Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 14, 2024

कांग्रेस ने सरकार को आपदा पर फिर घेरा, टनल हादसे की जिम्मेदार कंपनी को कहीं क्लीन चिट की तैयारी तो नहीं

1 min read

उत्तराखंड कांग्रेस ने आपदा को लेकर एक बार फिर से प्रदेश की बीजेपी सरकार को घेरा। पार्टी के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सिलक्यारा टनल रेस्क्यू आपरेशन की आड़ में कहीं हादसे के लिए जिम्मेदार नवयुग कम्पनी को क्लीन चिट की तैयारी तो नहीं हो रही है। उन्होने कहा कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा के हादसे से पोल खुल गई है कि प्रदेश में टनल आपदा के कोई इंतजाम नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि प्रदेश में चल रही सभी परियोजनाओं में निर्माणाधीन टनलों का सेफ्टी ऑडिट कराए। साथ ही सभी श्रमिकों को दस लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही रैट होल ड्रिलर्स व अन्य सभी बचाव अभियान टीम सदस्यों को भी सरकार सम्मानित करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिलक्यारा टनल में आई आपदा में फंसे 41 मजदूरों के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अभियान में जुटे सभी लोगों व सुरक्षित निकले श्रमिकों को बधाई देने के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने केंद्र व राज्य सरकार पर आपदा के पूर्वानुमान न लगा पाने और उसकी कोई भी तैयारी न रखने का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि प्रदेश में 900 किलोमीटर की चार धाम आल वेदर रोड महापरियोजना चल रही है। जहां ऋषिकेश से लेकर कर्णप्रयाग तक 110 किलोमीटर की दर्जनों टनल वाली रेल परियोजना निर्माणाधीन हो रहा है। प्रदेश में दर्जनों पन बिजली परियोजनाओं में भूमिगत टनल बन रहीं हैं। फिर भी इससे बड़ी आश्चर्य की बात क्या हो सकती है कि रैणि (चमोली) या सिलक्यारा टनल जैसी आपदा से निपटने के कोई इंतजाम नहीं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन की तैयारियों की पोल रैणी व सिलक्यारा आपदाओं ने पूरी तरह खोल कर रख दी है। रैणि में तो किसी को बचाया ही नहीं जा सका, किंतु सिलक्यारा में सेना और रैट होल ड्रिलर्स की समझदारी से जो काम 16 दिनों में संभव नहीं हो पाया वो 24 घण्टों में कर दिखया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री अगर दूसरे दिन ही मौके पर पहुंच गए होते तो जो काम आठवें दिन शुरू हुआ वो दूसरे दिन ही हो जाता। यह रेस्क्यू आपरेशन आधे से भी कम समय में पूरा हो जाता। रेस्क्यू आपरेशन की सफलता के शोर में सिलक्यारा आपदा के उन असली दोषी बचने नहीं चाहिये, जिनकी गलती के कारण यह सब हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री से और राज्य सरकार से यह पूछना चाहती है कि सिलक्यारा टनल की स्वीकृति के उस प्रस्ताव जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता वाली बैठक में पास हुआ था, उस पर अमल क्यों नहीं किया गया। इस प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से “एस्केप पैसेज” का जिक्र था। टनल बंनाने वाली नवयुग कम्पनी के खिलाफ अब तक एस्केप पैसेज न बनाने की लापरवाही पर एफआईआर क्यों नहीं कि गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि रैस्क्यू आपरेशन में नवयुग कम्पनी की क्या भूमिका रही। यह बात भी महत्वपूर्ण है। इस कम्पनी के मालिक कौन हैं व इसकी क्या पृष्ठभूमि है। यह भी जनता को पता होना चाहिए। देश की एक बड़ी परियोजना में आई मानव जनित आपदा में फंसे लोगों को जो ज़िंदगी और मौत की जंग में जीत कर जीवित निकले हैं, उनको राज्य सरकार द्वारा मात्र एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दिया जाना उचित नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह नवयुग कम्पनी के एकाउंट से सभी 41 श्रमिकों को दस दस लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दे। बचाव अभियान में लगे सभी सदस्यो व विशेष रूप से रैट होल ड्रिलर्स को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में चल रही चार धाम आल वेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना व निर्माणाधीन सभी पन बिजली परियोजनाओं में निर्माणाधीन सभी टनलों का सेफ्टी ऑडिट करवाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *