तीन माह से बेड पर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, फिर भी सरकार के लगातार पूछ रहे सवाल, आज उठाई ये समस्या
तीन माह से लगातार बेड पर होने के बावजूद देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर लगातार सक्रिय हैं। वह घर से ही सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर कई विभागीय अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। समस्या को दूर करने के लिए अधिकारियों को नींद से जगा रहे हैं। ऐसे में किसी को पता ही नहीं कि लालचंद शर्मा बिस्तर पर पड़े ही मोबाइल फोन या फिल लैपटॉप से इन सब कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। आज भी उन्होंने शहर की यातायात समस्या को लेकर सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। पहले हम यहां बताते हैं कि लालचंद शर्मा को किस वजह से बिस्तर पर शरीर को आराम देने की जरूरत पड़ी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)एक अगस्त को हुए थे दुर्घटना के शिकार
देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा एक अगस्त 2022 को सड़क दुर्घटना का शिकार हुए थे। समय सुबह करीब सात बजे का था। वह नेशविला रोड स्थित अपनी दुकान के बाहर खड़े थे। इसी बीच एक महिला ने स्कूटी से उन्हें टक्कर मार दी। इस पर घायल होने के कारण उन्हें कोहली नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। उनकी घुटने की हड्डियां दो जगह से टूट गई थीं। जहां उनके आपरेशन हुए। आठ दिन तक उन्हें अस्पताल में भर्ती रखा गया। इसके बाद छुट्टी दी गई, लेकिन चिकित्सक की सलाह पर वह बेड रेस्ट पर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोरोनाकाल में लगातार रहे थे सक्रिय
लालचंद शर्मा कोरोनाकाल में लगातार सक्रिय रहे। जहां पहली और दूसरी लहर में लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, वहीं लालचंद शर्मा ने मानवता सेवा को धर्म बनाया। चाहे कोरोना किट वितरण हो या फिर गरीब लोगों को राशन बांटना। चाहे दवा हो या फिर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था। वह घर घर जाकर लोगों की मदद करने में जुटे रहे। जरूरतमंद के एक फोन पर वह मदद को तत्पर रहे। शायद यही उनके कर्मों का फल रहा होगा कि वह अब शारीरिक संकट से उबर चुके हैं। जल्द ही कांग्रेस भवन तक जाना शुरू कर देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज उठाई देहरादून शहर की यातायात समस्या
कांग्रेस देहरादून महानगर अध्यश्र लालचंद शर्मा ने आज देहरादून शहर की यातायात समस्या को उठाया। साथ ही पुलिस और प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई है। शहर के मुख्य चौराहों पर लंबा जाम रहता है। पुलिस प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद भी यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आम जनता को भारी जाम के बीच मुसीबत का सामना करना पड़ता है। वहीं जाम के चलते पेट्रोल और डीजल भी वाहनों में ज्यादा लग रहा है। ऐसे में लोगों को ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी के कारण अपनी जेब खासा ढीली करनी पड़ती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लालचंद शर्मा के मुताबिक, पुलिस प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था के लिए कई प्लान बनाए गए। कोई भी प्लान कारगार साबित नहीं हुआ। मौजूदा समय में देहरादून शहर की सड़कों में जाम का झाम रहता है। हरिद्वार रोड पर रिस्पना पुल के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। ऐसे ही प्रिंस चौक से लेकर तहसील चौक के बीच भी जाम की समस्या बनी रहती है। वहीं सहारनपुर चौक से लेकर प्रिंस चौक के बीच भी जाम के बीच लोगों को निकलने में काफी दिक्कत आती है। इसी तरह बल्लीवाला चौक और कांवली रोड में भी जाम की खासी समस्या रहती है। साथ ही शाम होते ही चकराता रोड में भारी जाम रहता है। वहीं किसी जमाने में शांत इलाका डालावाला क्षेत्र में अब खासा जाम रहता है। इसके अलावा घंटाघर से लेकर बहल चौक के बीच भी वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस महानगर देहरादून के अध्यक्ष लालचंद शर्मा के मुताबिक, शहर में कई जगह ट्रैफिक लाइट लगाई गई है। कुछ जगहों में ट्रैफिक लाइटों के कारण भी जाम लग रहा है। इन ट्रैफिक लाइटों की टाइमिंग ठीक नहीं है। जिस कारण दिक्कत आती है। धर्मपुर मंडी से फव्वारा चौक के बीच दो जगह ट्रैफिक लाइट पड़ती है। दोनों जगह ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग ठीक नहीं है। इस कारण धर्मपुर मंडी से लेकर फव्वारा चौक के बीच वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। ऐसे में लोगों को धर्मपुर मंडी से फ़ूवारा चौक के बीच मात्र 500 मीटर की दूरी को पार करने के लिए कम से कम 10 से 20 मिनट लग जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी
लालचंद शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि ट्रैफिक की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। आज से करीब 20 साल पहले भी देहरादून की सड़कों पर इसी तरह जाम लगता था। तब तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जावेद अख्तर ने इस समस्या को खुद झेला तो उन्होंने जाम की समस्या से लोगों को निजात दिला दी। तब हर स्थान पर पुलिस और होमगार्ड के कर्मी सड़कों पर नजर आते थे। जहां तहां वाहन रोकने वालों पर पुलिस सख्ती दिखाती थी। पुलिस के अधिकारी खुद सड़क पर उतरते थे। अब पुलिस का काम सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित रह गया है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




