केंद्रीय बजट को कांग्रेस नेताओं ने बताया निराशाजनक, जानिए किसने क्या कहा
संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया। इसे जहां बीजेपी के नेता विकासपरक बजट बता रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस बजट को निराशाजनक करार दिया। कांग्रेस नेताओं ने इसे जनविरोधी, किसानविरोधी सहित कई उपमाएं दे डाली। साथ ही कहा कि पीएम मोदी का तीसरा कार्यकाल इस बजट में नदारद दिख रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की जनता बेसब्री से टकटकी लगाकर केंद्रीय बजट का इंतजार कर रहा थी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक सभाओं से लगातार उत्तराखंड से पुराना नाता होने की बात कही है। कभी केदार बाबा ने बुलाया है, तो कभी गंगा मां ने बुलाया है। प्रधानमंत्री की इन बातों से उत्तराखंड की भावुक जनता इतना प्रभावित हुई कि उसने लोकसभा ही नहीं, अपितु विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ जिताया। उत्तराखंड को उम्मीद थी कि उसे ग्रीन बोनस मिलेगा या विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा या औद्योगिक पैकेज मिलेगा। वहीं, बजट में राज्य को निराशा मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यह भी उम्मीद थी की भौगोलिक विषमताओं वाले प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर का भूस्खलन और भू धंसाव पर रिसर्च करने के लिए शोध संस्थान मिलेगा। जामरानी बांध की तरह सॉन्ग नदी पर बांध को भी कोई धनराशि आवंटित की जाएगी। कई रेलवे प्रोजेक्ट्स की मांग उत्तराखंड काफी समय से कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सुरसा का रूप ले चुकी महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए केंद्रीय बजट में कोई रोड मैप होगा? नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना के चलते जो मुश्किलें मध्ययम एवं लघु उद्योगों को झेलनी पड़ रही है, उनको पुनर्जीवित करने के लिए कोई नीतियां बनाई जाएगी? एससी एसटी कंटीन्जेंसीज के लिए हर सरकार के बजट में पैसा रखा जाता था, परंतु मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में वह भी नदारद दिखा। कुल मिलाकर सरकार ने बजट में निराश ही किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा दसौनी ने कहा कि बजट में कहीं मनरेगा का जिक्र तक नहीं हुआ? शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जनकल्याण, आदिवासी इत्यादि के लिए बजट आवंटन में कटौती की गई। 2014 के बाद देश में एक लाख किसान आत्महत्या कर चुका है, परंतु 2014 से पहले किसानों को राहत देने के लिए डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में किसानों का 72,000 करोड़ रूपया माफ किया। वहीं, मोदी सरकार में पूंजीपतियों का 16 लाख करोड़ तो माफ किया जा सकता है, लेकिन किसानों का ऋण माफ नहीं किया जा सका? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि आए दिन रेल दुर्घटनाएं हो रही हैं, परंतु उसका जिक्र तक बजट के दौरान नहीं किया गया। बिहार और आंध्र प्रदेश को खुश करते-करते मोदी सरकार यह भूल गई कि देश में अन्य राज्य भी हैं जो समस्याओं से जूझ रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के न्याय पत्र में युवाओं के लिए ग्रेजुएशन के बाद 1 साल की अप्रेंटिसशिप की जो योजना थी, उसको इंटर्नशिप के नाम से बजट में शामिल किया गया। इसके लिए बीजेपी सरकार को कांग्रेस का धन्यवाद करना चाहिए। कुल मिलाकर निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट “कुर्सी बचाओ” और “कट कॉपी पेस्ट” बजट बन कर रह गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्र सरकार बचाने वाला सरकार बजटः आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा
प्रदेश महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा कि आज वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट में महिलाओं, युवाओं को भी तवज्जो दी जाती तो अच्छा होता। महंगाई व रोज़गार पर चुप्पी है। उन्होंने कहा कि लगता है बजट केवल बिहार को देखते हुए बनाया गया है। आखिर सरकार भी चलानी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इस बजट में फिर से युवाओ को ललचाया गया है, केवल बोलने से ही नौकरी नही मिलती। युवा आज नौकरी के लिए भटक रहे हैं। केंद्र सरकार में कई विभागों में लाखों रिक्त पदों पर अभी कोई नियुक्ति नही हो पाई है। अग्निवीर पर भी चुप्पी है। अन्य विभागों में कब से रिक्त पद पड़े हुए है, उन पर अभी नियुक्ति नही कर पाई। पिछले बजट की तरह इस बजट में भी केवल खोखले वादे किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को ग्रीन बोनस नही मिल पाया। पहाड़ी राज्यो में हिमाचल व उत्तराखंड को ग्रीन बोनस की उम्मीद नए बजट में थी, मगर लगता है सरकार को चलाना है तो बिहार को आगे रखना पड़ेगा। नीट परीक्षा में लिप्त लोगो की तरफ से भी तो ध्यान हटाना है। वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट में केवल पूर्वोदय योजना में शामिल करने के अलावा एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, सड़क आदि के लिए उत्तराखंड को निराश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जन विरोधी, गरीब विरोधी और किसान विरोधी बजटः धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में आज प्रस्तुत किए गए अंतरिम बजट को जन विरोधी, गरीब विरोधी और किसान विरोधी बताते हुए इस बजट को देश की प्रगति के लिए निराशाजनक बताया है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश की सरकारों के समक्ष अपने घुटने टेक दिए हैं। देश के अन्य राज्यों की उपेक्षा की है। उससे साफ जाहिर होता है कि दिल्ली की सरकार ने कुंर्सी बचाने के लिए देश की आम जनता के हितों के साथ कुठाराघात किया है। उन्होंने आपदा पीड़ित उत्तराखंड हिमाचल व अन्य राज्यों के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई विशेष प्रावधान न किए जाने को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने सरकार द्वारा फौज में भर्ती के नाम पर ही कोई भी नया क्रांतिकारी कदम ना उठाने को भी बजट की दिशाहीनता का सूचक बताया। उन्होंने बेरोजगारी के मोर्चे पर सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कोई बड़ा कदम ना उठाए जाने को भी देश की युवा पीढ़ी के लिए दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।