सीएम आफिस ने फर्जी बाबा की बैठाई जांच, सीएम, विस अध्यक्ष, डीजीपी के संग हैं फोटो, जानिए क्या है मामला, देखें फोटो

ये है मामला
ऋषिकेश में देहरादून रोड स्थित निवासी ज्वेलर हितेंद्र सिंह पंवार ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी कि कि उनकी पत्नी को मानसिक समस्या है। दिसंबर 2019 में उनकी पत्नी लालतप्पड़ स्थित नेचर विला में रहने वाले साधु भेषधारी व्यक्ति के संपर्क में आई। खुद को साध्वी और हरियाणा की निवासी बताने वाली एक महिला ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उसकी फर्जी बाबा से बातचीत करवाई थी। आरोपित ने इलाज के बहाने उनकी पत्नी को अपने फ्लैट पर बुलाया। इसके बाद कुछ दवाइयां खिलाकर उसे झांसे में लिया और इसके बाद उससे गहने ठगने शुरू कर दिए।
नौ लाख के जेवर किए गए बरामद
रविवार 11 जुलाई को इस फर्जी बाबा को पुलिस ने नेचर विला उसके फ्लैट से गिरफ्तार किया था। एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपित योगी प्रियव्रत अनिमेश उर्फ महेंद्र रोड उर्फ रोबिन खलीफा निवासी आजाद नगर, पानीपत, हरियाणा से करीब नौ लाख के जेवर बरामद हुए हैं। आरोपित से और बरामदगी की कोशिश की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि फर्जी बाबा के दिल्ली व आसपास ठिकानों का पता कर जल्द वहां पर दबिश दी जाएगी।
कोर्ट में पेश करने के बाद भेजा जेल
आरोपित फर्जी बाबा योगी प्रियव्रत अनिमेश को पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उससे जेवर की बरामदगी के लिए पुलिस फर्जी बाबा को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। आरोपित के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने बीती शनिवार को मुकदमा दर्ज किया था। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि इस फर्जी बाबा से अभी और बरामदगी होनी है, इसके लिए पुलिस कोर्ट से उसकी कस्टडी रिमांड मांगेगी।
पुलिस खंगाल रही है कुंडली
ऋषिकेश के ज्वेलर की पत्नी से इलाज के बहाने लाखों रुपये के जेवरात ठगने वाले फर्जी बाबा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। दून पुलिस ने हरियाणा पुलिस से संपर्क करके उसका आपराधिक रिकार्ड मंगवाया है। पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसके खिलाफ हरियाणा में मारपीट व अन्य तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमे में तो वह 15 दिनों तक जेल में भी रहा। इसके अलावा उसके अन्य ठिकानों का भी पता किया जा रहा है।
एक मंत्र तक याद नहीं बाबा को
कोतवाली में जब पुलिस वालों ने इस फर्जी बाबा से कोई एक मंत्र पढ़ने को कहा गया तो उसने साफ कहा कि मंत्रों से मेरा क्या मतलब। पूछताछ में पता चला कि यह फर्जी बाबा ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। बड़े अधिकारियों और नेताओं के अपने साथ फोटो फेसबुक व अन्य माध्यमों से प्रचारित करके वह बड़ी हस्तियों को अपने प्रभाव में लेता था।
हस्तियों से साथ हैं फोटो
उत्तराखंड के ऋषिकेश में गिरफ्तार हुए तांत्रिक ठग अनिमेश की मुश्किलें बढ़ने लगी है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले इस बाबा ने बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंचकर सीएम पुष्कर सिंह धामी से पुस्तक का विमोचन कराया था। यही नहीं, उसकी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के साथ फोटो हैं। अग्रवाल भी हाथ जोड़कर उससे आशीर्वाद ले रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के साथ भी उसकी फोटो है। वह उनके भी तिलक लगा रहा है।
सीएम कार्यालय ने बैठाई जांच
सुरक्षा की दृष्टि से सबसे सेफ जोन बीजापुर गेस्ट हाउस तक पहुंचने और मुख्यमंत्री के हाथों अपनी पुस्तक का विमोचन कराना बाबा के साथ कुछ अधिकारियों को भारी पड़ सकता है। खासकर मामले में एक महिला आईपीएस की चर्चाएं तेजी से उड़ रही कि वह बाबा के बेहद करीब थी। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं।
अब ठग के बीजापुर गेस्ट हाउस तक पहुंचने के मामले में सरकार भी सख्त रूख में नजर आ रही है। सवाल है कि ठग तांत्रिक अनिमेश बीजापुर गेस्ट हाउस में कैसे और किसके माध्यम से पहुंचा है। किसने पुस्तक के उदघाटन की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बाबत जांच के आदेश दे दिये गये है।
सूत्रों की मानें तो इस मामले में एसीएस आनंद वर्धन बेहद नाराज है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस गुरु घंटाल तांत्रिक ने कई नेताओं अफसरों को अपने झांसे में ले रखाा था। डोईवाला के नेचर विला जैसे वीवीआईपी महंगे इलाके में ये बहुरूपिया रहता था। महिला से नौ लाख रूपये के आभूषणों की ठगी के मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद आरोपी के तार खुलने लगे है। एक महिला आईपीएस का नाम भी तेजी के साथ इसके साथ जुड रहा है, जो कि लगातार इसके आसपास बीते कई दिनों तक दिखी है।
सूत्र बताते है कि खुफिया एजेंसियाँ भी जानकारीयाँ जुटा रही है कि आखिर कैसे ये बीजापुर गेस्ट हाउस तक पंहुचा। इसमें किन किन लोगो की भूमिका थी। बीजापुर गेस्ट हाउस जैसे वीवीआईपी स्थल तक पंहुचने के पीछे की इस ठग की मंशा क्या रही होगी। अब जांच में इसका खुलासा होगा। इधर , मुख्यमंत्री कार्यालय के जांच के आदेश के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।