लाठीचार्ज पर सीएम का आया बयान, बोले-आंदोलनजीवियों के बहकावे में ना आएं, पुलिस ने दी सफाई, आंदोलनकारी का पलटवार

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन चमोली जिले के घाट क्षेत्र के लोगों पर लाठीचार्ज की घटना को लेकर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिहं रावत का बयान आया है। कल रात से आज सुबह करीब साढ़े आठ बजे तक उन्होंने तीन ट्विट किए। इसमें उन्होंने लोगों से अपील की है कि आंदोलनवीजियों के बहकावे में ना आएं। वहीं, इस मामले में पुलिस भी सफाई दे रही है। इसके पलटवार में आंदोलनकारी भी अपनी बात रख रहे हैं।
गौरतलब है कि चमोली के घाट क्षेत्र के लोग नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर दिसंबर माह से आंदोलन कर रहे हैं। इसके तहत उन्होंने जनवरी माह में 25 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला भी बनाई थी। वहीं, कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी एक दिन उनके धरने पर बैठ चुके हैं। खुद सीएम भी इस संबंध में ग्रामीणों को आश्वासन दे चुके हैं। सोमवार एक मार्च को विधानसभा सत्र के पहले दिन क्षेत्र के लोग विधानसभा घेराव को जा रहे थे। इनमें बच्चे, महिलाएं भी शामिल थे।
दीवालीखाल स्थित पुलिस बैरेकेडिंग पर उन्हें रोका गया तो इस दौरान हंगामा हो गया। यहां पुलिस ने आंदोलनकारियों पर पानी की बौछारें की। लाठी चार्ज भी किया गया। इस दौरान भगदड़ मची। मौके पर चीख पुकार मच गई। कई लोगों के घायल होने की सूचना है। उधर, पुलिस का कहना है कि लोगों ने पथराव किया। इस घटना में पुलिस कर्मी घायल हुए। पुलिस की ओर से सोशल मीडिया में ये सूचना डाली गई।-
पुलिस की सफाई
चमोली पुलिस ने सोशल मीडिया में लिखा कि- कतिपय मीडिया चैनलों द्वारा चमोली पुलिस द्वारा आंदोलकारियों पर ज्यादती करने एवं लाठीचार्ज करने सम्बंधित सूचना प्रसारित की जा रही है। उक्त सम्बन्ध में अवगत कराना है कि दिवालिखाल में जब पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों रोका गया तो आंदोलकारियों द्वारा ड्यूटी पर तैनात पुलिस के साथ गालीगलौज एवं पुलिस पर पथराव किया गया। इसमें एक पुलिस कांस्टेबल के सर पर गम्भीर चोट लगी है एवं पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग विमल प्रसाद के पैर पर गम्भीर चोट लगी है। इसके अतिरिक्त ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने पीएसी के कानि राजकुमार की फोटो शेयर की है। इसमें वह अस्पताल के बैड में लेटे हुए हैं। उन्हें घायल बताया गया।
पुलिस की फेसबुक में पोस्ट डालकर उठाए सवाल
एक युवक ने पुलिस की पोस्ट पर कमेंट बाक्स में वीडियो के साथ पोस्ट डाली। इसमें पुलिस से सवाल किए। इसमें कहा गया कि-
माफ कीजिये साहेब पुलिस जी महाराज। बस एक बात स्पष्ट तौर पर बता दीजिए कि पथराव लाठी चार्ज के बाद हुआ या लाठीचार्ज इसलिए करना पड़ा कि पथराव पहले से हो रहा था ….? और इसका जवाब देते वक्त पुलिस महाराज को उस उत्तराखंड की कसम, जिसे वर्दी में अपने कांधो पर लगाये रहते हो।
बोले उत्तराखंड के डीजीपी
उधर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की ओर से भी सोशल मीडिया में इस घटना को लेकर पोस्ट डाली गई है। इसमें लिखा है कि आज जो घटना गैरसैंण में घटी है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है । पथराव में कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं । मैं आश्वस्त करना चाहूँगा कि हम घटना की पूर्णतयः निष्पक्ष जांच कराएंगे एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
सीएम ने किया ट्विट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्विट किया कि- गैरसैण के समीप दीवालीखाल में घाट ब्लाक के लोगों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसको गंभीरता से लिया गया है।सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने के निर्देश दे दिए हैं। दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्होंने आगे लिखा कि- दिवालीखाल, गैरसैण की घटना के जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। मेरे द्वारा नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी। एक और विचारणीय बात ये है कि मैंने सल्ट दौरे के दौरान प्रदेश के विकासखंड मुख्यालय तक की सभी सड़कों को १.५ लेन चौड़ीकरण किए जाने की घोषणा की थी। इस को देखते हुए, मेरा अपने सभी भाई-बहनों से अनुरोध है कि आप पेशेवर आंदोलनजीवियों के बहकावे में ना आएँ। आपकी सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं नागरिकों के विकास हेतु पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि निष्पक्ष जाँच पश्चात दोषियों को उचित दंड दिया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।