उत्तराखंड में बीजेपी के 13 फीसद बढ़त के आधार को भेदने का कांग्रेस में नहीं है दमः विनय गोयल
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के पास भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री बदले जाने के अतिरिक्त कोई गंभीर मुद्दा भाजपा के खिलाफ नहीं था। साढ़े चार साल कांग्रेस मुख्य सीन से गायब रही।

उन्होंने कहा कि 2002 के उत्तराखंड के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले 26.91 फीसद मतों से बढ़कर 2017 के विधानसभा तक बढ़कर अधिकतम 33.79 फीसद मत 2012 के विधानसभा चुनावों में प्राप्त कर पाई थी। उस समय भाजपा को मिले 33.13 से मात्र .66 फीसद ही अधिक था। भाजपा की 31 सीटों से मात्र एक सीट अधिक 32 सीट प्राप्त कर पाए थे।
इसके विपरीत भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड 46.51 फीसद मत प्राप्त करते हुए ऐतिहासिक 57 सीटों पर विजय प्राप्त की। इसके दो साल बाद समपन्न हुए लोकसभा चुनावों में अपना ही रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए भाजपा ने उत्तराखंड में 57 फीसद से अधिक मत प्राप्त करते हुए उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर रिकॉर्ड तोड़ विजय प्राप्त की और इस मिथक को तोड़ने में सफलता प्राप्त की कि प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार होती है वह लोकसभा चुनाव नहीं जीतती।
उन्होंने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव की बात छोड़ भी दी जाय और विधानसभा चुनावों से ही विधानसभा की तुलना की जाय तो भी 2017 और 2022 के चुनावों के बीच एक उल्लेखनीय कारक आम आदमी पार्टी का प्रवेश बना। उन्होंने कहा कि आमजन तथा कांग्रेस के अनेकों वरिष्ठ नेताओं ने माना कि आम आदमी पार्टी अधिकांश कांग्रेस का ही वोट काटती है और यह दिल्ली आदि अनेक राज्यों के अनुभव से भी साबित हो चुका है।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के पास भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री बदले जाने के अतिरिक्त कोई गंभीर मुद्दा भाजपा के खिलाफ नहीं था। साढ़े चार साल कांग्रेस मुख्य सीन से गायब रही। इन परिस्थितियों में थोड़ा ही सही आम आदमी पार्टी द्वारा कांग्रेस के वोटों में सेंध मारे जाने और भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के विरूद्ध जनता में छोटी मोटी शिकायतों और नाराजगियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी की लोकप्रियता का जादू बरकरार रहेगा। कार्यकर्ताओं के विशाल एवं मजबूत आधार के कारण लचर सांगठनिक ढांचे एवं एवं गंभीर मतभेदों वाले चार चार ‘अकार्यकारी’ कार्यकारी अध्यक्षों के कमजोर कंधों पर सवार उत्तराखंड कांग्रेस में इतना दम नहीं है। मजबूत भाजपा संगठन और लोकप्रिय केंद्रीय नेतृत्व का मुकाबला कर 13 फीसद की मजबूत बढ़त के तिलिस्म को तोड़ने के लिए कांग्रेस को सोचना ही नहीं चाहिए।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।