कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट ने किया प्रचार, बीजेपी के घोषणापत्र को बताया झूठ, गिनाई उपलब्धियां, बीजेपी के लिए कुछ नहीं छोड़ा

कर रहे प्रचार, बीजेपी पर कर रहे वार
हीरा सिंह बिष्ट विधानसभा के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में दौरा कर प्रचार कर रहे हैं। इसमें छोटी छोटी जनसभाएं शामिल हैं। एमडीडीए केदारपुरम में भूपेंद्र नेगी की ओर से बैठक आयोजित की गई। इसमें नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी हीरा सिंह करे पक्ष में मतदान की अपील की। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के लोगों से आग्रह किया कि आगामी 14 फरवरी 2022 वे बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लें और कांग्रेस पार्टी के पक्ष में अपना मतदान करें। इस दौरान उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों को लेकर बीजेपी पर कड़ा प्रबार किया। उन्होंने सौंदावाली में पदयात्रा निकाली। आइआरडी में गेट मीटिंग की।
हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि क्षेत्र के लोगों में जो उत्साह और विश्वास कांग्रेस पार्टी और मेरे प्रति है। मुझे लगता है जनता राज्य और रायपुर विधानसभा के उज्जवल भविष्य के लिए मुझे रायपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने का मौका आगामी विधानसभा में अवश्य देगी। मोहकमपुर माजरी में आयोजित बैठक में क्षेत्रवासियों ने कांग्रेस पार्टी की बैठक में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुझे आपका विश्वास व प्यार इसी प्रकार मिलता रहे और मैं आपकी सेवा में सदा तत्पर रहूं। ऐसा मैं भगवान बद्री विशाल से कामना करता हूं।
बीजेपी का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा
कांग्रेस प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट ने उत्तराखंड में बीजेपी के घोषणापत्र को दृष्टि दोष पत्र करार दिया। कहा कि ये झूठ का पुलिंदा है। साथ ही कहा कि कांग्रेस ही चार धाम चार काम का सच्चा इरादा रखती है। इसमें जुमलों और धोखों का संकलन दृष्टि नहीं है। ये दृष्टि दोष पत्र कहलाता है। इसके अंतर्गत उत्तराखंड के लोग जिन तीन समस्याओं बेरोजगारी, महंगाई और पलायन से जूझ रहे हैं, उसके बारे में एक भी ठोस नीति का उल्लेख नहीं किया गया है।
पांच वर्ष में भी इन समस्याओं पर कुछ भी नहीं किया
उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि भाजपा ने पिछले पांच साल में कितने रोजगार सृजित किए और दृष्टि दोष पत्र 2022 में कितनों का करेगी, इसका उल्लेख नहीं किया गया है। जब उत्तराखंड में महंगाई की दर राष्ट्रीय औसत से 30 फीसद से ज्यादा है, ऐसे में उत्तराखंडवासियों के लिए डबल महंगाई से कैसे निजात दिलाई जाए, उसके बारे में भी दृष्टि दोष पत्र में एक भी शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि दोष पत्र में दो कुछ वाक्य और योजनाएं तो भाजपा के 2017 के दृष्टि दोष पत्र से पूरी ले ली गई। अर्थात तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा सरकार ने भी अप्रत्यक्ष रूप से मान लिया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने, महंगाई और पलायन की समस्या से निजात दिलाने के लिए पांच साल में कुछ नहीं हिुआ।
चारधाम चार काम बनाम घोटालों का कोहराम
उन्होंने कहा कि हमारे चारधाम चार काम के तहत चार लाख युवाओं को रोजगार, गैस सिलेंडर के दाम नहीं होंगे 500 के पार, पांच लाख परिवारों को 40 हजार रुपये की स्वावलंबन राशि, स्वास्थ्य सुविधाएं हर गांव हर द्वार, होंगी। 10 मार्च से बनने वाली कांग्रेस सरकार पुलिस विभाग में रिक्त पड़े पदों में 40 फीसद की आरक्षित करेगी। आशा कार्यकत्रियों, आंगनवाड़ी, भोजनमाताओं के मानदेय में भी डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी करना कांग्रेस का संकल्प है।
छात्र जीवन से ही की सक्रिय राजनीति
हीरा सिंह बिष्ट का राजनीतिक करियर में छात्र जीवन से लेकर ब्लॉक प्रमुख समेत उत्तर प्रदेश के समय से पूरे देहरादून शहर के विधायक के रूप में उपलब्धि है। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि हीरा सिंह बिष्ट अपने दौर के छात्र नेताओं में सबसे तेजतर्रार और प्रभावशाली नेता रह चुके हैं। उनके बारे में बताया जाता है कि वह देहरादून डीएवी कॉलेज के ऐसे छात्र नेता थे, जिनकी सीधे इंदिरा गांधी से बातचीत थी। हीरा सिंह बिष्ट बताते हैं कि वह इंदिरा गांधी के आशीर्वाद से ही चुनावी मैदान में उतरे थे और जीत हासिल की थी।
राजनीति के खिलाड़ी
हीरा सिंह बिष्ट उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के दौर से ही राजनीति में माहिर खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने अब तक कभी भी किसी भी तरह की विषम परिस्थितियों में कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा है। वह इंदिरा गांधी के दौर में राजनीति में आए। उस समय वह छात्र जीवन में थे और छात्र नेता के रूप में खुद इंदिरा गांधी के आशीर्वाद से उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी।
हरबंश कपूर को दी थी मात
1977 में अपना राजनीतिक डेब्यू किया। 1977 में उन्होंने टिहरी गढ़वाल की लोकसभा सीट से सांसद चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद हीरा सिंह बिष्ट ने 1985 में देहरादून शहर की विधानसभा सीट से कांग्रेस के निशान पर चुनाव लड़ा और भाजपा के हरबंस कपूर को हराया। गौरतलब है कि हरबंस कपूर आज तक केवल एक बार चुनाव हारे। वह आठ बार विधायक रहे।
राजनीतिक सफर
हीरा सिंह बिष्ट 11 बार चुनाव लड़े। इनमें तीन बार जीत का स्वाद चखा। वर्ष 1977 और 1998 में टिहरी सीट से एमपी की चुनाव लड़े और हार गए। इसके बाद 1985 में देहरादून विधानसबा सीट से विधायक बने, 2002 में रायपुर विधानसभा से चुनाव जीते। इसके बाद राजपुर सीट से 2007 का चुनाव हारने के बाद 2012 में डोईवाला विधानसभा से चुनाव लड़े और हार गए। इस सीट से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक चुनाव जीते और इसके बाद उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता तो इस्तीफा दिया। फिर 2014 में डोईवाला सीट पर उपचुनाव में हीरा सिंह बिष्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को हराया। वर्ष 2017 का चुनाव हीरा सिंह बिष्ट त्रिवेंद्र सिंह रावत से हार गए थे।
गिना रहे हैं ये उपलब्धियां
-गुजराडा नागल में आईटीआई व आमवाला में पालिटेक्निक का निर्माण कराया गया।
-हर्रावाला में आयुर्वेद कालेज की स्थापना।
– बालावाला, नथुवावाला से दिल्ली तक रात्री सीधी बस सेवा का संचालन।
– सहस्त्रधारा रोड पर डांडा लखौण्ड में आईटी पार्क की स्थापना करवाई, जिसके फलस्वरूप स्थानीय युवाओं
को रोजगार का अवसर मिला तथा आजिविका के अन्य साधन उपलब्ध हुए।
-सहस्त्रधारा रोड के डांडा लखौण्ड में राजीव गांधी खेल स्टेडियम के लिए भूमि उपलब्ध कराकर खेल स्टेडियम
की स्थापना की व्यवस्था करायी गयी।
– उत्तराखण्ड के प्रत्येक जिले में आईटीआई व पालिटेक्निक की स्थापना करायी गयी।
– रायपुर मे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (अस्पताल) की स्थापना करवायी गयी।
-देहरादून के माजरा में अन्तराज्य बस अड्डा (आई0एस0बी0टी0) का निर्माण करवाया।
– नालापानी मे शिक्षा निदेशालय, पी0आर0डी0, एन0सी0सी0 तथा सहस्त्रधारा रोड पर स्वास्थ्य निदेशालय की
स्थापना करवायी गयी।
– उत्तराखण्ड के समी जनपदों के मुख्यालयों से राजधानी देहरादून तक ओर देहरादून से दूसरे राज्यों की राजधानी
जैसे लखनऊ, जयपुर, चण्डीगढ तथा शिमला एवं दिल्ली आदि को सीधी वाल्वों बस सेवा सुरू कर परिवहन क्षेत्र में
नया अध्याय जोडा गया।
– उत्तर प्रदेश में विधायक बनने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. बीर बहादूर सिंह से रायपुर स्टेडियम हेतु भूमि आवंटन करवाकर राज्य बनने पर भव्य खेल स्टेडियम का निर्माण कांग्रेस सरकार में मंत्री पद पर रहते हुऐ करवाया गया।
– ननूर खेडा, नालापानी मे मिलन केन्द्र का निर्माण।
– तरला नाठाल कुल्हान में परिवहन कार्यालय का निर्माण करावाया।
– उत्तराखड राज्य के कई जिलों में कर्मचारी राज्य बीमा औषधालयों की स्थापना की गयी।
– उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना करवायी गयी।
– मालदेवता इण्टर कालेज के साथ-साथ मालदेवता से सहस्रधारा तक सडक व पुल का निर्माण करवाया गया।
– डोईवाला में तहसील, नगरपालिका का निर्माण।
-परगना अधिकारी न्यायालय व 50 (पचास) बेड के सरकारी अस्पताल की स्वीकृति करवायी गई। भाजपा शासन में सरकारी अस्पताल को निजी हाथों में सौपकर क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय किया है।
-डोईवाला में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यालय एवं विद्युत विमाठा के अधिशासी अभियन्ता के कार्यालय की स्थापना करायी गयी।
– प्रदेश मे सिडकुल के माध्यम से डोईवाला के लालतप्पड व सहसपुर के सेलाकुई में औद्योगिक इकाईयों की स्थापना कर हजारों बेरोजगारों को रोजगार मुहेया करवाया गया। जो आजपा शासन काल में सरकारी उपेक्षा के कारण बन्द होने के कगार पर हैं।
– लक्ष्छीवाला में राज्य स्तरीय तितली पार्क की स्थापना की गयी।
– भोगपुर से घमण्डपुर तक नहर को पाटकर सुरक्षा व परिवहन व्यवस्था सुचारू की गयी।
– रानीपोखरी में राजकीय पालिटेजिक का निर्माण व रसोई ठोस की स्थापना करायी गई। गुलरघाटी से कालूसिद्ध मन्दिर तक पुल निर्माण व कालूसिद्ध मन्दिर से जौलीग्रान्ट ऐयरपोर्ट तक सडक निर्माण की स्वीकृति।
– आई0आई0पी0 मोहकमपुर रेलवे फाटक पर 43 करोड़ की लाठात से फ्लाई ओवर का निर्माण व जोठीवाला चौक पर 52 करोड लागत की फ्लाई ओवर का निर्माण की स्वीकृति करायी थी जो माजपा सरकार में अधर में लटकी हुई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।