बाबा साहेब के अपमान के खिलाफ उपवास पर बैठे कांग्रेस नेता धस्माना, बोले- गृह मंत्री अमित शाह को करें बर्खास्त
भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रति घृणा तिरस्कार व अपमान का भाव प्रकट करने वालों के विरुद्ध उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कांग्रेसजनों के साथ देहरादून में घंटाघर स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय धरना व उपवास में बैठे। इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शनिवार 21 दिसंबर को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में कांग्रेसजन घंटाघर के समीप संविधान निर्माता बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष पहंचे और धरने पर बैठ गए। वहां पर भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रति घृणा तिरस्कार व अपमान का भाव प्रकट करने वालों के विरुद्ध विशेषकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिकात्मक रूप से उपवास किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सूर्यकांत धस्माना ने कहा है कि जिस तरह से संसद में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है, इसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरह से बाबा साहेब के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है, उससे साबित हो गया कि भाजपा व आरएसएस को बाबा साहेब के देश के प्रति दिये गये योगदान व बनाये गये संविधान के लिए कोई कृतज्ञता नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बारह सेकेंड का देश के गृह मंत्री अमित शाह का व्यक्तव्य देश के इतिहास में काले पन्नों में लिखा जायेगा। इस अपमान का भाजपा के किसी नेता ने खंडन नहीं किया और न ही क्षमा मांगी। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा, संघ परिवार और आरएसएस गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन में हैं। बयान से साफ झलकता है कि अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया है। इससे देश आक्रोशित है। संविधान का सम्मान करने वाले, संविधान को मानने वाले लोग अपेक्षा करते हैं कि इस कृत्य को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सार्वजनिक माफी मांगे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मंत्रिमंडल ने गृह मंत्री को बर्खास्त करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर धरने व उपवास के बाद सूर्यकांत धस्माना ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा समस्त कार्यकर्ताओं ने यह संकल्प लिया कि वह भाजपा, आरएसएस व नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा ने बाबा साहेब का अपमान व संविधान से छेडछाड को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगें। भाजपा व आरएसएस की मानसिकता को पूरे देश के सामने उजागर करेंगें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर देहरादून महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान, प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता सुनीता प्रकाश, प्रवक्ता संदीप चमोली, निवर्तमान इलियास अंसारी, मुकीम अहमद, संगीता गुप्ता, राजेश पुंडीर, वरिष्ठ नेता अरूण वाल्मीकि, श्रम कांग्रेस के दिनेश कौशल, पूनम कंडारी, आनंद सिंह पुंडीर, विरेन्द्र पंवार, संजय भारती, शुुभम सैनी, अभिषेक तिवारी, अमीचन्द सोनकर, जसपाल सिंह, अवधेश कथिरिया, दीपक धीमान, अंजू भारती, राधिका शर्मा, अनिल शर्मा, महमूदन, जमाल अहमद, ललित भद्री, मेहताब, आदर्श सूद, निहाल सिंह, राम कुमार थपलियाल सहित कांग्रेस के कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां से बढ़ा मामला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर बयान दिया था, जिसपर सियासी विवाद छिड़ गया था। इसी बयान के बाद कांग्रेस भड़क गई और फिर सियासी विवाद बढ़ता चला गया। यही नहीं, गुरुवार को संसद परिसर में जब कांग्रेसी सांसद प्रदर्शन कर रहे थे, तो उनके बीच डंडों पर पोस्टर लगाकर बीजेपी के सांसद भी पहुंच गए। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ धक्कामुक्की का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस सांसदों का कहना है कि धक्कामुक्की के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गिर गए। उनके घुटने में चोट आई। वहीं, बीजेपी के दो सांसद भी चोटिल बताए गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में बीजेपी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं में रिपोर्ट लिखाई गई है। वहीं, कांग्रेस ने भी बेजेपी के खिलाफ तहरीर दी है। कांग्रेस का कहना है कि उनके सांसदों को संसद में प्रवेश द्वार पर बीजेपी के सांसद रोक रहे थे। साथ ही धमका रहे थे और धक्कामुक्की कर रहे थे। हालांकि, दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसी वीडियो फुटेज सामने नहीं आई, जिससे किसी पक्ष के आरोप पुख्ता साबित हो सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गृह मंत्री ने की थी ये टिप्पणी
मान्यवर अभी एक फैशन हो गया। अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अमित शाह के भाषण का इतना अंश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है। इसके बाद बीजेपी ने वीडियो पोस्ट किया। इसमें उक्त बयान के आगे का भाषण भी दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसमें अमित शाह कहते हैं, अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं। अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा। उन्होंने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति और अनुच्छेद-370 से असहमत हूं। इसलिए वो छोड़ना चाहते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, अब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना लिया है। साथ ही अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं, अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जो शुरुआती लाइन बोली, उससे गृह मंत्री ने ये दर्शा दिया कि वह बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति मन में कितनी घृणा रखते हैं। वहीं, दलित समाज के लोग भी इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि डॉ. अंबेडकर की वजह से ही नर्क से बदतर जीवन जी रहे गरीब, दलित, शोसित समाज के साथ ही महिलाओं का जीवन स्तर बदला है। इसलिए डॉ. अंबेडकर का स्थान उनके लिए भगवान से भी बढ़कर है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।