Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 15, 2025

ग्राफिक एरा के दोनों विश्वविद्यालयों में कक्षाएं शुरू, चहके विद्यार्थी, बोले-कोरोना ने बना दिया था बहुत लेजी

कोरोना के कारण ख्वाबों में सिमट चुके स्कूल –कॉलेज अब दुबारा खुले, तो किसी खुशनुमा सपने के हकीकत में बदलने जैसे अहसास से युवाओं के चेहरे दमक उठे।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद आज छात्र-छात्राएं पहली बार देहरादन में ग्राफिक एरा के दोनों विश्वविद्यालय पहुंचे। कोरोना के कारण ख्वाबों में सिमट चुके स्कूल –कॉलेज अब दुबारा खुले, तो किसी खुशनुमा सपने के हकीकत में बदलने जैसे अहसास से युवाओं के चेहरे दमक उठे। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आज शाम तक ऐसे ही नजारे रहे। लॉकडाउन और कोरोना की दहशत से बाहर निकल कर अपना भविष्य संवारने की ख्वाइश और यूनिवर्सिटी के खुशियों से सराबोर माहौल में वो टीस भी जुबां पर आ गई, जो मजबूरी बन गई थी।
एक लम्बे अरसे के बाद यूनिवर्सिटी पहुंचे छात्र-छात्राओं के लिए ऐसा सुखद अहसास है जो कालेज से बाहर रहने के दर्द और मजबूरी को बाखूबी नुमांया करता है…। इस मजबूरी ने जिंदगी को कई दिलचस्प मोड़ों पर पहुंचा दिया है। बीसीए के पांचवे सेमेस्टर की अंजलि रांगड कहती हैं कि कोरोना और लॉकडाउन ने बहुत लेजी बना दिया था। जब करने को कुछ न हो तो सुबह देर से उठने की आदत पड़ गई थी। पहले यूनिवर्सिटी आने के लिए सुबह छह बजे उठकर तैयार करते थे। आज बहुत दिन बाद ड्रेस पहनी तो वह कुछ टाइट लगी…।

ऋषिता अग्रवाल भी आज बहुत खुश नजर आ रही थी। ऋषिता ने कहा कि यूनिवर्सिटी बंद होने के कारण सब कुछ पीछे छूट गया था। बस इंटरनेट और इंटरनेट बचा था। दोपहर तक डेढ़ जीबी डाटा खत्म हो जाता था। आज वक्त इतना अच्छा गुजर रहा है और सारा डाटा बचा पड़ा है। डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्र हर्षित पांथरी और प्रियांशु नैनवाल ने कहा कि आज कई महिनों बाद आमने-सामने पढ़ने का मौका मिला और पैसे मिलाकर कैंटीन का लुफ्त उठाने का भी।

कबीर रावत ने कहा कि ऑनलाइन से कहीं ज्यादा अच्छा सीखने का मौका ऑफलाइन क्लास में होता है। शिक्षकों से आज काफी दिनों बाद सीधे संवाद हुआ, तो जटिल चीजें भी बहुत आसान लगीं। बीटेक (आईटी) के छात्र प्रशांत खत्री ने कहा कि कोरोना ने लाईफ को बहुत डल बना दिया था। आज बहुत समय बाद उन्हें डीम्ड यूनिवर्सिटी आकर बास्केट बॉल खेलने का मौका मिला। पढ़ाई के साथ खेलने के ऐसे आनंद को वे बहुत मिस कर रहे थे। कई छात्र छात्राओं ने कोरोना में अपने प्रियजनों को खो दिया है। आज यूनिवर्सिटी पहुंच कर उन्हें बदले माहौल में वक्त के घावों पर मरहम लगाने का भी मौका मिला।
दोनों विश्वविद्यालय आज छात्र-छात्राओं से गुलजार रहे। काफी छात्र-छात्राएं दो-दो मास्क और सेनिटाइजर लेकर आये। ग्राफिक एरा ने कोरोना टेस्ट रिपोर्ट और वैक्सीनेशन के सार्टिफिकेट के साथ आने वाले छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी में प्रवेश देने की व्यवस्था की है। गेट पर थर्मल स्कैनिंग के बाद ही यूनिवर्सिटी में प्रवेश देने की व्यवस्था की गई है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page