हरीश रावत के समर्थन में उतरी कांग्रेस, भाजपा पर किया पलटवार, गिनाए विवादित बयान, कहा-नाकामियों को छिपाने का एजेंडा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने भाजपा को सलाह दी कि पहले अपने गिरेबान में झांके। उन्होंने भाजपा नेताओं के विवादित बयान गिनाए, जिन पर भाजपा ने चुप्पी साध ली थी।

उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के पंच प्यारे संबंधी बयान के बाद माफी मांगने के बावजूद जब भाजपा के कांग्रेस पर सियासी हमले होने लगे तो कांग्रेस भी रावत के समर्थन में कूद पड़ी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने भाजपा को सलाह दी कि पहले अपने गिरेबान में झांके। उन्होंने भाजपा नेताओं के विवादित बयान गिनाए, जिन पर भाजपा ने चुप्पी साध ली थी। वहीं, उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया, जिसमें भाजपा विवाद में आई। साथ ही उन्होंने कहा कि तीन तीन सीएम बदलने वाली भाजपा के पास आगामी चुनावों में उपलब्धि गिनाने के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में भाजपा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए लोगों का ध्यान बांटने के एजेंडे में चल रही है।
सुरेंद्र कुमार ने कहा कि आज प्रदेश में देवस्थानम बोर्ड, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राधिकरण, युवाओं को रोजगार, चारधाम यात्रा, टेक होम राशन आपूर्ति, बढ़ती महंगाई सहित ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जिस पर भाजपा ने हाथ खड़े किए हुए हैं। कोरोनाकाल में फ्लॉप स्वास्थ्य सेवाओं को कोई भूला नहीं है। लोग ऑक्सीजन, अस्पतालों में बेड के लिए तरस रहे थे। सरकार मौन थी और भाजपा कार्यकर्ता दूसरी लहर में घरों में दुबके हुए थे। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर सेवा में जुटे हुए थे। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मी हों या फिर आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी हों या फिर भोजन माताएं या राज्य कर्मचारी। किसी की समस्या का समाधान सरकार के पास नहीं है। ऐसे में ये वर्ग आंदोलन की राह पर है। इन मुद्दों से भाजपा को कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा अब पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान को मुद्दा बना रही है। हरीश रावत ने तो बयान देने के अगले दिन ही अपने शब्द वापस ले लिए। साथ ही उन्होंने कहा कि वे प्रायश्चित के लिए गुरुद्वारे में झाड़ू लगाएंगे। वहीं, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवर सिंह चौहान हरीश रावत को प्रायश्चित की सलाह दे रहे हैं। जो कि हास्यास्पद बात है।
उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा पिछली बातों को दोहराती है और उसे लेकर मुद्दा बनाती है। यदि हम पिछली बातों में उतर गए तो भाजपा को जवाब देना भारी पड़ जाएगा। पंच प्यारे संबंधी बयान पर भाजपा ने हल्ला मचाया हुआ है। तब भाजपा क्यों चुप रही, जब मुख्यमंत्री धामी के ननकमत्ता गुरुद्वारे में चाँदी के मुकुट पहनने और दरबार साहिब तक सांस्कृतिक दल की लड़कियों के नृत्य करते हुए पहुंचने पर बवाल मचा। इस मामले में सिख संगत ने हंगामा किया। गुरुद्वारा कमेटी के लोगों को इस्तीफे देने पड़े। फिर उन्हें प्रायश्चित के तौर पर अकाल तख्त की ओर से सजा सुनाई गई।
उन्होंने कहा कि यही नहीं, पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने पीएम मोदी की भगवान राम और कृष्ण से तुलना कर दी थी। जो कि हिंदू धर्म का अपमान है। इसी तरह उन्होंने लड़कियों की फटी जींस को लेकर बयान दिया तो पूरे देशभर में बवाल मचा। इनके अलावा ऐसे कई मामले हैं, जब भाजपा ने किसी भी मामले में माफी नहीं मांगी। भाजपा के मीडिया प्रभारी को यदि माफी मंगवाने का शोक है तो पहले अपने नेताओं को उनके बयानों पर माफी मांगने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के पास ऐसी उपलब्धि कुछ नहीं है, जिसके बल पर वह चुनाव में जनता के बीच जाए। ऐसे में भाजपा का एकमात्र लक्ष्य जनहित के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना मात्र है। इसे जनता भली भांति समझ चुकी है। आने वाले चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होना तय है।
हरीश रावत का बयान
पंजाब में कांग्रेस की कलह को सुलझाते सुलझाते उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी ऐसा बोल गए, जिसे सिख समुदायक धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुंचाने वाला बता रहा है। अकाली दल हरीश रावत की तुलनात्मक टिप्पणी से नाराज हो गया। दल की ओर से सिख संगत से माफी मांगने की मांग की जा रही है।
पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच पार्टी प्रभारी हरीश रावत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और उनके अधीन चार कार्यकारी अध्यक्ष ‘पंज प्यारे’ की तरह हैं। इस टिप्पणी से रावत विवादों में आ गए हैं। अकाली दल ने इसे धार्मिक अपमान कहा है और आरोप लगाया है कि नवजोत सिंह सिद्धू और उनके कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना गुरु गोविंद सिंह द्वारा खालसा में शामिल किए गए “पंज प्यारों” से की है।
हरीश रावत ने मांगी माफी
इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक ही दिन बाद माफी मांग ली। सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिये उन्होंने कहा कि वह सिख धर्म के प्रति आदर का भाव रखते हैं। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि- कभी आप आदर व्यक्त करते हुये, कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ। हरीश रावत ने कहा कि मैं प्रायश्चित स्वरूप अपने राज्य के किसी गुरुद्वारे में कुछ देर झाड़ू लगाकर सफाई करूंगा। मैं सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूँ।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।