सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में टनल की खुदाई करने वाले 12 रैट माइनर्स को सीएम धामी ने किया सम्मानित
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तरकाशी के सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में टनल की खुदाई में अहम भूमिका निभाने वाले 12 रैट माइनर्स को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और सभी रैट माइनर्स को 50-50 हजार रूपये के सम्मान राशि के चेक भी प्रदान किये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रैट माइनर्स ने अपनी जान की परवाह किये बिना कठिन परिस्थितयों में टनल में खुदाई, सफाई और पाइप को काटने का कार्य किया। सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलता तक पहुंचाने में रैट माइनर्स का बहुत बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कहा कि जिस लगन और परिश्रम से हमारे रैट माइनर्स ने इस रैस्क्यू अभियान को सफल बनाने में अन्य एजेंसियों के साथ योगदान दिया। इसके लिए सभी रैट माइनर्स बधाई और आशीर्वाद के पात्र हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा रेस्क्यू अभियान में योगदान देने वाले सभी लोगों का भी प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले रैट माइनर्स ने राज्य में स्वागत और सम्मान होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे 41 लोगों की जान बचाने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ उन्हें भी अपना योगदान देने का अवसर मिला, यह उनके लिए गर्व की बात है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला भी मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। 24 नवंबर से मशीन से खुदाई ठप हो गई थी। इसके बाद हाथ से खुदाई की गई और मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया। हाथ से खुदाई को ही रैट माइनिंग कहा जाता है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।