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December 12, 2024

किसान आंदोलन के समर्थन में 15 को कांग्रेस की पदयात्रा, 25 को किसान सम्मेलन, कुंभ को लेकर सरकार को घेरा

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आने वाले दिनों में राज्य में किसानों के समर्थन में अपना अभियान तेज करने का फैसला किया है।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आने वाले दिनों में राज्य में किसानों के समर्थन में अपना अभियान तेज करने का फैसला किया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के द्वारा निर्देशित कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आगामी 15 फरवरी को किसानों के मुद्दों पर राज्य के प्रत्येक संगठनात्मक जिले में किसान पदयात्रा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। धस्माना ने बताया कि जिला कांग्रेस कमेटियां अपने अपने जिले में कम से कम दस किलोमीटर की पदयात्रा आयोजित करेंगी। जिसमे पार्टी के समस्त प्रदेश, जिला, ब्लॉक पदाधिकारियों के अलावा बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की भागीदारी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि इन पदयात्राओं के माध्यम से तीनों किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द करने के साथ ही किसानों का कर्ज माफ करने, गन्ने का बकाया भुगतान करने के मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएंगे। धस्माना ने बताया कि आगामी 25 फरवरी को पार्टी की ओर से उधमसिंह नगर में विशाल किसान सम्मेलन प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा जिसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी श्री देवेंदर यादव भी भागीदारी करेंगे। धस्माना ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की हठधर्मिता व किसान विरोधी रवैये से आज पूरे देश के किसान वर्ग में भारी आक्रोश व सरकार के प्रति असंतोष व्याप्त है।
कुम्भ की समय अवधि कम करना धर्म विरोधी
उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार कुम्भ की तैयारियां करने में पूरी तरह से नाकाम है। इसीलिए अब कोरोना को बहाना बना कर कुम्भ की समयावधि कम करने की कोशिश सरकार कर रही है, जो धर्म विरुद्ध है। उन्होंने इस मसले पर त्रिवेंद्र सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने वाली सरकार ने अब जब प्रदेश भर में बार रेस्टोरेंट, मॉल, सिनेमाघर, स्कूल, कालेज, कोचिंग सेंटर सब फुल कैपेसिटी में खोलने के आदेश दे दिए हैं। इसका अर्थ है कि सरकार ये मान चुकी है कि कोरोना अब समाप्ति की ओर है। फिर कुम्भ जिसका पहला बड़ा स्नान सवा महीने बाद है, उस पर क्यों सीमित अवधि का निर्णय किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा सवाल है, जिसका सीधा जवाब यह है कि एक तो सरकार की तैयारी आधी अधूरी हैं, दूसरा सरकार आने वाले श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है। धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जी व उनकी पूरी सरकार व उनके मातहत सब यह मान कर चल रहे थे कि कोरोना तो अभी शायद 2021 पूरे साल रहेगा। इसलिए कुम्भ का आयोजन होगा ही नहीं और इसीलिए उन्होंने इसकी तैयारी नहीं की ।
धस्माना ने कहा कि पूरी दुनिया के सनातन परंपरा के लोग कुम्भ में स्नान के लिए बिना किसी बुलावे के आते हैं। कुम्भ के स्नानों की तिथियां सनातन हिन्दू पंचांग से निकलती हैं, ना कि सरकारी नोटिफिकेशन से। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं का उलंघन कर महासपाप कर रही है, जिसकी उनको माफी भी नहीं मिलेगी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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