सीएम धामीः शपथ लेने के दौरान 22 हजार भर्तियों का दावा, भर्ती भी लटकी, पुलिस कांस्टेबलों को मिला लॉलीपाप
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का शपथ लेते ही दावा किया गया था कि छह माह के भीतर उत्तराखंड में 22 हजार पदों पर सरकारी भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
उत्तराखंड में पिछले पांच साल के भीतर तीसरे सीएम के रूप में शपथ ग्रहण करने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि प्रदेश में 22000 पदों पर छह माह के भीतर नियुक्ति कर दी जाएगी। दावा तो ये भी कहा कि हम यदि घोषणा करते हैं तो उसे पूरा करके भी दिखाते हैं। यानी सभी को नियुक्ति पत्र हमारे कार्यकाल में ही मिलेगा। अब ऐसा तो नजर नहीं आ रहा है कि इस सरकार के कार्यकाल में सभी भर्तियां पूरी हो पाएंगी और नियुक्तियां मिल पाएंगी। दावे तो यहां तक किए गए थे कि हम जो शिलान्यास करेंगे उसका लोकार्पण भी करेंगे, लेकिन हाल ही में किए गए शिलान्यास की भी सूची है, जिसका लोकार्पण भी अगली सरकार के कार्यकाल में ही संभव है।
भर्तियों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षकों के करीब 2200 पदों की भर्ती प्रक्रिया एक साल से चल रही है। अभी इसकी काउंसलिंग तक पूरी नहीं हो पाई है। वहीं राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से छह हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इनकी लिखित परीक्षा भी 13 फरवरी को तय थी। अब 14 फरवरी को उत्तराखंड में मतदान है। ऐसे में स्कूलों में ये परीक्षा कराना भी संभव नहीं होगा। क्योंकि तब तक सारी मशीनरी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हो जाएगी। साथ ही स्कूलों में मतदान केंद्र बन चुके होंगे। इनमें नायब तहसीलदार, ग्राम विकास अधिकारी आदि के पदों की परीक्षा होनी थी। इसी तरह आयोग की ओर से अन्य चार हजार और प्रस्तावित पदों की विज्ञप्ति भी जारी नहीं हो पाई है। अब अगली सरकार गठित होने के बाद ही इस पर कार्रवाई आरंभ होगी।
उत्तराखंड अधिनस्थ चयन सेवा आयोग की ओर से करीब छह हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर इन दिनों कसरत चल रही थी। इनमें पुलिस विभाग के करीब 1700 पद हैं। वहीं पटवारी, पर्यावरण पर्वेक्षण, फोरेस्ट गार्ड, वाहन चालक, आइटीआइ अनुदेशक आदि के पदों पर भी लिखित परीक्षा होनी थी। इनकी विज्ञप्ति भी जारी हो चुकी थी। परीक्षा की तिथि भी तय थी। अब ये परीक्षा भी खटाई में पड़ती नजर आ रही है। क्योंकि पुलिस भर्ती के लिए भी शारीरिक दक्षता सहित अन्य परीक्षा के लिए पूरे तामझाम की जरूरत है। पुलिस मशीनरी अब चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने में जुट जाएगी। ऐसे में पुलिस सहित अन्य विभागों में करीब छह हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
इसके अलावा चयन आयोग की ओर से करीब चार हजार पदों की प्रक्रिया को भी शुरू करने की कसरत चल रही थी। इसकी विज्ञप्ति जारी नहीं हो सकी। चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने माना कि आचार संहिता लगने से करीब छह हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होने की संभावना है। निर्वाचन आयोग से इस दिशा में दिशा निर्देश मांगे जाएंगे।
पुलिस कर्मियों को एकमुश्त मानदेय दो लाख
उत्तराखंड में 4600 रुपये ग्रेड पे की मांग कर रहे पुलिसकर्मियों की भी मुराद पूरी नहीं हो सकी। चुनाव आचार संहिता लगने से पूर्व उत्तराखंड सरकार ने पुलिस आरक्षियों को एकमुश्त मानदेय के रूप में दो लाख रुपये देने की घोषणा जरूर की। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत उत्तराखंड पुलिस आरक्षियों के प्रथम बैच 2001 के प्रत्येक आरक्षी को दो लाख रुपये की धनराशि एकमुश्त मानदेय के रूप में मिलेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।