उत्तराखंड में बीजेपी के घोषणा पत्र को कांग्रेस ने बताया दृष्टि दोष पत्र, बीजेपी का झूठा वादा और कांग्रेस का सच्चा इरादा
पांच वर्ष में भी इन समस्याओं पर कुछ भी नहीं किया
उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि भाजपा ने पिछले पांच साल में कितने रोजगार सृजित किए और दृष्टि दोष पत्र 2022 में कितनों का करेगी, इसका उल्लेख नहीं किया गया है। जब उत्तराखंड में महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से 30 फीसद से ज्यादा है, ऐसे में उत्तराखंडवासियों के लिए डबल महंगाई से कैसे निजात दिलाई जाए, उसके बारे में भी दृष्टि दोष पत्र में एक भी शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि दोष पत्र में दो कुछ वाक्य और योजनाएं तो भाजपा के 2017 के दृष्टि दोष पत्र से पूरी ले ली गई। अर्थात तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा सरकार ने भी अप्रत्यक्ष रूप से मान लिया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने, महंगाई और पलायन की समस्या से निजात दिलाने के लिए पांच साल में कुछ नहीं हिुआ।
चुनिंदा लोगों को तीन निशुल्क सिलेंडर का नया जुमला
उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा लोगों को तीन निशुल्क रसोई गैस सिलेंडर की घोषणा ठीक वैसा ही जुमला है, जैसे देश में दो करोड़ नौकरियों की सृजन की बात करना, 15 लाख रुपये हर व्यक्ति के खाते में आा, देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाया जाना, आदि।
बताया कांग्रेस कैसे बेहतर
उन्होंने बताया कि गैस सिलेंडर के मामले में कांग्रेस की योजना कैसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि हम राज्य के सभी 24 लाख परिवारों को 950 रुपये के गैस के सिलेंडर को 500 रुपये के भीतर उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि दृष्टि पत्र में एक चुना हुआ परिवार यदि सालाना 10 सिलेंडर का उपभोग करता है तो उसे योजना के तहत सात सिलेंडरों के लिए 6650 रुपये देने पड़ेंगे। वहीं, कांग्रेस की योजना के तहत 10 सिलेंडरों पर कुल खर्च 4990 आएगा। उनकी योजना का लाभ कुछ ही लोगों को मिलेगा, जबकि कांग्रेस की योजना का लाभ उत्तराखंड के सभी लोगों को मिलेगा।
स्वास्थ्य सुविधाएं हर गांव हर द्वार
उन्होंने कहा कि बीजेपी के दृष्टि पत्र में वर्ष 2017 की तरह इस बार भी हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज की बात दोहराई गई। हमारा सच्चा इरादा दुर्गम इलाकों में ड्रोन से दवाइयों की डिलीवरी, दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में एयर एंबुलेंस, बाइक एंबुलेंस की सेवा, 24 घंटे टेलीमेडिसन के द्वारा दूरस्थ इलाकों में सेवा की प्रतिज्ञा ली गई है।
पुलिस के 40 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित करना सच्चा इरादा
प्रो. गौरव वल्लभ ने कहा कि 10 मार्च से बनने वाली कांग्रेस सरकार पुलिस विभाग में रिक्त पड़े पदों में 40 फीसद की आरक्षित करेगी। आशा कार्यकत्रियों, आंगनवाड़ी, भोजनमाताओं के मानदेय में भी डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी करना कांग्रेस का संकल्प है।
चारधाम चार काम बनाम घोटालों का कोहराम
उन्होंने कहा कि हमारे चारधाम चार काम के तहत चार लाख युवाओं को रोजगार, गैस सिलेंडर के दाम नहीं होंगे 500 के पार, पांच लाख परिवारों को 40 हजार रुपये की स्वावलंबन राशि, स्वास्थ्य सुविधाएं हर गांव हर द्वार, होंगी। वहीं, बीजेपी के दृष्टि पत्र में मुख्यमंत्री की नई फोटो के अलावा कुछ नहीं है। जिस दृष्टि पत्र में उत्तराखंड की तीन बड़ी समस्या के बारे में एक भी ठोस वाक्य नहीं हो, उसे दृष्टि दोष पत्र कहना क्या गलत है।
दृष्टिविहीन घोषणा पत्र से बहलाने की नाकाम कोशिश कर रही भाजपा: राजीव महर्षि
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने भाजपा के दृष्टि पत्र को दृष्टिविहीन घोषणापत्र करार देते हुए इसे मतदाताओं को बहलाने की नाकाम कोशिश ठहराया है। महर्षि ने कहा कि भाजपा के इस करतब से मतदाता अपना मत बदलने वाले नहीं है। इस दृष्टि पत्र में जनता को राहत देने का न तो कोई वचन है और न ही राज्य के विकास का कोई खाका ही नजर आता है।
महर्षि ने कहा कि सच तो यह है कि केवल खानापूर्ति के लिए दृष्टि पत्र जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे दृष्टि पत्र से दृष्टि पूरी तरह गायब है। उन्होंने कहा कि जुमलेबाजी के लिए प्रसिद्ध भाजपा अपने दृष्टि पत्र में जुमलेबाजी भी नहीं कर पाई, इससे साफ होता है कि कांग्रेस के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए वह अपने जुमलेबाजी के हुनर को भी भूल गई है।
महर्षि ने कहा कि अब जबकि मतदान के लिए मात्र पाँच दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में भाजपा शब्दजाल बुनने की कला भी भूल गई है जबकि केवल इसी एक फन में उसे महारत हासिल है। लोक कल्याण और प्रदेश के विकास से उसका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के मौके पर भाजपा ने लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था। आज पाँच साल बाद भी प्रदेश में लोकयुक्त नहीं है। यही भाजपा का असली चेहरा है जो कहती कुछ और है और करती कुछ और।
महर्षि ने कहा कि प्रदेश की माली हालत हो या नौजवानों, महिलाओं, बुजुर्गों के लिए भाजपा के दृष्टि पत्र में कोई विजन नहीं है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था भाजपा पहले ही चौपट कर चुकी है। वह इसके अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकती। प्रदेश के जागरूक लोग इस बात को समझ चुके हैं। रोज़गार, उद्योग, व्यापार और जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए भी दृष्टि पत्र से दृष्टि पूरी तरह गायब है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि भाजपा अपनी नाकामी, प्रदेश की जनता को निराश करने और अपने गुनाहों के लिए माफ़ी मांगती तो शायद लोग उस पर रहम करते। उसने यह मौका भी खो दिया है। लिहाजा उसकी विदाई तय हो गई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।