कांग्रेस का प्रचार कांग्रेस भवन से लेकर एश्लेहाल चौक तक, नाराज नेताओं को रोकने में अध्यक्ष विफल, बदरीनाथ विधायक ने ज्वाइन की बीजेपी

लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद भी उत्तराखंड कांग्रेस को झटके लगने रुक नहीं रहे हैं। पिछले तीन दिन में आठ नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। इससे पहले भी कई नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए। ऐसे में साफ है कि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से नेता नाराज हैं और एक एक कर पार्टी छोड़कर बीजेपी में जा रहे हैं। वहीं, जहां बीजेपी चुनाव प्रचार में एक तरह से जुटी हुई थी। सीएम धामी हर जिले में रोड शो कर रहे थे। उनके साथ मंत्री, विधायक, पार्टी पदाधिकारी भी शामिल हो रहे थे। वहीं, कांग्रेस प्रचार के मामले में भी काफी पिछड़ गई है। कांग्रेस का प्रचार कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस वार्ता तक या फिर कांग्रेस भवन से 50 मीटर दूर सड़क तक पुतला फूंकने तक ही सीमित रह गया है। या कभी कभार किसी शहर या जिला मुख्यालय में कभी कभार प्रदर्शन किए गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गारंटी तक को लेकर कांग्रेस नेताओं ने जनता के बीच जाने की जहमत तक नहीं उठाई। ना ही प्रदेश अध्यक्ष ने ऐसे कोई कार्यक्रम दिए। वहीं, यूथ कांग्रेस के भी घर घर जाकर जनता को कांग्रेस की नीति और गारंटी बताने का अभियान भी प्रेस वार्ता तक ही सीमित रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब खबर ये है कि बदरीनाथ विधानसभा से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। उन्होंने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।वहीं, टिहरी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके विरष्ठ नेता धन सिंह नेगी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। तीन दिन में आठ बड़े नेताओं के इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। राजेंद्र भंडारी को दिल्ली में सीएम पुष्कर सिंह धामी, मंत्री पीयूष गोयल, पौड़ी सीट से उम्मीदवार अनिल बलूनी और उत्तराखंड भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व विधायक विजयपाल और मालचंद ने थामा भाजपा का दामन
कांग्रेस से एक दिन पहले त्यागपत्र देने वाले उत्तरकाशी जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और मालचंद ने अपने समर्थकों के साथ शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चमोली जनपद के पोखरी विकास खंड के नैली ऐंथा गांव निवासी राजेंद्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। वर्ष 2002 से 2007 तक वे चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से वे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीते और भाजपा की खंडूड़ी सरकार में 2012 तक खेल मंत्री रहे थे। वर्ष 2012 में उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा और बदरीनाथ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। तब वे हरीश रावत सरकार में अंतिम छणों में तीन माह तक कृषि मंत्री रहे। वर्ष 2017 में वे महेंद्र भट्ट से चुनाव हार गए थे और 2022 में फिर विधायक बने। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीन दिन में आठ नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ
बता दें कि शुक्रवार को ही गंगोत्री के पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। फिर शनिवार को पार्टी का चर्चित चेहरा माने जाने वाली नेता कांगेस नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने इस्तीफा दे दिया। पौड़ी से कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह नेगी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। तो वहीं, विकासखंड कोट के पूर्व प्रमुख व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवल किशोर ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। इसके अलावा पौड़ी ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकसाल ने भी कांग्रेस छोड़ दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, पौड़ी जिले से कांग्रेस अध्यक्ष विनोद नेगी ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि केशर सिंह नेगी, नवल किशोर और दीपक को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया है। इससे पहले भी कई लोगों ने कांग्रेस छोड़ी है। या कहें कि कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।