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January 21, 2025

कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह ने किया दावा, भाजपा से पंजाबी एवं सिख समाज का हुआ मोहभंग

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सलाहकार अमरजीत सिंह ने दावा किया कि उत्तराखंड के सिख समाज का बीजेपी से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा कि देहरादून के सिख समाज ने भाजपा समर्थित और उनके पदाधिकारियों की ओर से देहरादून स्थित सनराइज होटल में आयोजित “पंजाबी एवं सिख समाज सम्मेलन” का बहिष्कार कर दिया। इससे ये स्पष्ट संदेश दिया है कि भारतीय जनता पार्टी सिखों को “Take it for Granted” न समझे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक बयान में अमरजीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव से पहले सिख समाज ने यह निर्णय लिया है कि वह इस बार भाजपा के बहकावे और बरगलाने में नहीं आएगा। भाजपा ने सिखों को 1984 जैसे संवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल कर डराने का प्रयास किया है और धर्म के आधार पर समाज में सांप्रदायिक विभाजन कर वोट बटोरने का काम किया है। 20 जनवरी को आयोजित “पंजाबी एवं सिख समाज सम्मेलन” पूरी तरह विफल रहा। भाजपा ने सम्मेलन में 500 लोगों की भीड़ का दावा किया। हकीकत ये है कि कार्यक्रम में केवल 20 सिख उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि देहरादून जिले में 50 से अधिक गुरुद्वारा कमेटियां और सिख सामाजिक संस्थाएं हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में मात्र एक-दो सिख प्रतिनिधियों का आना यह स्पष्ट करता है कि सिख समाज अब भाजपा की नीतियों को समझ चुका है। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़ने के कारण सिख समाज को राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भारी नुकसान झेलना पड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रदेश में सिखों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। मुख्यमंत्री की कैबिनेट में एक भी सिख या पंजाबी मंत्री नहीं है। बीजेपी संगठन में भी सिखों की भागीदारी नगण्य है। उत्तराखंड में एकमात्र अल्पसंख्यक आयोग में सिखों को अवसर मिल सकता था, उसे भी भाजपा ने समाप्त कर दिया। भाजपा सिखों को केवल शॉल ओढ़ाने और स्मृति चिह्न भेंट करने वाले समाज के रूप में देखती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि प्रदेश की उन्नति, अर्थव्यवस्था, रोजगार और आपदाओं के समय सिखों के महत्वपूर्ण योगदानों को नजरअंदाज किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की फेसबुक पोस्ट में “सिख” शब्द का उल्लेख न करना भाजपा और उनके नेतृत्व की मानसिकता को उजागर करता है। इसके अलावा, भाजपा सिख मंचों पर उन व्यक्तियों को स्थान देती है, जिन्होंने सिखों को बदनाम करते हुए उन्हें कभी खालिस्तानी, कभी आतंकवादी और देशद्रोही तक घोषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि भाजपा सिखों के प्रति जहर उगलने वाले ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करती है, ताकि समाज में विद्वेष की भावना बनी रहे। और सिख समाज भय और दबाव में उनका समर्थन करता रहे। यह अत्यंत दुखद है कि सिख समाज की इतनी उपेक्षा और अपमान के बावजूद कुछ तथाकथित सिख प्रतिनिधि अपने निजी स्वार्थों के लिए सिख सिद्धांतों को छोड़कर भाजपा के समक्ष नतमस्तक हो रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड के सभी सिख एवं पंजाबी समाज के लोगों और उनकी संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि भाजपा और संघ की विभाजनकारी मानसिकता को पहचानें और उनके संगठन का बहिष्कार करें। साथ ही नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमरजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने 1947 से अब तक न केवल प्रदेश और देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सिखों को सम्मान और प्रतिनिधित्व प्रदान किया है। डॉ. मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जैसे महान नेताओं ने देश की उन्नति और सिखों की छवि को वैश्विक स्तर पर ऊंचा किया है। यह समय एकजुट होकर सही निर्णय लेने का है। अपनी धार्मिक भावनाओं और समाज के सम्मान की रक्षा के लिए भाजपा को सबक सिखाएं और प्रदेश तथा देश की तरक्की में अपना सकारात्मक योगदान दें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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