काल इसकी जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने दमनकारी नीति का परिचय देते हुए शांतिपूर्ण आंदोलन को शक्ति के बल पर कुचलने का काम किया है, जिसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में गुरुवार को प्रदेशभर में युवाओं ने गुरुवार नौ फरवरी को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। इस दौरान पुलिस के साथ ही कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकार
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भर्ती परीक्षा को लेकर ऐसे सामने आए घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।