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November 22, 2024

सीएम धामी बोले-हिमालयी क्षेत्रों तक टाइगर की उपस्थिति स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी का परिणाम, पढ़िए उनके अन्य कार्यक्रम के बारे में

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में तराई क्षेत्र से उच्च हिमालयी क्षेत्रों तक टाइगर की उपस्थिति स्थानीय निवासियों की टाइगर संरक्षण में सक्रिय भागीदारी का परिणाम है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में अन्तराष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड में तराई क्षेत्र से उच्च हिमालयी क्षेत्रों तक टाइगर की उपस्थिति स्थानीय निवासियों की टाइगर संरक्षण में सक्रिय भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2006 में 178 बाघों की अपेक्षा वर्ष 2018 में 442 बाघों की उपस्थिति भी राज्य के निवासियों की टाइगर संरक्षण में निभाई जा रही भागीदारी को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मानव वन्य-जीव संघर्ष को कम करने के लिये अन्य राज्यों द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं एवं उपायों का भी अध्ययन करने की अपेक्षा की। ताकि राज्य में मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने में मदद मिल सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के पहले नर टाइगर जिसका कार्बेट से राजाजी में रि-इन्ट्रोडक्शन किया गया था, के चित्र का भी अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने राज्य में टाइगरों की संख्या में बढ़ोत्तरी तथा टाइगर सफारी को पर्यटन के लिये भी सुखद बताया। इन क्षेत्रों में पर्यटकों का आवागमन प्रदेश की आर्थिकी को भी मजबूती प्रदान करेगा।
इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के तराई-भाबर क्षेत्र के टाइगर रिजर्व में टाइगर घनत्व देश में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में टाइगरों की उपस्थिति तराई-भाबर के अलावा उच्च हिमालयी क्षेत्र, केदारनाथ एवं अस्कोट वन्य जीव विहार के इनकी कैमरा ट्रेप की गई है। यह टाइगरों के निवास स्थलों के बढ़ने के भी संकेत है। वन मंत्री ने कहा कि पारस्थितिकी तंत्र में वन्य जीवों के उच्च स्तर पर भोजन श्रृंखला निचले स्तर भोजन स्तर की सुदृढ़ता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि टाइगर सफारी पाखरो से भी आर्थिकी को बढ़ावा मिल सकेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव अनन्द बर्द्धन, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डा.पराग मधुकर धकाते, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अनूप मलिक आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री का संबोधन हमारे लिए ऊर्जा और पथ प्रदर्शक का काम करेगा: मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से देश को सम्बोधित किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री ने ऑनलाइन किया प्रतिभाग। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई विभिन्न पहलों का शुभारम्भ करते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चरणबद्ध ढंग से देश में लागू किया गया है। आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इसका हिस्सा बनी है। राष्ट्रीय महत्व की शिक्षा नीति नये भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी, शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की चुनौती का सामना करने में भी इससे मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्या प्रवेश, निष्ठा-2, सफल, एकेडमिक क्रेडिट बैंक, नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति फोरम, भारतीय सांकेतिक भाषा जैसी पहल हमारे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता के साथ ही हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का विकास करने में मददगार होंगे। उन्हें अब अच्छी पढ़ाई के लिये विदेश जाने के बजाय अब विदेशी यहां पढ़ने के लिये आयेंगे।
नई शिक्षा नीति हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे सोचने में भी मदद करेगी। अब हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी भाषा में शिक्षा दिये जाने का लाभ देश के गरीब पिछड़े आदिवासी युवाओं को मिलेगा, जिन्हें अभी तक भाषाओं की समस्या का सामना करना पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में तीन लाख से अधिक बच्चों को सांकेतिक भाषा की जरूरत है। साइन लैंग्वेज को भाषा का दर्जा देने से इन्हें इनका लाभ मिल सकेगा।

कार्यक्रम के पश्चात आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन हमारे लिए ऊर्जा और पथ प्रदर्शन का कार्य करता है । उन्होंने कहा कि आज देश को शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना कर सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक क्रांतिकारी और युगांतकारी घटना है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक मजबूत आधार स्थापित करेगी। उसके लिए शिक्षा मंत्री, भारत सरकार श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी सतत प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के साथ उत्तराखण्ड तत्परता से खड़ा है।
उन्होंने कहा कि विद्या प्रवेश, निष्ठा 2 और सफल (SAFAL), एकेडमिक क्रेडिट बैंक और बहुस्तरीय प्रवेश और निकास के अवसर, क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग कोर्स और कार्यक्रमों की शुरुआत, नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर (NDEAR) और राष्ट्रीय शिक्षा तकनीकी फोरम (NETF) की शुरुआत और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के सन्दर्भ में दिए दिशा निर्देश सहित भारतीय सांकेतिक भाषा (Indian Sign Language) का एक विषय के रूप में शुरुआत तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग भारतीय शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी और सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति एक नये भारत का निर्माण करेगी। युवा पीढ़ी को आधुनिक ज्ञान- विज्ञान के साथ भारतीय संस्कृति से जोङेगी। इसमें हमारे विद्वान शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और उनकी संकल्पनाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चौधरी, रूसा सलाहकार प्रो. केडी पुरोहित, प्रो. एमएसएम रावत, रूसा नोडल एएस उनियाल सहित शासन एवं विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

कैबिनेट मंत्री भगत बीमार, सीएम धामी पहुंचे अस्पताल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर सांय देहरादून स्थित मैक्स अस्पताल जाकर वहां भर्ती कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद और आचार्य बालकृष्ण ने भी बंशीधर भगत का हालचाल जाना।

टीकाकरण केंद्र का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चल रहे कोविड टीकाकरण कैंप का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने अभियान में जुटे स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का उत्साहवर्धन किया एवं टीका लगवाने आए सचिवालय कर्मियों एवं उनके परिजनों से भी मुख्यमंत्री ने बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण अभियान में और तेजी लायी जायेगी। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में टीकाकरण के कैम्प लगाये गये हैं।

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