विप्रो में नियुक्ति का इंतजार कर रहे फ्रेशर्स को कंपनी का झटका, 50 फीसद कम सैलरी में ज्वाइन करने को कहा
दुनिया भर में चल रही आर्थिक मंदी का असर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो में भी देखने को मिल रहा है। कंपनी में नियुक्ति का इंतजार कर रहे नए कर्मचारियों को ज्वाइनिंग से पहले ही झटका दिया गया है। इन कर्मियों को वेतन में लगभग 50 प्रतिशत तक कटौती पर ज्वाइन करने को कहा जा रहा है। दूसरी ओर आईटी कर्मचारियों की यूनियन एनआईटीईएस ने इस कदम को अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य बताया है। साथ ही आईटी कंपनी से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि विप्रो का फैसला वैश्विक स्तर पर व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं और प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए चुनौतियों को दर्शाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बेंगलुरु स्थित आईटी सेवा कंपनी विप्रो ने हाल में जिन उम्मीदवारों को को 6.5 लाख रुपये प्रति वर्ष (एलपीए) की पेशकश की थी, अब उनसे पूछा है कि क्या उन्हें इसकी जगह 3.5 लाख रुपये का पैकेज स्वीकार्य होगा। ये कर्मचारी नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे। आईटी क्षेत्र के कर्मचारी संगठन एनआईटीईएस ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा है कि यह निर्णय अन्यायपूर्ण है और निष्पक्षता तथा पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एनआईटीईएस ने मांग की है कि प्रबंधन अपने फैसले पर दोबारा विचार करे और आपसी फायदे का रास्ता निकालने के लिए संघ के साथ सार्थक बातचीत करे। उधर, विप्रो का कहना है कि व्यापक वातावरण में बदलाव के मद्देनजर अपनी व्यावसायिक जरूरतों के तहत हमें अपनी नियुक्ति योजनाओं को समायोजित करना पड़ा।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।