सीएम धामी बोले-उत्तराखंड बनेगा हिमालयी राज्यों के लिए विकास का मॉडल, सुनी जन समस्याएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पूरे हिमालय क्षेत्र को विकास की राह दिखा सकता है। इकोनोमी और इकोलॉजी में संतुलन रखते हुए सतत विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है। चंपावत जिले को मॉडलके रूप में लिया गया है। चंपावत में सभी तरह की भौगोलिक परिस्थितियां मौजूद हैं। यह न केवल उत्तराखंड बल्कि सभी हिमालयी राज्यों के लिए मॉडल बनेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम विभाग और संस्थाएं विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां कर रही हैं। इनमें समन्वय की आवश्यकता है। इंटिग्रेटेड एप्रोच अपनानी होगी ताकि विभाग व संस्थाएं एक दूसरे के कामों से लाभान्वित हो जिसका फायदा राज्य को भी होगा। उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करना है। चंपावत जनपद को आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकास्ट नोडल एजेंसी के रूप में काम करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि चंपावत में कार्बेट ट्रेल व आयुष ग्राम पर तेजी से काम किया जाए। हैलीपेड बनाने की सम्भावना का अध्ययन किया जाए। सिडकुल द्वारा छोटे इंडस्ट्रीयल एरिया विकसित किये जा सकते हैं। आईटीआई में रोजगार परक व बाजार की मांग आधारित कोर्सेज संचालित हों। सङक व रेल कनेक्टीवीटी को विकसित करने के लिए राज्य सरकार केंद्रीय मंत्रालयों के सम्पर्क में है। इको टूरिज्म, मत्स्य पालन व औद्यानिकी में भी काफी सम्भावनायें है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण डॉ अनिल जोशी ने कहा कि हमें सभी की भागीदारी से आगे बढ़ना है। एक दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बोधिसत्व संवाद कार्यक्रम की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड को प्रकृति प्रदत्त बौद्धिकता है। यहां ऋषि परम्परा रही है।चंपावत को विभिन्न क्लस्टरों में विकसित किया जा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के अधिकारियों ने टोपोग्राफी, भू उपयोग, साईट सूटेबिलिटी एनालिसिस, सॉयल, सिंचाई, जैव विविधता, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ड्रैनेज, भूजल, जियोलाजिकल स्ट्रक्चर, लैंडस्लाइड से संबंधित मैपिंग पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि उनका संस्थान सैटेलाइट कम्यूनिकेशन, टेली एजुकेशन व टेली मेडिसन में सहयोग कर सकता है। आईआईपी द्वारा बताया गया कि हाल ही में उनकी एक टीम चंपावत गई थी। और विभिन्न सम्भावनाओं का अध्ययन किया है। आईआईपी ने चीङ की पत्तियों का आर्थिक उपयोग व बायोडीजल के क्षेत्र में काम कराने की बात कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मत्स्य संस्थान द्वारा बताया गया कि ट्राउट फिशिंग में काम की काफी सम्भावनायें हैं। वन विभाग की ओर से कहा गया कि इको टूरिज्म के साथ ही वन पंचायतों के माध्यम से हर्बल व ऐरोमैटिक के क्षेत्र में काम किया जा सकता है। बैठक में यूकास्ट के निदेशक प्रो.दुर्गेश पंत, विनोद सिंघल, अपर सचिव सी रविशंकर, रंजना, श्री बंशीधर तिवारी, डीएम चंपावत नरेन्द्र सिंह भंडारी सहित विभिन्न विभागों व नाबार्ड के अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने आम जनता से भेंट कर सुनी जन समस्यायें
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों तथा विभिन्न संगठनों आदि से जुड़े लोगों से भेंट कर उनकी समस्यायें सुनी। उन्होंने सभी की समस्याओं से अवगत होते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं का समाधान अधिकारियों की जिम्मेदारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद स्तर पर स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान हो इसके लिए जिलाधिकारियों को प्रतिमाह अपने-अपने जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों में बहुउद्देशीय शिविरों के आयोजन की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही सभी अधिकारियों को सोमवार को जनता से मिलने का समय निर्धारित कर अनिवार्य रूप से जन समस्याओं के निराकरण की व्यवस्थ सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नन्हीं दुनिया के बच्चों से भी भेंट की तथा उन्हें शुभकामनायें देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।