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November 22, 2024

कपकोट में नर्सिंग कॉलेज खोलने की सीएम ने दी स्वीकृति, दून विश्विद्यालय और आईआईटी रुड़की के कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा क्षेत्र कपकोट के ससोला में नर्सिंग कालेज खोलेने एवं कपकोट में स्थित केदारेश्वर स्टेडियम की सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा कार्य किये जाने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने हरिद्वार के जलभराव वाले क्षेत्रों को आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आगामी 03 माह तक विद्युत, जल व अन्य सरकारी देयकों एवं ऋणों की वसूली को स्थगित रखे जाने की सहमति, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तीव्रता से व्यापक सर्वेक्षण कराकर मानकानुसार तत्काल राहत राशि / मुआवजा का वितरण सुनिश्चित किए जाने की भी सहमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने एवं बचाव के लिए बाढ़ प्रबन्धन योजना पर कार्य किए जाने तथा इसके साथ ही जल निकासी की व्यापक योजना तैयार किए जाने की भी स्वीकृति प्रदान की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके साथ ही भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों को चौनेलाईज कराये जाने का कार्य कराये जाने हेतु ठोस कदम उठाये जाने, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी बाढ़ राहत केन्द्रों का निर्माण कराए जाने संबंधी प्रस्तावों को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

खटीमा में विभिन्न योजनाओं को प्रदान की स्वीकृति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उच्च स्तर का ज्ञान प्राप्त करने के लिए खटीमा क्षेत्र में पुस्तकालय तैयार करने, खटीमा में जल भराव से निजात के लिए ड्रेनेज प्लान तैयार किये जाने एवं चरणबद्ध रूप से नालों का निर्माण किये जाने के साथ ही विविध हस्तशिल्पों और हथकरघा क्षेत्र में आजीविका की व्यापक सम्भावना व विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना तैयार किये जाने, खटीमा क्षेत्र के आईटीआई व अन्य विषयों के साथ क्षेत्र के हस्तशिल्प व हथकरघा की विशेष कलाओं के संरक्षण एवं विकास के प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

दून विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय में आयोजित नवप्रवेशित विद्यार्थियों के दीक्षारम्भ समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने दून विश्वविद्यालय परिसर में ओपन एयर थियेटर एवं स्कूल ऑफ मैनेजमेंट भवन का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर “Changing Paradigms in Business and Technology” एवं “Innovative Management Practices” नामक पुस्तकों का विमोचन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि उत्तराखंड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में छात्र छात्राओं की अहम भूमिका होगी। राज्य का भविष्य यहां के युवाओं के भविष्य पर निर्भर करता है। पढ़ाई के साथ युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए राज्य सरकार नौजवानों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने दीक्षारंभ (सत्रारम्भ) समारोह में आए छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में प्रवेश के साथ ही जीवन में एक नए अध्याय की शुरूवात हुई है। जीवन में शिक्षा का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। उच्च शिक्षा में प्रवेश जीवन में ज्ञान के महत्व को इंगित करने का एक अभिनव क्षण है। यह पल आपकी स्मृतियों में जीवनभर ताजा बने रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सदियों से ही महान ऋषियों की कर्मस्थली रही है। जिन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा को भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में प्रचारित और प्रसारित किया। आज भी हमारे कई शैक्षणिक संस्थान न सिर्फ देश में अपितु वैश्विक स्तर पर अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। उत्तराखंड की समृद्ध ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दून विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवावस्था जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है, इसके बल पर आप लोग चुनौतियों को अवसर में परिवर्तित कर सकते हैं तथा अपनी सृजनशक्ति के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नित नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। वर्तमान में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सहयोग हेतु प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जनता से संवाद स्थापित कर उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उत्तराखण्ड की लोक भाषाओं, बोलियों एवं साहित्य के संरक्षण, संवर्धन एवं शोध के क्षेत्र में कार्य करने के लिए नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र भी स्थापित किया गया है। यह शोध केन्द्र प्रदेश की भाषाओं व साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही विदेशी भाषाओं में भी नए कोर्स शुरु किए गए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री.नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में शिक्षा, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिये अनेक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा युवाओं को समाज एवं राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने के लिये शिक्षा के साथ ही उनके कौशल विकास के लिये विशेष ध्यान दिया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में प्रवेश उत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। समर्थ पोर्टल के माध्यम से विभिन्न महाविद्यालयों में एडमिशन हेतु 71 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में डिग्री कॉलेजों हेतु ई- ग्रंथालय की व्यवस्था की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अन्य कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए शैक्षिक कैलेंडर भी जारी किया गया है। उत्तराखंड राज्य के सभी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह नवंबर माह में किए जाने का फैसला राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। राज्य में मेधावी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना दी जा रही है। उत्तराखंड राज्य के विश्वविद्यालय देश के सर्वाेच्च विद्यालयों में शामिल हों, इसके लिए सरकार निरंतर कार्यरत है। इस दौरान कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल एवं अन्य उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

स्व. मदन दास देवी को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को भीमगोडा स्थित कृष्ण कृपा आश्रम में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह कार्यवाह मदन दास देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने मदन दास देवी जी के निधन से समाज की अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि उनका पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा तथा वे निरन्तर राष्ट्र के निर्माण में सन्नद्ध रहे, जो हमारे लिये प्रेरणा का स्रोत है। श्रद्धांजलि सभा में महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, भाजपा राजधानी कार्यालय प्रमुख महेंद्र पांडेय, प्रफुल आकांत, शैलेन्द्र आदि ने भी मदन दास देवी को श्रद्धांजलि दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मदन दास देवी को श्रद्धाजंलि देने वालों में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत राम मुनि, महंत जसविंद्र शास्त्री, महंत विष्णुदास, अनिल गुप्ता, सुनील, दयानन्द, आशीष चौहान, अधिवक्ता परिषद से.हरि बोरिकर, उमेश दत्त शर्मा, अमोल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, प्रेमचन्द्र अग्रवाल, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाई, पदम सिंह, दिनेश सेमवाल, शैलेन्द्र, अजय कुमार, सुरेश जोशी, रमेश गाड़िया, विक्रम, ममता सिंह, रितांशु कंडारी, नवीन पन्त, पूर्व मेयर हरिद्वार मनोज गर्ग, रोहन सहगल, यतींद्र नागयन, विकास तिवारी आदि प्रमुख थे। संचालन कुँवर रोहिताश्व ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

आईआईटी रुड़की में आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में थिंक इण्डिया के सहयोग से आयोजित जी-20 इम्पैक्ट समिटः अनशीलिंग द पोटेंशियल कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए एक राजनयिक अवसर नहीं, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है, जो विश्व के भारत पर भरोसे का एक पैमाना है। उन्होंने कहा कि जी-20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी का तथा विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या समाहित है, जो आजादी के अमृतकाल में हमारे लिये गर्व की बात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के जी-20 की थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर है, जो मूल रूप से भारतीय संस्कृति द्वारा विश्व को दिए गए सिद्धांत वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित है, जिसका अर्थ है समस्त विश्व एक परिवार है। जी-20 के लोगो का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 का यह लोगो केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं बल्कि एक संदेश है, एक भावना है, जो हमारी रगो में है, यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र के जरिए विश्व बंधुत्व की भावना को हम सदियों से जीते आए हैं तथा हमारी प्राचीन संस्कृति का यह विचार इस लोगो और थीम में प्रतिबिंबित होता है। उन्होंने कहा कि इस लोगो में कमल का फूल, भारत की पौराणिक धरोहर, हमारी आस्था, हमारी बौद्धिकता, को चित्रित करता है तथा भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने जी-20 के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इसका उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए दुनिया को एक मंच पर लाना है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के लोगों को भारत को जानने, समझने की उत्कट जिज्ञासा है। वे हमारी सांस्कृतिक धरोहरों का अध्ययन, वर्तमान की सफलताओं का आकलन तथा हमारे भविष्य को लेकर अभूतपूर्व आशाएं प्रकट कर रहे हैं। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इन अपेक्षाओं से आगे बढ़कर दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक ताकत से परिचित कराएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत आज विश्व की पांचवी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत को समृद्ध, शक्तिशाली तथा आर्थिक रूप से मजबूत नये नजरिये के रूप में देख रहा है। चाहे वह रूस-यक्रेन युद्ध में अप्रवासी भारतीयों को सकुशल वापस लाने की बात हो, कोराना काल में विश्व के अनेक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात हो, हर क्षेत्र में आज भारत अग्रणी की भूमिका निभा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री.नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य को जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन करने का अवसर प्रदान किया तथा इस महत्त्वपूर्ण दायित्व को हमने अच्छी तरह निभाया। उन्होंने कहा कि जी-20 की तीन बैठकों के माध्यम से हमने देवभूमि से अतिथि देवों भव का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मैं खुद जब जी-20 की बैठकों में विभिन्न देशों के डेलीगेटस से मिला और मैंने जब उनका भारत के प्रति प्रेम देखा तो वे पल मेरे लिए अविस्मरणीय थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आई.आई.टी. रूड़की का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान 176 वर्षों से भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में देश को गौरवान्वित करता आ रहा है तथा यहां से अध्ययन करने वाले अनेकों विद्यार्थी आज देश व विदेश के अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देते हुये अपने ज्ञान एवम् कुशलता से देश का नाम रोशन कर रहे हैं तथा शोध के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जी-20 इम्पैक्ट समिट अनशीलिंग द पोटेंशियल कार्यक्रम को भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान रूड़की के निदेशक प्रो केके पन्त, प्रो एसएच उपाध्याय, सार्थक पाण्डया ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष रूड़की शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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