उपनल कर्मियों की समस्या निराकरण को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित, जानिए आज के सीएम के वर्चुअल कार्य
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर उपनल कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण व सम्यक परीक्षण के लिए मुख्य सचिवओम प्रकाश की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया गया है। अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सैनिक कल्याण विभाग, उत्तराखंड शासन उक्त उप समिति में सदस्य सचिव होंगे। प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त, सचिव कार्मिक, प्रबन्ध निदेशक उपनल, निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास, उत्तराखंड शासन सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे। इसके साथ ही उक्त उप समिति में प्रायोजित उपनल कर्मचारी महासंघ के 02 पदाधिकारी को भी सम्मिलित किया जायेगा। इन पदाधिकारियों को पृथक से सैनिक कल्याण विभाग की ओर से आमंत्रित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि उपनल कार्मिकों का राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यथासंभव उनके हित सुनिश्चित किये जायेंगे। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि उपनल कर्मियों की सेवाशर्तो में सुधार हो। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार कृतसंकल्प है। गौरतलब है कि समान कार्य के लिए समान वेतन देने, नियमितीकरण की मांग को लेकर उत्तराखंड में उपनल कर्मी आंदोलनरत हैं।
वनाग्नि रोकने के लिये युद्धस्तर पर की जाए तैयारियां: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रमुख वन संरक्षक श्री राजीव भरतरी को निर्देश दिये हैं कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिये पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। इसके लिये युद्धस्तर पर तैयारियां कर ली जाएं। दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में जहां पहुंचना बहुत मुश्किल हो, वहां वनाग्नि शमन के लिए हेलीकाप्टर की उपलब्धता होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि के प्रति जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए और इसे रोकने में स्थानीय लोगों से भी सहयोग लिया जाए। स्थानीय सहभागिता से ही वनों का संरक्षण किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन की नियमित समीक्षा की जाए और फील्ड लेवल तक सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। फायरलाईन की भी मानिटरिंग की जाए। इसके लिये ड्रोन का भी उपयोग किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि शमन के दौरान मृतक कार्मिकों और स्थानीय नागरिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि अविलम्ब उपलब्ध कराई जाएं।
पंचायतीराज विभाग की समीक्षा
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पंचायतीराज विभाग के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसमें जल जीवन मिशन को भी जोड़े जाने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत अनुमन्य कार्यों एवं 15वें वित्त आयोग की टाईड फण्ड के अन्तर्गत कार्ययोजना को जोड़ने पर बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत त्रिस्तरीय पंचायतों को आवंटित धनराशि के व्यय की समीक्षा करने एवं शीघ्र ही अवशेष धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी पंचायत भवनों के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है, उसके प्रस्ताव भेजे जाएं। विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने के संबंध में नियमित रूप से समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाय।
मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिये गये है कि पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत पूर्व में आउटसोर्स के माध्यम से तैनात डाटा एन्ट्री ऑपरेटर एवं कनिष्ठ अभियन्ता की एक वर्ष की तैनाती हेतु विभाग तत्काल प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को प्रेषित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला योजना समिति के निर्वाचन, तथा राज्य के 12 जनपदों में वर्ष 2019 में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त रिक्त त्रिस्तरीय पंचायतों में रिक्त पदों पर निर्वाचन तथा जनपद-हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन सम्पादित किये जाने के संबंध में ससमय कार्यवाही कर ली जाए।
उन्होंने विभाग में गत वर्ष आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात 376 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर एवं 95 कनिष्ठ अभियन्ता को केन्द्र वित्त आयोग की कन्टीजेन्सी से नियोजित किये जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की समस्याओं को जनपद एवं राज्य स्तर पर सुनते नियमानुयार समाधान प्रदान किए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।
सचिव पंचायतीराज की ओर से विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं प्रगति से अवगत कराया गया। राज्य की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने के संबंध में सचिव, पंचायतीराज द्वारा संविधान की 11वीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों से सम्बन्धित रेखीय विभागों को ग्राम पंचायत विकास योजना, क्षेत्र पंचायत विकास योजना एवं जिला पंचायत विकास योजना की तैयारी के दौरान रेखीय विभागों के कार्मिकों से लाभार्थी परक योजना एवं गतिविधियों को योजना के भाग बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
तत्पश्चात सचिव ने ग्राम स्वराज अभियान योजना के अन्तर्गत त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत सम्पादित ऑनलाईन प्रशिक्षणों, ई-ट्रेनिंग मॉडयूल तथा प्रशिक्षण सामग्री को दूरदर्शन एवं यूटयूब एवं विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध होने तथा अप्रैल, 2021 से 95 विकासखण्डों एवं न्याय पंचायतों में भौतिक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की कार्ययोजना के संबंध में अवगत कराया।
सचिव पंचायतीराज ने आरजीएसए के अन्तर्गत हरिद्वार में कॉमन वेस्टर रिसाईकलिंग फैसिलिटी की उपादेयता तथा भौतिक प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए माह अप्रैल, 2021 के अंत तक प्लास्टिक अपशिष्ट रिसाईकलिंग मशीन के स्थापित होने के संबंध में अवगत कराया गया। साथ ही आर.जी.एस.ए. योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में काठगोदाम में स्थापित प्लास्टिक अवशिष्ठ रिसोईकलिंग मशीन के आधुनीकीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के संबंध में अवगत कराया गया। उत्तराखण्ड राज्य में कुल 7791 ग्राम पंचायतें है जिसके सापेक्ष 6610 ग्राम पचायतों में पंचायत भवन निर्मित है। राज्य में 1181 ग्राम पंचायतें पंचायत भवन विहीन है जबकि 1157 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन जीर्ण क्षीण अवस्था में है।
इस प्रकार कुल 2338 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण/नवनिर्माण की आवश्यकता है। पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 100 ग्राम पंचायतों में रू0 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से पंचायत भवन निर्माण, 150 ग्राम पंचायतों में रू0 04 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से पंचायत भवन मरम्मत तथा 150 ग्राम पंचायतों में रू0 04 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से कॉमन सर्विस सेंटर संचालनार्थ अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये थे किन्तु वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा पंचायत भवनों का निर्माण केन्द्रीय वित्त आयोग (अनटाईड फंड)/राज्य वित्त आयोग (50 प्रतिशत) तथा मनरेगा (50 प्रतिशत) की धनराशि से किये जाने के का प्राविधान किया गया।
उत्तराखंड में पंचायतों की न्यून जनसंख्या एवं विषम भौगोलिक क्षेत्रफल के दृष्टिगत ग्राम पंचायत को केन्द्र/राज्य वित्त से प्राप्त होने वाली धनराशि पंचायत भवन निर्माण हेतु अपर्याप्त है जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में पंचायत भवन हेतु रू0 20.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
बैठक में पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय, सचिव वित्त अमित नेगी, सौजन्या तथा हरिचन्द्र सेमवाल, सचिव एवं निदेशक पंचायतीराज के साथ-साथ अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।