कांग्रेस नेत्री सुजाता पॉल ने उठाए सवाल-केदारनाथ के मंदिर के गर्भ गृह में क्यों लगी आग
सुजाता पॉल ने कहा कि केदारघाटी में 2013 में आई महाप्रलय के बाद जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा यह साफ-साफ शब्दों में कहा गया था कि बाबा केदारनाथ के स्ट्रक्चर से कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि यह भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बावजूद यह सरकार केदारनाथ रेस्टोरेशन के नाम पर केदारनाथ धाम के साथ खिलवाड़ कर रही है। 2 साल पहले गर्भ ग्रह में चांदी लगाई गई, जिसे अब उतार कर वहां फाइबर शीट लगाकर उस पर सोना लगाने की तैयारी की जा रही है। कल बाबा की चेतावनी के रूप में बाबा के अखंड ज्योत से आग की लपटें निकली और फाइबर शीट जलकर तहस-नहस हो गई। जो सरकार जीरो प्लास्टिक वेस्ट की बात अच्छी बात करती हो, वही मंदिर में प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ अच्छी लच्छेदार बातें ही करना जानते है। काम इनके जरा भी अच्छे नहीं हैं। आप फाइबर शीट जैसी अप्राकृतिक चीज का इस्तेमाल कर बाबा के प्रांगण को दूषित करने का काम कैसे कर सकते हैं। केदारनाथ धाम मोक्ष धाम है और मनुष्य वहां पर सब कुछ त्याग कर बाबा की आराधना करने आते हैं। पांडव भी मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान शिव का पीछा करते हुए केदारनाथ पहुंचे थे। बाबा को ना सोने की जरूरत है ना ही चांदी की। इसी कारण पंडा पुरोहित इसका प्रचंड विरोध भी कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बाबा के गर्भ गृह को पहले प्रधानमंत्री पूजा करके सार्वजनिक कर दिया। अब वहां पर ड्रिलिंग मशीन से बड़े-बड़े छेद किए जा रहे हैं। कई क्विंटल सोना वहां लगाने की तैयारी की जा रही है। आखिर इतना सोना कहां से आया। केदारनाथ मंदिर पर किसी मंदिर समिति का ही अधिपत्य नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम बाबा का दरबार है। इसीलिए केदारनाथ हिंदुओं के मन व आस्था से जुड़ा हुआ है। और हर हिंदू का केदारनाथ मंदिर पर पूरा -पूरा अधिकार है। इसलिए यह सरकार परंपराओं से खिलवाड़ क्यों कर रही है। पहले धारी देवी मंदिर को हटाया जाना एक चेतावनी स्वरूप था। इसके बाद 2013 में माह प्रलय आई। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित रश्मिरथी में कृष्ण की चेतावनी में भगवान श्री कृष्ण अधर्मी कौरवों को समझा कर युद्ध में होने वाले विध्वंश को रोकने की कोशिश करते हैं। यहां भी कहीं यह शिव की चेतावनी तो नहीं, जिसमें देवो के देव महादेव इन अधर्मियों को चेताने की कोशिश तो नहीं कर रहे कि तुम अपनी नीचता से बाज आ जाओ। नहीं तो तुम्हारा हाल भी दुर्योधन व उसके गुर्गों के जैसा ही होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कृष्ण की चेतावनी में दिनकर कहते हैं कि जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है। तो भाइयों विवेक तो इनमें कभी था ही नहीं और आत्मा इनकी मर चुकी है। तभी तो यह लोग केदारनाथ जैसे पवित्र धाम के गर्भगृह में कभी क्विंटलों चांदी लगाते हैं। कभी फाइबर सीट लगाते हैं, कभी वहाँ लाइट एंड साउंड शो कराते हैं। अब गर्भ गृह में क्विंटलों सोना लगाने की तैयारी। क्या ये सोने की चमक से बाबा को बांधना चाह रहे हैं? जैसे की कृष्ण की चेतावनी में दुर्योधन हरि को बांधने की कोशिश करता है। और अंत में अपना सर्वनाश कर बैठता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सन्यासी का भेष धारण करके एक गुफा में ध्यान लगाकर बैठे थे। क्या उन्हें यह नहीं पता शिव कौन है? क्या उन्हें यह नहीं पता कि सन्यासी सब कुछ छोड़कर केदार बाबा की शरण में आता है? आखिर भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत की प्रचंड अहंकारी सरकार हिंदुओं की आस्था और परंपराओं से इस तरह का खिलवाड़ क्यों कर रही है। सनातन धर्म की परंपराओं को तोड़ने की कोशिश क्यों करी जा रही है? बाबा को कुछ नहीं चाहिए। बाबा के द्वारे जो तीर्थयात्री आते हैं, उनके लिए शौचालय, रहने के लिए जगह, पीने के लिए पानी, अच्छी सड़क की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि क्या सरकार ने 2013 की आपदा से कोई सीख नहीं ली है? क्या बाबा केदार के रौद्र रूप को भूल गए हैं? क्या इन्हें पता नहीं है इस समय बरसात का मौसम है और लोगों की सुरक्षा की तरफ पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए? गर्भगृह में आग लगना बाबा केदार की चेतावनी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग है अपने इन कुकृत्यों को बंद करें। विस्फोटकों, ड्रिलिंग मशीन, फाइबर शीट, प्लाई बोर्ड और सोना चांदी जैसी वस्तुओं को बाबा केदार के द्वार से दूर रखें।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।