भर्ती मामलों मे हरदा कंफ्यूज्ड और कांग्रेस दिशाहीन, नतीजा दुष्प्रचार: महेंद्र भट्ट
उत्तराखंड भाजपा ने कहा कि हर घपले कि जड़ में कांग्रेस के कारनामे सामने आने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत भी कंफ्यूज हो गए हैं। कांग्रेस को भी नही सूझ रहा है कि क्या करना है। इसलिए उसने दुष्प्रचार को अपनी नीति का हिस्सा बना लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विगत दिवस कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत की तबीयत खराब होने पर चिंता जताते हुए उनसे राजनैतिक गतिविधियों से आराम लेने की अपील की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत (हरदा) को याद भी दिलाया कि समय रहते सत्ता में हमेशा नियुक्ति तंत्र में भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया। ऐसे में आज उम्र के इस पड़ाव में उनका इस मुद्दे पर जान तक देने की बात सियासी आडंबर हो सकता है। उन्होंने नकल कानून पर सवाल उठाने को कांग्रेस की दोहरी मानसिकता बताया है। मीडिया से बात करते हुए महेंद्र भट्ट ने नकल कानून पर कांग्रेस की आपत्ति का जबाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पहले नकल के खिलाफ कानून की बात कहती रही और अब उस पर सवाल उठा रही है। यह उसकी दोहरी मानसिकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने आरोप लगाया कि हरीश रावत समेत कांग्रेस सरकारों का इतिहास पटवारी, दरोगा, बीडीओ सहित अनेकों भर्ती घोटालों से पटा पड़ा है। वर्तमान समय में जांच के घेरे में आयी अधिकांश परीक्षाएं कांग्रेस शासनकाल की हैं। तमाम घपले घोटालों को अंजाम देने के बावजूद कांग्रेस नेता ईमानदारी पर प्रवचन दे रहे हैं। जो पुलिस मुख्यालय व अन्य स्थानों पर तमाशा कर रहे हैं उन्हे कैमरे पर दुनिया ने भ्रष्टाचारियों के सामने नतमस्तक होते देखा है। यहाँ तक कि नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों पर जानबूझकर कर आंखें मूंदी और आज ऐतिहासिक कार्यवाही के बावजूद घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम आज छात्र हित में जान तक देने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में एक नही 3-3 बार प्रशिक्षित बीएड, आंगनबाड़ी भोजन माताओं और शिक्षामित्रों पर पुलिस बर्बतारता हुई वह भूलने का नाटक कर रहे है। भट्ट ने आरोप लगाया कि सीबीआई जांच के पीछे कांग्रेस की एकमात्र मंशा भर्ती प्रक्रियाओं को बधित कर युवाओं को रोजगार से वंचित करना है। ताकि युवा भड़के और प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि पेपर लीक के आरोपियों को जमानत मिलने पर आरोप लगाने वाले विपक्ष को पहले अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है। क्योंकि यदि आज की तरह अपने कार्यकाल में वह सख्त नकल विरोधी कानून की पहल करते तो आज बेरोजगारों के सामने स्थिति यह नही होती। धामी सरकार अब कठोरतम नकल विरोधी कानून लेकर आयी है जिससे पारदर्शिता से सभी परीक्षाएं होगी और युवाओं के साथ न्याय हो सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है परीक्षा घोटाला प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है। उधर, नकल विरोधी अध्यादेश पर राज्यपाल की मुहर लग गई है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।