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November 8, 2024

फीता कैंची भाषण, मधुर मधुर संभाषण, आपके कर कमलों से-पांच बसों को दूसरी बार सीएम ने दिखाई झंडी

11 दिसंबर को स्मार्ट सिटी के तहत शहर में पांच इलेक्ट्रिक बसों के ट्रायल को उत्तराखंड के सीएम ने हरी झंडी दिखाई थी। अब ट्रायल पूरा हो गया तो उन्हीं बसों को फिर आज झंडी दिखाई।

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तराखंड की भाजपा सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। अब हम आपको एक नाटक के गीत की कुछ पंक्तियां बताते हैं, जो इस प्रकार है-फीता कैंची भाषण, मधुर मधुर संभाषण, आपके कर कमलों से, ताली फोटो आसन, मदिर मदिर उद्घाटन, आपके कर कमलों से। कुछ ऐसा ही दौर उत्तराखंड में शुरू हो चुका है। होना भी चाहिए। सरकार को अपने कार्यों को जनता तक पहुंचाना चाहिए। ताकि विरोधियों को पता चले कि सरकार निरंतर प्रदेश की प्रगति में अग्रसर है। इसी के तहत अब ताली-फोटो, संभाषणों का दौर तेज हो चुका है। यही कारण है कि रविवार को पांच इलेक्ट्रिक बसों को सीएम ने दूसरी बार झंडी दिखाई। एक बार उनके ट्रायल के नाम पर और दूसरी बार बसों को नियमित रूप से चलाने के नाम पर। आजकल पूरे दिन भर उत्तराखंड के सीएम की दिनचर्या उद्घाटन आदि के कार्यक्रम में बीत रही है। आइए हम बताते हैं कि आज मुख्यमंत्री ने क्या क्या किया।

11 दिसंबर को स्मार्ट सिटी के तहत शहर में पांच इलेक्ट्रिक बसों के ट्रायल को उत्तराखंड के सीएम ने हरी झंडी दिखाई थी। अब ट्रायल पूरा हो गया तो उन्हीं बसों को फिर आज झंडी दिखाई। बाकायदा इसकी सूचना देने वाली तख्ती का  लोकार्पण भी किया गया। रविवार को देहरादून में राजपुर रोड स्थित दिलाराम बाजार में जल संस्थान कार्यालय पर इसका उद्घाटन कार्यक्रम किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत यह एक अच्छी शुरूआत हुई है। इलेक्ट्रिक बस से प्रदूषण भी कम होगा और लोगों की यात्रा भी सुलभ होगी। 05 इलेक्ट्रिक बसों को मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
गौरतलब है कि जब देहरादून शहर में इन बसों का ट्रायल शुरू किया गया तब भी 11 दिसंबर मुख्यमंत्री ने बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया था। ट्रायल के तौर पर पहले देहरादून की सड़कों पर ऐसी बसें चलाई गई। कुल पांच रूट पर बस का ट्रायल किया गया।


स्मार्ट सिटी में चलने वाली इन बसों में 25 सीटें सामान्य लोगों के लिए एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर खड़ी करने के लिए स्थान की सुविधा उपलब्ध है। इलेक्ट्रिक बस में फ्रंट और रियर एयर सस्पेंशन की सुविधा उपलब्ध है। यह बस वातानुकूलित है। इसमें जीपीएस सिस्टम, 03 सीसीटीवी कैमरा, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, आईटीएस डिस्प्ले, हर सीट में यूएसबी पोर्ट, आपातकालीन बटन, इमरजेंसी हैमर, अग्निशमन यंत्र एवं रिजनरेशन सिस्टम की सुविधा है।
इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, गणेश जोशी, सीईओ स्मार्ट सिटी एवं जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
क्षत्रिय जागरण स्मारिका का विमोचन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में क्षत्रिय जागरण स्मारिका 2020-21 का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्मारिका में पौराणिक एवं समसामयिक घटनाओं का सही समावेश किया गया है। देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पराक्रमियों का भी स्मारिका के माध्यम से स्मरण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड क्षत्रिय कल्याण समिति समाज हित में निरन्तर कार्य कर रही है। सामाजिक कुप्रथाओं व रूढ़ीवादी विचारों के उन्मूलन, उत्तराखण्ड की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत के संवर्द्धन के लिए उत्तराखंड क्षत्रिय कल्याण समिति द्वारा सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। वर्षा जल के संचय के साथ ही राज्य में अनेक झीलों का निर्माण किया जा रहा है। लोगों को ग्रेविटी आधारित जल मिले इसके लिए सौंग एवं जमरानी बांध परियोजना पर कार्यवाही गतिमान है। सूर्यधार झील बनकर तैयार है और मलढ़ूंग बांध पर भी कार्यवाही चल रही है। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए उत्तराखण्ड क्षत्रिय कल्याण समिति से भी सहयोग लिया जा सकता है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले समिति में अनुभवी लोग भी हैं।
क्षत्रिय जागरण स्मारिका में उत्तराखण्ड की पौराणिक एवं सांस्कृतिक जानकारी के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए जन आन्दोलनों एवं राज्य के लिए विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों के कार्यों के बारे में जानकारी दी गई है। समाज हित में क्षत्रिय कल्याण समिति द्वारा किये गये प्रमुख कार्यों को भी स्मारिका में प्रकाशित किया गया है।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, उत्तराखंड क्षत्रिय कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत सिंह बिष्ट, महासचिव बृज भूषण रावत, स्मारिका के सम्पादक अतुल नेगी एवं क्षत्रिय कल्याण समिति के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

संजीवनी फेस्ट कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चौक देहरादून में संजीवनी फेस्ट कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमारे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखंड के विभिन्न थीम पर आधारित उत्पादों को सही प्लेटफार्म मिलने से राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर हमारे स्थानीय उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी।
उत्तराखंड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोशिएशन एक स्वयं सेवी संस्था है। यह संस्था महिलाओं तथा बालिकाओं के उत्थान एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 20 सालों से प्रयासरत है। संजीवनी की वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती दीपा प्रकाश के प्रयासों से दो दिवसीय संजीवनी फेस्ट का आयोजन किया गया। महिला एवं बालिका विकास को समर्पित संजीवनी कोरोना काल से प्रभावित ग्रामीण दस्तकारी, हस्तशिल्प, आयुर्वेदिक उत्पाद एवं अन्य ग्रामोत्पादों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


संजीवनी फेस्ट का शुभारम्भ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को किया था। इस संजीवनी फेस्ट को सफल बनाने में दीपा प्रकाश की अध्यक्षता में फेस्ट की सदस्य अलकनन्दा अशोक, रश्मि वर्द्धन, अंजलि सिन्हा, अनुराधा सुधांसु, आकांक्षा सिन्हा, शर्मिला भरतरी, अंशु पाण्डे, मुदिता संत, गुंजन यादव, रूपाली ज्योति, लता रावत, सालिनी शाह, दीपाली सिंह एवं शिखा पाण्डेय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
50 करोड़ की योजनाओं का लोपार्पण व शिलान्यास
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मिंयावाला में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 50 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं को लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 18 मार्च को राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण हो जायेंगे। प्रदेश की जनता से जो वायदे किये गये, राज्य सरकार उन वायदों को पूरा कर रही है। जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। 2017 में जो विजन डोक्यूमेंट बनाया था, उसमें से 85 प्रतिशत से अधिक कार्य कर चुके हैं। जो घोषणाएं की गई हैं, उनकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। अधिकांश घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। सड़कों के विकास में विशेष ध्यान दिया गया है।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पिछले 17 साल में जितनी सड़के बनी लगभग उतनी सड़के पिछले 03 साल और दस माह में राज्य में बनाई गई। इस अवधि में 11 हजार किमी सड़कें बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 06 लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इसके लिए पहले 2360 रूपये में उपभोक्ता को पानी का कनेक्शन लेना पड़ता था। 2022 तक सबको पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भी जल जीवन मिशन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में उनको अधिकार दिलाने का कार्य किया है।
उत्तराखंड यह निर्णय लेने वाला देश का पहला राज्य है। यह सुधार आने वाले समय में समाज की दिशा और दशा को बदलेगा। महिलाओं को अब बैंक लोन लेने में परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2008 में जब में प्रदेश का कृषि मंत्री था तब जनपद चमोली में मेरी मुलाकात विश्वेश्वरी देवी से हुई। उन्होंने मेरे समक्ष यह बात रखी थी कि पति की संपति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए। तब से मेरे जहन में यह बात थी।


सीएम ने कहा कि जनधन खातों के माध्यम से लोगों को योजनाओं का सीधा लाभ दिया जा रहा है। राज्य में जल्द घसियारी कल्याण योजना लाई जा रही है। राज्य में हर वर्ष सैकड़ों महिलाओं की जंगल में घास लाने के दौरान अनेक कारणों से मौत हो जाती है। राज्य में इस तरह की कोई घटना न हो, इस योजना के लिए इस बार बजट में प्राविधान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि संस्थागत सुधार की दिशा में भी राज्य सरकार प्रयासरत है। ई-कैबिनेट के लिए राज्य सरकार को अवार्ड मिला। ई-कैबिनेट से पर्यावरण संरक्षण एवं पेपरलेस कार्यप्रणाली की शुरूआत की गई है। आज राज्य में 150 ऑफिस ई-ऑफिस हो चुके हैं। ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को भी ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। अटल उत्तराखंड आयुष्मान योजना के माध्यम से प्रत्येक परिवार को राज्य में 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया गया है। इस योजना से अनेक लोग लाभान्वित हुए हैं। राज्य में शहीद सैनिकों एवं अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के आश्रितों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजित किया जा रहा है। देहरादून में पंचम धाम सैन्यधाम बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 90 प्रतिशत डिग्री कॉलेज के अपने भवन बन चुके हैं। जल्द ही शेष महाविद्यालयों के भवन भी बनाये जायेंगे। भवन के साथ ही महाविद्यालयों को कम्प्यूटर एवं वाई-फाई की सुविधा भी दी जा रही है। राज्य में 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास चल रही है। 600 और विद्यालयों में जल्द ही वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस वर्ष मार्च-अप्रैल तक सौंग बांध के शिलान्याश के प्रयास किये जा रहे हैं। शिलान्यास के बाद 15 माह में यह बांध बनकर तैयार हो जायेगा। रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए प्रयास किये जा रहे है। हरेला पर्व पर 16 जुलाई को प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। 16 जुलाई को एक-एक वृक्षारोपण का सबको संकल्प लेना होगा।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य मंत्री राजकुमार पुरोहित, राजपाल सिंह रावत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

दिल्ली में हिमाद्रि एम्पोरियम का उद्घाटन
आज रविवार नई दिल्ली स्थित उत्त्तराखण्ड सदन में नवस्थापित “हिमाद्रि एम्पोरियम” का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एम्पोरियम का उद्देश्य उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों का विकास, विपणन एवं विक्रय है। इस एम्पोरियम की स्थापना से सदन में आने वाले अतिथि एवं आगंतुक उत्त्तराखंड के विभिन्न उत्पादों से परिचित हो सकेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए शिल्पकारों और बुनकरों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। हमारी पूरी कोशिश है कि उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को अच्छी कीमत और मार्केट मिल सके। ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उद्योग विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद राज्य के शिल्प उत्पादों के विकास, संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में कार्य करती है। परिषद द्वारा राज्य के बुनकरों व शिल्पियों के कौशल एवं उनके उत्पादों के डिजाइन, गुणवत्ता एवं बाजार की मांग के अनुरूप विकास हेतु विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, मेलों, कार्यशालाओं आदि के आयोजन व प्रतिभाग द्वारा प्रयास किए जाते रहे हैं।


परिषद की ओर से राज्य के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों का हिमाद्रि ब्रांड के अंतर्गत इस हेतु स्थापित विभिन्न एंपोरियमों के माध्यम से विपणन किया जा रहा है। इसी क्रम में नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड के शिल्प उत्पादों के प्रदर्शन एवं विपणन हेतु हिमाद्रि एंपोरियम स्थापित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इसके साथ-साथ उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पटेल नगर स्थित जिला उद्योग केंद्र परिसर में भी इसी वर्ष नए हिमाद्री एंपोरियम का शुभारंभ किया जाएगा। जनपद देहरादून स्थित दून हाट, जनपद पिथौरागढ़ के बिण, जनपद चमोली के भीमतल्ला एवं जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर स्थित रूरल हाटों के माध्यम से भी राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम उत्पादों के विपणन एवं प्रदर्शन हेतु स्थापित किये जा रहे हैं। इससे विभिन्न प्रांतों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों एवं आगंतुकों को राज्य के उत्पादों से परिचित होने का अवसर प्राप्त हो सके। कोविड-19 में उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत परिषद द्वारा अमेजन के माध्यम से राज्य के बुनकरों तथा शिल्पियों के उत्पादों का ऑनलाइन विपणन का कार्य भी काफी समय से सफलतापूर्वक किया जा रहा है।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. राकेश कुमार, डा. पराग मधुकर थकाते, विशेष सचिव मुख्यमंत्री, डा मेहरबान सिंह बिष्ट अपर सचिव मुख्यमंत्री, ईला गिरी, अपर स्थानिक आयुक्त, सुधीर चन्द्र नौटियाल, निदेशक उद्योग, रंजन मिश्रा वरिष्ठ व्यवस्था अधिकारी, के0सी0 चमोली नोडल अधिकारी उद्योग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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