यूकेएसएसएससी परीक्षा लीक पर राज्य सरकार व आंदोलनकारी छात्र नेताओं से कांग्रेस नेता धस्माना ने मांगा जवाब, बताएं सीबीआई जांच का क्या हुआ
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक के एक महीना पूरा होने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला किया। साथ ही पेपर लीक के खिलाफ़ आंदोलनरत परीक्षार्थियों व युवाओं का नेतृत्व करने वाले नेताओं को भी कठघरे में खड़ा किया। वह देहरादून स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि पिछले माह सितंबर 21 को परीक्षा लीक हुई थी और उसी दिन कांग्रेस ने अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए सरकार से पेपर लीक की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से करवाने की मांग की थी। साथ ही, पेपर लीक की परीक्षा को निरस्त कर दोबारा परीक्षा करवाने और आयोग के अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की थी। इन तीनों मुद्दों पर पार्टी ने राज्य व्यापी आंदोलन शुरू किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आंदोलन और युवा छात्र व परीक्षार्थियों के आक्रोश को देखते हुए सरकार के मुखिया छात्रों के आंदोलन धरना स्थल पहुंचे और सीबीआई जांच कराने के लिए संस्तुति करने की घोषणा की। साथ ही एक एकल सदस्य न्यायिक आयोग जस्टिस यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में गठित किया। इसने अगले दिन से ही कार्य करना शुरू कर दिया और अपनी रिपोर्ट कुछ ही दिनों में मुख्यमंत्री को सौंप दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उसी दिन सीएम धामी ने यूकेएसएसएससी को कार्यवाही के लिए संस्तुति भेज दी और आयोग के अध्यक्ष ने परीक्षा निरस्त करने की घोषणा कर दी। फिर परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी गई। धस्माना ने कहा कि जो सरकार पहले आठ दिन तक पेपर लीक होना स्वीकार हो नहीं कर रही थी। कांग्रेस पर युवाओं छात्रों और राज्यवासियों को गुमराह करने का आरोप लगा रही थी। जो सरकार और पूरी भाजपा आंदोलन को कांग्रेस प्रेरित, देश विरोधी, सनातन विरोधी, टुकड़े टुकड़े गैंग और अर्बन नक्सल का आंदोलन बता रही थी। उसेके सुर एकदम बदल गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि और मुख्यमंत्री की सीबीआई जांच की संस्तुति, एकल आयोग की सिफारिश पर पेपर रद्द करने और नई तिथि घोषित होते ही युवा छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेता सरकार का आभार व्यक्त करने लगे। सीएम को फूलों के गुलदस्ते भेंट कर सरकार की वाहवाही करने लगे। आज जब पेपर लीक को पूरा एक महीना हो गया है और मुख्यमंत्री की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश को भी तेईस दिन बीत चुके हैं। तब कांग्रेस राज्य सरकार और प्रदेश के नौजवानों बेरोजगारों का नेतृत्व करने वालों से पूछना चाहती है कि वे बताएं कि सीबीआई जांच का स्टेटस क्या है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रदेश को बताया जाए कि नकल कराने वाले व पेपर लीक करने वालों का पर्दाफाश होगा या नहीं होगा। परीक्षा पेपर लीक से साफ साफ मुकरने वाले आयोग के अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया को पद से हटाया जाएगा या नहीं। धस्माना ने कहा कि ये सारे सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं और उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए राज्य में सक्रिय नकल माफिया व पेपर लीक रैकेट का पर्दाफाश होना जरूरी है। वहीं, सरकार व आंदोलन से जुड़े नेता अब खामोश हैं। सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अगर राज्य के युवा बेरोजगार व परीक्षार्थियों को जल्द संतोषजनक जवाब सरकार से नहीं मिला तो कांग्रेस अपनी आगे के आंदोलन को रणनीति बनाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खजान दास और बिशन सिंह चुफाल ने कांग्रेस के आरोपों पर लगाई मोहर
कांग्रेस नेता धस्माना ने पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व राजपुर विधायक खजान दास को बधाई देते हुए कहा कि कांग्रेस जो आरोप पिछले चार साल से लगा रही है, उस पर आज खजान दास ने मोहर लगा दी। साथ ही कांग्रेस के आरोप की पुष्टि कर दी है कि जिलों के प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में नहीं जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यही हाल अधिकांश भाजपा विधायकों का है। भाजपा के वरिष्ठतम विधायक बिशन सिंह चुफाल ने भी ऑन कैमरा इस बात की पुष्टि की है कि अधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्रियों के आदेशों को नहीं मान रहे हैं। धस्माना ने कहा कि चुफाल ने डीडीहाट टैक्सी स्टैंड के रिटेनिंग वाल के लिए जारी राशि मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी जारी ना होने का उल्लेख किया। उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से पत्रकारों व सोशल मीडिया में कही। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के उस आरोप की पुष्टि कर दी, जिसमें राज्य में नौकरशाही के बेलगाम होने का आरोप कांग्रेस कई बार लगा चुकी है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




